जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : झुंझुनूं आजादी की लड़ाई में अपनी प्रमुख भूमिका अदा करने वाले पंडित रामप्रसाद बिस्मिल जिनके खून के एक एक कतरे में राष्ट्र प्रेम की लौ जलती थी। आजादी के इस सूत्रधार महान क्रांतिकारी की जंयती पर झुंझुनूं के भाजपा के वरिष्ठ नेता व वसुंधरा राजे समर्थक मंच के प्रदेश प्रमुख महामंत्री महेश बसावतिया ने एक बयान में उनके बारे में बताते हुए कहा है कि मां भारती के एक सच्चे सपूत, वीर क्रांतिकारी, अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ काकोरी कांड और मैनपुरी षडयंत्र के प्रमुख सूत्रधार पं. रामप्रसाद बिस्मिल एक कवि, शायर, इतिहासकार और साहित्यकार भी थे । उन्होंने अपने जीवन में कई पुस्तकें लिखी और उन्हें स्वयं प्रकाशित भी करवाया ।
उनके सर पर आजादी का इतना जुनून था कि उन पुस्तकों से जो पैसा मिला उससे हथियार खरीदे और उन हथियारों का उपयोग अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ किया। “बिस्मिल” का अर्थ उर्दू तखल्लुस (उपनाम) था।जिस का हिंदी में अर्थ होता है आत्मिक रूप से आहत। बसावतिया ने आगे कहा कि उनका जीवन केवल और केवल मां भारती को समर्पित था । आज उनकी जंयती पर श्रध्दाजंलि देते हुए बसावतिया ने बताया कि अंखड भारत के लिए युवा पीढ़ी को प्रयासरत होते हुए राष्ट्रप्रेम का जज्बा रखें यही पंडित रामप्रसाद बिस्मिल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पंडित रामप्रसाद बिस्मिल युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है ।