जयपुर : राजस्थान में चल रही सियासी खींचतान के बीच आज सचिन पायलट ने मध्यप्रदेश के बुरहानुपर में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की है। पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से राजस्थान के घटनाक्रम और सियासी खींचतान पर चर्चा की है। राजस्थान में यात्रा के साथ कांग्रेस की अंदरूनी सियासत के हिसाब से इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। सचिन पायलट कल ही बुरहानुपर पहुंच गए थे। आज पायलट राहुल गांधी की भारत यात्रा में उनके साथ चल रहे हैं।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने से पहले पायलट की दोनों नेताओं के साथ हुई चर्चा के सियासी मायने हैं। माना जा रहा है कि 25 सितंबर को हुई घटना से लेकर अब तक हुए सियासी घटनाक्रम पर भी पायलट ने राहुल,प्रियंका को फीडबैक दिया है। पायलट खेमा विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के लिए जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ राजस्थान में यात्रा की एंट्री से पहले एक्शन चाहता है। उधर सीएम अशोक गहलोत खेमे का तर्क है कि जब मुख्यमंत्री माफी मांग चुके तो उसमें सब आ जाता है। अब मुख्यमंत्री की माफी को ही सबकी माफी माना जाता है या तीन नेताओं के खिलाफ एक्शन होता है इस पर फैसला पेंडिंग है।
विधानसभा चुनाव को देखते हुए जल्द पैंडिंग फैसलों को करने का सुझाव
सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात में राजस्थान से जुड़े सियासी फैसलों को जल्दी धरातल पर उतारने की पैरवी की है। पायलट ने विधानसभा चुनावों में साल भर से भी कम का समय होने का तर्क देकर सत्ता और संगठन से जुड़े पैंडिंग फैसलों पर तेजी से काम करने का सुझाव दिया है। पायलट ने अपनी मांगों के संबंध में भी जल्द एक्शन लेने की मांग दोहराई है। पायलट सार्वजनिक रूप से कई बार कह चुके हैं कि सरकार रिपीट करने के लिए अलग तरीके से काम करना होगा और इसके लिए हमने कुछ उपाय सुझाए हैं। राजस्थान कांग्रेस तमें अब तक जिला और ब्लॉक लेवल पर संगठन खाली पड़ा है, लंबित नियुक्तियां भी जल्द करने का सुझाव दिया गया है।
माकन के इस्तीफे के बाद बदले सियासी हालात पर भी चर्चा
राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर एक्शन नहीं होने से नाराज प्रभारी अजय माकन ने पिछले दिनों 8 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफा सौंप दिया था। माकन के इसतीफे पर अब तक फेसला नहीं हुआ है। माकन के इस्तीफे का मुद्दा और पायलअ खेमे की मांग एक ही है। दोनों अनुशासनहीनता के मामले में जिम्मेदार तीन नेताओं के खिलाफ एक्शन चाह रहे हैं। सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के सामने इस मुद्दे को भी उठाया है।
राजस्थान में राहुल की यात्रा से पहले गहलोत-पायलट खेमों के बीच तल्खी बरकरार
राजस्थान में राहुल की यात्रा आने से पहले गहलोत—पायलट खेमों के बीच तल्खी बरकरार है। कल ही राहुल गांधी की यात्रा की तेयारियों को लेकर हुई कांग्रेस की बैठक में गहलोत और पायलट एक कमरे में मौजूद जरूर थे, लेकिन दोनों के बीच तल्खी साफ दिख रही थी। पायलट उस बैठक में गहलोत के आने के बाद ज्यादा समय नहीं बैठे और पहले ही रवाना हो गए थे, पायलअ को बुरहानुपर आना था। कल की बैठक में पायलट-गहलोत की बॉडी लैंग्वेज से साफ सियासी मेसेज मिल रहा था कि दोनों के बीच खींचतान अब भी बरकरार है।
पिछले दिनों स्पीकर सीपी जोशी राहुल गांधी से मिले थे
सचिन पायलट इससे पहले भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हो चुके हैं। कन्याकुमारी के बाद केरल, तेलंगाना में भी पायलट यात्रा में शामिल हो चुके हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र में राहुल गांधी की यात्रा में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी भी शामिल हुए थे। स्पीकर सीपी जोशी ने राहुल गांधी के साथ सियासी मामलों पर अलग से चर्चा की थी। सीपी जोशी ने अब तक मुलाकात का ब्यौरा नहीं दिया। 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों ने स्पीकर जोशी को ही इस्तीफे दिए थे, जो अब तक जोशी के पास ही हैं। बताया जाता है कि सीपी जोशी ने पूरे मसले पर राहुल गांधी के सामने पक्ष रखा था। सीपी जोशी इस पूरे मामले पर शुरू से ही कमेंट करने से बच रहे हैं।
इस महीने फैसला नहीं तो अगले साल तक पैंडिंग हो जाएगा फैसला
राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान में 4 से 6 दिसंबर के बीच प्रवेश करेगी। राजस्थान के 6 जिलों में 521 किलोमीटर का रूट तय करेगी। सचिन पायलट खेमा अपनी मांगों पर तत्काल एक्शन चाहता है। राहुल गांधी की यात्रा के राजस्थान आने से पहले पायलट खेमा अपनी मांगों पर कुछ एक्शन चाहता है, ऐसा नहीं हुआ तो फिर दिसंबर में कोई फैसला होने के आसार लगभग न के बराबर हैं, क्योंकि यात्रा राजस्थान में रहेगी तब तक किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी। इसलिए पायलट खेमा सक्रिय हो गया है।
पायलट समर्थक लगातार हमलावर
पायलट समर्थक गहलोत खेमे पर फिर हमलावर हैं। गुर्जर नेता विजय बैंसला राहुल की यात्रा रोकने की धमकी दे रहे हैं। पायलट समर्थक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और विधायक इंद्राज गुर्जर ने विजय बैंसला के पीछे गहलोत खेमे का हाथ होने का संदेह जताते हुए पायलट को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है। पहले गहलोत खेमे के नेताओं ने राहुल की यात्रा का रूट बदलने का सुझाव दिया था तब भी इसी तरह के आरोप लगे थे।