AIMPLB Meeting: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) की रविवार को बैठक हुई। बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। जिसमें इसके लागू होने को अनावश्यक माना गया है। इसके अलावा बैठक में साल 1991 के पूजा स्थल अधिनियम को बनाए रखने और उसे अच्छी तरह से लागू किए जाने पर जोर दिया गया। वहीं, बैठक में धर्मांतरण के मुद्दे और धर्म की स्वतंत्रता पर भी चर्चा हुई।
देश के संविधान में हर व्यक्ति को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी
AIMPLB के महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के मुताबिक बैठक में चर्चा हुई कि देश के संविधान में हर व्यक्ति को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गई है। इसमें पर्सनल लॉ भी शामिल है। यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना एक गैर जरूरी अमल होगा।
Uttar Pradesh | AIMPLB in a meeting passes a resolution on UCC deeming its implementation as "unnecessary" along with emphasising that 1991 Places of Worship Act should be "maintained & well-implemented". It also emphasised Freedom of Religion on the issue of conversion. pic.twitter.com/uTMEAmj72p
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 5, 2023
बैठक में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर चर्चा
बैठक में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी शामिल हुए। बता दें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में करीब 51 कार्यकारी सदस्य हैं। बैठक में महिलाओं के जीवन को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुई।
क्या है 1991 का पूजा स्थल अधिनियम
आगे महासचिव ने बताया कि 1991 के प्लेसिस आफ वरशिप एक्ट पर बोर्ड में चर्चा हुई। ये कानून हुकूमत का बनाया हुआ कानून है, जिसे संसद ने पास किया है। उसको कायम रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा वक्फ की सुरक्षा और गरीबों और मुसलमानों की शिक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।