झुंझुनूं : हेरिटेज संरक्षण न होने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज:खेतड़ी महल की संपत्तियां नष्ट, कलेक्टर को नोटिस

झुंझुनूं : सर्वोच्च न्यायालय ने हेरिटेज संरक्षण में विफल रहने पर राजस्थान सरकार को फटकार लगाई है। खेतड़ी के दिवंगत पूर्व राजा बहादुर सरदार सिंह की संपत्तियों की तस्वीरों के विश्लेषण के बाद सुप्रीम काेर्ट ने कहा कि यह हैरान करने वाला है। राज्य सरकार ने पिछले निर्देशों का उल्लंघन किया और राज्य ने ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक मूल्य की संरचनाओं की रक्षा करने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। सिंह की 1987 में मृत्यु हाे गई थी वे निसंतान थे।

खेतड़ी और जयपुर में उनकी संपत्तियां हैं, जो लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण देखरेख नहीं हाेने से खंडहर हो गईं। मामले में पिछले साल सितंबर में अदालत ने झुंझुनूं जिले में इन संपत्तियों की देखरेख के आदेश दिए थे। फिर भी कुछ नहीं किया गया। इस पर कोर्ट ने झुंझुनूं कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के आदेश भी दिए। कोर्ट ने कहा कि यह भयावह है। चित्र, किताबें, फर्नीचर, सब कुछ नष्ट हो गया। दीवारें और अन्य संरचनाएं तोड़ दी गई हैं। हम यह दर्ज करने जा रहे हैं कि सरकार ने जानबूझकर विरासत को नष्ट किया और कोर्ट के आदेशों की अवमानना की। मामले में अगली सुनवाई 21 मार्च काे होगी। कोर्ट ने राज्य सरकार को विरासत स्थलों के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए 5 करोड़ रुपए देने का आदेश दिया है।

खंडहर बना खेतड़ी हाउस
खंडहर बना खेतड़ी हाउस

1987 से सरकार का कब्जा
खेतड़ी के पूर्व राजा बहादुर सरदार सिंह की संपत्ति अधिग्रहण काे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। सिंह राज्यसभा सदस्य और लाओस के राजदूत भी थे। 1987 में निधन हाे गया था। उनकी काेई संतान नहीं थी। खेतड़ी सहित जयपुर में उनकी काफी संपत्तियां थीं। राजस्थान एस्चीट्स विनियमन अधिनियम, 1956 के तहत सरकार ने इनको अधिकृत किया। खेतड़ी ट्रस्ट का दावा था कि सिंह ने वसीयत लिखी थी। सरकार और खेतड़ी ट्रस्ट के बीच मुकदमेबाजी शुरू हाे गई।

Web sitesi için Hava Tahmini widget