बीकानेर : पाक बॉर्डर पर छुपे दुश्मन, हेलिकॉप्टर-टैंक से पहुंचे जवान:भारत-ऑस्ट्रेलिया के सैनिकों का युद्धाभ्यास; गांव से लोगों को मुक्त कराया

बीकानेर : पाकिस्तान बॉर्डर के पास एक गांव पर दुश्मनों का कब्जा। हेलिकॉप्टर से जवानों की टुकड़ी उतरती है, दबे पांव उन घरों तक पहुंचते हैं, जहां दुश्मन छिपे हुए हैं। एक जोरदार बम धमाका और भरभराकर गिरता दरवाजा…। सैनिक अंदर घुसे और पलक झपते ही दुश्मनों को ढेर कर दिया।

यह नजारा है भारत और ऑस्ट्रेलिया की सेनाओं के युद्धाभ्यास का। बीकानेर के सब महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में सैनिकों ने जॉइंट ऑपरेशन किया और दुश्मन के कब्जे से गांव को मुक्त कराया।

28 नवंबर से शुरू हुआ युद्धाभ्यास 11 दिसंबर तक चलेगा। दोनों देशों के जवान रेत के धोरों में छिपे दुश्मनों को इंटेलिजेंस की मदद से ढूंढने और उन्हें खत्म करने की प्रैक्टिस कर रहे हैं।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के जवानों ने एक दूसरे के हथियारों के बारे में जानकारी ली।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के जवानों ने एक दूसरे के हथियारों के बारे में जानकारी ली।

इस युद्धाभ्यास को ‘ऑस्ट्रो-हिन्द’ नाम दिया गया। युद्धाभ्यास में महिला सैनिक भी बढ़-चढ़कर दमखम दिखा रही हैं। महिला सैनिकों ने एक-दूसरे को बताया कि युद्ध के मैदान में किस तरह कहर ढहा सकती हैं। दुश्मन की भनक लगते ही उस पर टूट पड़ने की जो कला ऑस्ट्रेलियाई जवानों ने बताई, वो काफी रोमांचक रही। सामने आए दुश्मन को पलक झपकते ही अपने हाथों से धूल चटाने वाली ऑस्ट्रेलियाई महिला जवानों ने मार्शल आर्ट की यह तकनीक भारतीय महिला सैनिकों को भी सिखाई।

जेब में छिपाकर रख लेने जितना ये अमेरिकी ड्रोन दुश्मन के घर में घुसकर सारी इंफोर्मेशन लेकर आता है। लाइव सूचना भी देता रहता है।
जेब में छिपाकर रख लेने जितना ये अमेरिकी ड्रोन दुश्मन के घर में घुसकर सारी इंफोर्मेशन लेकर आता है। लाइव सूचना भी देता रहता है।

मार्शल आर्ट और कुश्ती भी हथियार से कम नहीं

दुश्मन काे मारने के लिए जवान मार्शल आर्ट, कुश्ती जैसे खेल में भी दमखम दिखा रहे हैं। युद्धाभ्यास के दौरान एक्सपर्ट ने युद्ध की नई चुनौतियों और हथियार प्रणाली के बारे में एक-दूसरे को बताया। रेत के समंदर में ऑस्ट्रेलिया की सेना का यह पहला अनुभव है। इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को अपने क्षेत्र के चैलेंज के बारे में बताया। महिला जवान दिनभर अभ्यास करने के बाद कई तकनीकी जानकारी जुटाने में भी व्यस्त रहीं।

भारतीय जवान भी अमेरिकी हथियारों की तकनीक को समझ रहे हैं।
भारतीय जवान भी अमेरिकी हथियारों की तकनीक को समझ रहे हैं।

दुश्मन को ढूंढकर मार गिराया

इस युद्धाभ्यास में दुश्मन को टारगेट करके मारने की नीति पर काम हुआ। इस दौरान सेना को सर्विलांस और इंटेलिजेंस सिस्टम से रूबरू कराया गया। कल्पना की गई कि एक गांव में दुश्मन छिपे हुए हैं। उन्होंने कुछ घरों पर कब्जा कर ग्रामीणों को बंधक बना लिया है। इस पर सेना ने हमले की रणनीति बनाकर ऑपरेशन शुरू किया। दोनों देशों के सैनिकों की टुकड़ी को दुश्मन के इलाके में हेलिकॉप्टर ध्रुव से उतारा गया। दोनों देशों के सैनिकों ने सटीक निशानेबाजी का अभ्यास भी किया। इस दौरान टैंक भी रेत के धोरों में दौड़ते हुए दिखे।

दोनों देशों के जवान रोज सुबह एक साथ एकत्र होते हैं और फिर वहीं से अपने टास्क पर पहुंच जाते हैं।
दोनों देशों के जवान रोज सुबह एक साथ एकत्र होते हैं और फिर वहीं से अपने टास्क पर पहुंच जाते हैं।

11 दिसम्बर तक चलेगा युद्धाभ्यास

युद्धाभ्यास 11 दिसंबर तक चलेगा। दोनों देशों के सैनिक अपने हथियारों की तकनीक समझ रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया की सेना का थार में युद्धाभ्यास का यह पहला अनुभव है। सैनिक एक-दूसरे की ताकत काे परखा रहे हैं। नियमित अभ्यास के दाैरान दोनों देशों के सैनिक रोजाना सुबह जल्दी उठकर पांच किलाेमीटर दौड़ और शारीरिक व्यायाम कर रहे हैं। उन्हें विभिन्न तरह के खेल भी खिलाए जा रहे हैं।

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हर रोज हो रही परेड भी जवानों में जोश भर रही है।
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में हर रोज हो रही परेड भी जवानों में जोश भर रही है।
कुछ अमेरिकी हथियार दिखने में छोटे हैं लेकिन इनकी मारक क्षमता जबरदस्त है।
कुछ अमेरिकी हथियार दिखने में छोटे हैं लेकिन इनकी मारक क्षमता जबरदस्त है।
इंदिरा गांधी नहर के ऊपर हाथों हाथ पुल बनाकर उससे टैंक गुजारा गया।
इंदिरा गांधी नहर के ऊपर हाथों हाथ पुल बनाकर उससे टैंक गुजारा गया।
रेतीले धोरों में दुश्मन के ठिकानों को ढूंढकर उसे बर्बाद करने का अभ्यास कर रहे हैं जवान।
रेतीले धोरों में दुश्मन के ठिकानों को ढूंढकर उसे बर्बाद करने का अभ्यास कर रहे हैं जवान।
शाम होते-होते धोरे सुनहरे हो जाते हैं। इस खूबसूरत मौसम में जवानों का जोश देखते ही बनता है।
शाम होते-होते धोरे सुनहरे हो जाते हैं। इस खूबसूरत मौसम में जवानों का जोश देखते ही बनता है।
दोनों देशों के जवान बिना हथियार भी एक दूसरे पर हमला करने का अभ्यास कर रहे हैं। मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग करते दोनों देशों के सैनिक।
दोनों देशों के जवान बिना हथियार भी एक दूसरे पर हमला करने का अभ्यास कर रहे हैं। मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग करते दोनों देशों के सैनिक।
बिना हथियार पटखनी देने का ये प्रयास ग्रुप में भी हो रहा है। इसका उद्देश्य है कि अचानक अगर नजदीक से हमला हो तो कैसे दुश्मन को मिटाया जा सके।
बिना हथियार पटखनी देने का ये प्रयास ग्रुप में भी हो रहा है। इसका उद्देश्य है कि अचानक अगर नजदीक से हमला हो तो कैसे दुश्मन को मिटाया जा सके।
भारतीय जवान इस मामले में भारी पड़ रहे हैं क्योंकि यहां जवान नियमित रूप से कुश्ती का अभ्यास करते हैं।
भारतीय जवान इस मामले में भारी पड़ रहे हैं क्योंकि यहां जवान नियमित रूप से कुश्ती का अभ्यास करते हैं।
युद्ध के मैदान में जवानों को हेलिकॉप्टर से उतारा गया। फौरन एक्शन मॉड में आते सैनिक।
युद्ध के मैदान में जवानों को हेलिकॉप्टर से उतारा गया। फौरन एक्शन मॉड में आते सैनिक।
इंटेलिजेंस से मिलने वाली सूचनाओं के आधार पर मौके पर पहुंचकर दुश्मन पर हमला करने की तैयारी में जवान।
इंटेलिजेंस से मिलने वाली सूचनाओं के आधार पर मौके पर पहुंचकर दुश्मन पर हमला करने की तैयारी में जवान।
भारतीय जवानों को ऑस्ट्रेलियाई जवानों ने सिग्नल्स के बारे में भी ट्रेनिंग दी।
भारतीय जवानों को ऑस्ट्रेलियाई जवानों ने सिग्नल्स के बारे में भी ट्रेनिंग दी।
इस दौरान दोनों देशों के जवानों ने गोरिल्ला आक्रमण का अभ्यास भी किया।
इस दौरान दोनों देशों के जवानों ने गोरिल्ला आक्रमण का अभ्यास भी किया।
इस दौरान महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में दोनों देशों के जवानों ने पौधे भी लगाए।
इस दौरान महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में दोनों देशों के जवानों ने पौधे भी लगाए।
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