झुंझुनूं : कोतवाली पुलिस ने शातिर चोर गैंग का खुलासा किया है। गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग ने महीने की शुरुआत में शहर के अलग अलग हिस्सों में 5 वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस ने मामले में अंतरराज्यीय गैंग का खुलासा किया है, पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को पकडा है। तीनों को भरतपुर के बस स्टैण्ड से पकडा है। जब यह पकडे गए तब इनके बैग से चोरी करने के हथियार मिले। गैंग के सदस्य अलग अलग राज्यों में सक्रिय है, एक जगह चोरी के बाद दूसरे शहर में ठिकाना बना लेते है, पुलिस के लिए इनको पकड़ना चुनौतीपूर्ण था।
लेकिन पुलिस ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए महज 15 से 20 दिन में गैंग का खुलासा कर दिया। पकडे गए आरोपी अलग अलग राज्य के रहने वाले है।
आरोपी मोहम्मद बेरूल इस्लाम उम्र 33 निवासी पश्चिम बंगाल, एम.डी. मिजनुर रहमान उम्र 35 वर्ष तथा मुन्ना शेख उम्र 36 साल कानपूर उत्तर प्रदेश के रहने वाले है।
शहर में 5 चोरी की वारदात
गैंग के सदस्यों ने इस महिने की शुरुआत में शहर में पांच अलग अलग जगहों से चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। एक के बाद एक चोरी ने पुलिस की नींद उडा दी थी। लगातार हो रही चोरी से पुलिस के सामने भी मुश्किले खडी हो गई थी। पुलिस की कार्यशैली व सवाल खडे हो गए थे
यहां की चोरी
बसंत विहार में जगदीश के घर में घुसकर ताला तोड़कर पायजेब की जोड़ी, सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर सहित अन्य सामान चुराया था। पीड़ित एक महिने से जयपुर गया हुआ था
इसी कॉलोनी में संपतराम के घर को निशाना बनाया था, वहां से एक बड़ा मंगलसूत्र, एक टेवटी, सोनी की चार अंगूठी, तीन पायजेब, एक सोने की चैन,एक चांदी की अंगूठी व दस हजार नगद की चोरी की थी। परिवार के लोग बांसवाडा गए हुए थे
रीको में अंबालाल का परिवार शादी में गया था, वापस आए तो घर का सामान बिखरा पड़ा था, आरोपियों ने यहा से चांदी की पायजेब व अंगुठी व सहित नगदी की चोरी की थी
उसके बाद फिर से बसंत विहार में सांवरमल के घर को निशाना बनाया गया, यहां से आरोपियों ने तीन सोने के हार, एक मांग टीका, चार अंगूठी, चार चांदी की अंगूठी, एक तगडी व दस हजार रुपए नगद चुराए,
उसके बाद गैंग ने हाउसिंग बोर्ड में रमेश चंद्र के घर को निशाना बनाया, घर के लोग एक माह से हैदराबाद गए हुए थे, वापस आए तो घर के ताले टूटे हुए थे, घर में रखी सोने की चैन, हाथ घडी व दस हजार रुपए गायब थे
होटल में रहकर करते रेकी
गैंग के सदस्य जिन शहरों में चोरी के लिए जाते वहां होटलों में कमरा लेकर रहते थें, उसके बाद दिन में पैदल पैदल घूमकर सूने मकानों की रेकी करते है। रात के समय वारदातों को अंजाम देते थें। गैंग के सदस्य वारदात के बाद शहर को छोड देते थें, इसके बाद दूसरे शहर में जाकर चोरी व नकबजनी की वारदात को अंजाम देते। झुंझुनूं के बाद उनका अगला टारगेट भरतपुर था, गैंग के सदस्य एक शहर में तीन चार दिन से अधिक नहीं रूकते है। चोरी किया गया सामान अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर बेच देते थे।
970 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला
पुलिस ने आरोपियों को पकडने के लिए अलग अलग जगहों का रूट बनाया, लगभग 970 सीसीटीवी कैमरों के फुटेजों को खंगाला। फुटेज में रात के समय में तीनों आरोपी शहर में घूमते नजर आए। उसके बाद पुलिस को तीनों पर शक हुआ, तीनों को पकड़ने के लिए पुलिस उनके पीछे लग गई, पीछा करते करते पुलिस भरतपुर जा पहुंची। जहां बस स्टैंड पर बस से उतरते हुए तीनों संदिग्ध नजर आए। जिनका हुलिया सीसीटीवी फुटेज में मिलने पर उनके बैग को चेक किया। बैग में नकबजनी करने के सरिए व पेचकस मिले। उसके पूछताछ करने पर तीनों ने झुंझुनूं शहर में चोरी की वारदात करना स्वीकार किया।