विदेश : यूरोपीय संसद (ईयू) ने रूस को ‘आतंकवाद का प्रायोजक देश’ घोषित किया। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स के हवाले से यह खबर सामने आ रही है। ईयू ने तर्क दिया कि मास्को के सैन्य हमलों ने उर्जा बुनियादी ढांचे, अस्पतालों, स्कूलों और आश्रयों जैसे नागरिक लक्ष्यों पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया। इसने यूक्रेन पर किए हमलों को क्रूर और अमानवीय कृत्य करार दिया।
यूरोपीय संसद के सदस्यों ने कहा, रूस ने जानबूझकर यूक्रेन की नागरिक आबादी पर हमले किए और अत्याचार किया है। सदस्यों ने कहा कि मास्को ने नागरिक बुनियादी ढांचे का विनाश, मानवाधिकारियों का गंभीर उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के खिलाफ युद्ध अपराध का कार्य किया है, जो कि आतंकवादी कृत्य के समान है।
स्ट्रासबर्ग (फ्रांस) में मासिक पूर्ण सत्र के दौरान बुधवार की दोपहर प्रस्ताव के पक्ष में 494 वोट पड़े। जबकि इस प्रस्ताव के खिलाफ 58 सदस्यों ने वोट किया।
उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- मैं यूरोपीय संसद द्वारा रूस को आतंकवाद प्रायोजक देश के रूप में घोषित करने के फैसले का स्वागत करता हूं। रूस को सभी स्तरों पर अलग-थलग किया जाना चाहिए और यूक्रेन व दुनियाभर में आतंकवाद के लिए उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
हालांकि, कानूनी रूप से यूरोपीय संसद के प्रस्ताव बाध्य नहीं हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) की मीडिया का राजनीतिक क्षेत्रों में विशिष्ट राजनीतिक पदों पर बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। जानकारों के मुताबिक, यूरोपीय संसद का यह कदम काफी हद तक प्रतीकात्मक है, क्योंकि यूरोपीय संघ के पास इसका समर्थन करने के लिए कोई कानूनी ढांचा नहीं है। पश्चिमी देश रूस पर पहले ही कड़े प्रतिबंध लगा चुके हैं। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी अमेरिका और अन्य देशों से आग्रह किया था कि वे रूस को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करें।