झुंझुनूं-खेतड़ी : जयपुर में निजी चिकित्सकों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने के विरोध में मंगलवार को सरकारी अस्पतालों में दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया। राजकीय अजीत अस्पताल में कार्य बहिष्कार होने से मरीजों को उपचार कराने के लिए इंतजार करना पड़ा, वहीं मरीजों की लंबी लाइनें नजर आई। 11 बजे अस्पतालों में ओपीडी शुरू होने के साथ ही डॉक्टरों के चेंबर के आगे एकदम भीड़ लगने से अव्यवस्था का माहौल हो गया, जिससे अस्पताल स्टाफ ने काफी मशक्कत कर मरीजों को व्यवस्था में सुधार करने की अपील की।
अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ के ब्लॉक प्रभारी डॉ महेंद्र सैनी ने बताया कि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा राज्य सरकार की ओर से लागू किए जा रहे राइट टू हेल्थ बिल को लेकर विरोध किया जा रहा है। सोमवार को डॉक्टर संगठनों द्वारा जयपुर में विरोध के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करना बहुत ही निंदनीय कार्यवाही थी। मानवता की सेवा में लगे डॉक्टर पर इस प्रकार की घटना अपराधियों की प्रवृत्ति को दर्शाता है। प्रशासन द्वारा डॉक्टरों की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे चिकित्सक समुदाय सहन नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि डॉक्टर संगठन पिछले काफी समय से बिल के विरोध को लेकर सरकार के समक्ष अपनी बात रख चुके हैं।
कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और डॉक्टर की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। पूर्व में भी डॉक्टर्स की समस्याओं को लेकर सरकार द्वारा मांगे नहीं माने पर डॉक्टर आंदोलन की राह पर आ गए थे, जिस पर सरकार ने जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया था, लेकिन सरकार द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाने से चिकित्सक समुदाय में काफी रोष है। उन्होंने बताया कि सरकार ने जल्द ही मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया और पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में कोई कार्यवाही नहीं हुई तो डॉक्टर्स द्वारा आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर डॉ संजय कुमार सैनी, डॉ. मोतीलाल रावत, डॉ. सुनील चौहान, डॉ. हर्ष सौभरी, डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा, डॉ. संदीप चौपदार सहित अनेक कर्मचारी मौजूद थे।