झुंझुनूं-खेतड़ी(टीबा) : पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सोमवार को एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर निशाना साधा। पायलट ने कहा कि जनता से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं, ऐसे में चुनाव के वक्त किस मुंह से वोट मांगने जाएंगे। सचिन सोमवार को झुंझुनूं जिले के खेतड़ी में टीबा गांव में शहीद की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के बाद हुई सभा में बोल रहे थे।
शहीद श्योराम के प्रतिमा अनावरण समारोह में सचिन पायलट व मंत्री गुढ़ा ने सीएम पर साधा निशाना
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि सात दिन पहले उन्होंने वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कराने के लिए जयपुर में एक दिन के लिए अनशन किया था, लेकिन सात दिन बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। इससे सरकार की मंशा पर सवालिया निशान खड़े होते हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग पूर्व में सरकार नहीं होने पर वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार की बातें करते थे, वे आज पावर में होने के बाद भी उनकी जांच नहीं करा रहे हैं। वे सोमवार को क्षेत्र के टीबा गांव के शहीद श्योराम गुर्जर की प्रतिमा अनावरण समारोह में बोल रहे थे।
2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए जनता से अनेक वादे किए गए थे, लेकिन किए गए वादे पूरे नहीं हुए। ऐसे में अब किस मुंह से मैदान में जाकर पार्टी के लिए वोट मांगेंगे।
पायलट के खिलाफ कार्यवाही की तो सीएम को छठी का दूध याद दिला देंगे : गुढ़ा
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर शब्दों के तीर चलाए। उन्होंने सचिन पायलट से कहा कि आप के पीछे राजस्थान की 36 कौम का जवान खड़ा है। मैं दावा कर रहा हूं कि अगर सचिन पायलट के खिलाफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अनुशासनहीनता की कार्यवाही की तो छठी का दूध याद दिला दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट के कारण ही राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का युवा गद्दार, भ्रष्टाचारी, निकम्मा व नकारा शब्द नहीं सुन सकता। अब हमारे ध्येय की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई मुख्यमंत्री से किसी मामले की जांच करवाने की मांग करते हैं तो उन्हें अनुशासनहीनता मानते हुए कार्रवाई करने की धमकियां दी जाती हैं। लेकिन जनता सबकुछ जानती है।
वीरांगना को नौकरी का मुद्दा छाया, पायलट बोले-नियम बदलने पड़ें तो बदलें
शहीद श्योराम गुर्जर ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड कामरान गाजी को ढेर कर देश के लिए बहुत बहादुरी का काम किया गया था। इसके बावजूद भी वीरांगना को आज तक सरकारी नौकरी के लिए चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, यह बड़े दुख की बात है। देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले लोगों के लिए नियम व कायदे बदलने पड़े तो सरकार को आगे आकर बदलना चाहिए और शहीद परिवारों को उचित न्याय देना चाहिए। सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि शहीद वीरांगना को नौकरी नहीं मिलना बड़ी दुख की बात है।
सैनिक कल्याण मंत्री होने के बावजूद भी वह वीरांगना को नौकरी नहीं दिला पा रहे, ऐसे में वह वर्तमान सरकार में लाचार हो रहे हैं। खेतड़ी के विधायक सीएम सलाहकार हैं, लेकिन एक सिपाही का ट्रांसफर भी नहीं करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि उनके हाथ में पावर होती तो वह शहीद के पूरे परिवार को नौकरी लगा देते और वीरांगना को भटकना नहीं पड़ता। पूरे पावर मुख्यमंत्री ने सेंट्रलाइज कर रखा है।