झुंझुनूं : निजी वाहनों का धड़ल्ले से व्यावसायिक उपयोग:सरकारी खजाने को चपत, वाहन सीज और जुर्माना लगाने के हैं प्रावधान

झुंझुनूं : व्यावसायिक उपयोग पर रोक के बावजूद जिले में निजी वाहन टैक्सी के रूप में धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। दरअसल, इसे लेकर यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग गंभीर नहीं हैं। निजी हितों के लिए खरीदे वाहनों का व्यावसायिक प्रयोग कर वाहन मालिक फायदा उठा रहे हैं।

इसकी न तो बुकिंग रसीद होती है और न बिल। सिर्फ मौके के अनुरूप भुगतान होता है। लोग लग्जरी कार खरीदने के बाद उसे किराए पर लगा देते हैं।

इससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है। कर चोरी में सवारियां भी साथ देती हैं। चैकिंग दौरान वाहन पकड़ा जाने पर सवारियां अपना या रिश्तेदार का वाहन बता देते हैं।

सबसे सरकार को टैक्स का नुकसान हो रहा है। झुंझुनूं शहर के बस स्टैंड के पास, गांधी चौक पर वहान खड़े रहते है। यहां बड़ी संख्या में निजी गाडिय़ों को कमर्शियल में काम लिया जाता है।

कमर्शियल वाहन कम

झुंझुनूं में टैक्सी के रूप में चलने वाली गाडिय़ों में बमुश्किल दो-चार फीसदी ही कॉमर्शियल वाहन हैं। शेष सभी निजी हैं। बीमा कंपनियों के अनुसार किराए पर लिए निजी वाहन पर यात्रा दौरान दुर्घटना होने से सवारी किराए पर लेना बता देती है तो बीमा क्लेम नहीं मिलेगा। क्योंकि बीमा कंपनी साबित करेगी कि वाहन का कॉमर्शियल उपयोग हो रहा था।

इसलिए बढ़ रही टैक्स चोरी

शहर-देहात की सडक़ों पर खुलेआम कार, जीप व लग्जरी वाहन किराए पर चल रहे हैं, मगर इनकी सख्त जांच नहीं की जाती। इसी कारण हर कोई निजी वाहन को ही व्यावसायिक वाहन के रूप में उपयोग में ले रहा है। जिसकी वजह से टैक्स चुकाने वालों की श्रेणी में आने वाले लोग भी बिना टैक्स चुकाए वाहन दौड़ा रहे हैं।

जुर्माना व वाहन सीज

परिवहन नियमों के अनुसार निजी वाहन का एक से दूसरे राज्य में टैक्सी उपयोग नहीं कर सकते। टैक्सी स्टैंड पर निजी वाहनों को खड़ा करके परिवहन या संचालन नहीं हो सकता। निजी पंजीकृत वाहनों को व्यवसायिक काम लेने पर टैक्स भरना होगा। वाहन के भौतिक स्वरूप से छेड़छाड़ कर नया स्वरूप देना, अन्य राज्य से पंजीकृत व अवधिपार वाहन का उपयोग माल परिवहन में करना नियमों का उल्लंघन है। यदि ऐसा वाहन चलाना है तो दो फीसदी कर तथा हर वर्ष फिटनेस देना होगा। वाहन की जांच उपरांत पीली प्लेट जारी होती है। निजी वाहन टैक्सी में संचालित करने पर परिवहन विभाग हायर एंड रिवार्ड तहत कार्रवाई कर वाहन सीज करता है। चालान बनाते हैं। राजस्थान एमवी 4(1)सी तहत पांच हजार जुर्माना, समान कॉमर्शियल वाहन के टैक्स का 25 फीसदी मय सरचार्ज व बिना परमिट का जुर्माना वसूलते हैं।

मार्केट दर पर विपरीत प्रभाव

बाजार में कई निजी वाहनों का टैक्सी में उपयोग कर रहे हैं। सरकार को टैक्स चुकाने वाले टैक्सी संचालक की ओर से किराया भी उसी आधार पर तय किया जाता है, मगर निजी वाहन संचालकों के टैक्स लगता नहीं। इसलिए वे टैक्सी से भी कम किराए पर वाहन भेज देते हैं। इस कारण टैक्सी बाजार के दर पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।

बॉर्डर टैक्स की भी चपत

टैक्सी परमिट वाहन के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर संबंधित राज्य द्वारा टैक्स वसूला जाता है, मगर राज्य सीमा शुल्क निजी वाहनों पर नहीं लगता। इसके चलते निजी वाहन संचालक सरकार के राज्य सीमा शुल्क में भी सेंध लगा रहे हैं।

Web sitesi için Hava Tahmini widget