इस नौजवान का नाम ग़नीम अल-मुफ़्ताह है। इसकी उम्र फ़क़त 20 साल है। ग़नीम जिस्मानी तौर पर मअज़ूर है। यह दो जुड़वा भाई पैदा हुए थे। यह नौजवान देखने में मअज़ूर ज़रूर है लेकिन ये आम बच्चा नहीं है। बल्कि यह बच्चा साइंस का एक क़ाबिल-तरीन स्टूडेंट, एक बेहतरीन मोटिवेशनल स्पीकर और अरबपति क़तरी बिज़नेसमैन है। जो एक कंपनी का मालिक भी है। मुझे नहीं लगता इसके अरबपति होने के लिए मज़ीद किसी सोर्स की ज़रूरत है। बल्कि आप तसावीर देखकर समझ सकते हैं कि यह बच्चा किस लेवल का है।
अप्रैल में क़तर हुकूमत ने इस नौजवान को क़तर में होने वाले एशिया के पहले और दुनिया के सबसे महंगे फ़ीफ़ा वर्ल्डकप का ब्रांड अम्बेसडर बनाया था। ग़नीम अल-मुफ़्ताह अपने एक इंटरव्यू में कहते हैं- “मैं फ़ीफ़ा वर्ल्डकप को दुनिया में फैली नफ़रत और इख़्तिलाफ़ात को कम करने और पुर-अम्न तरीक़े से कम करने के तौर पर देखता हूँ और एक दूसरे की ख़ुशहाली की हिमायत करता हूँ। यह डिवेर्सिटी का जश्न है जिसमें खेल को जज़्बात और मुहब्बत को बढ़ावा देने के लिये चुना गया है। दुनिया में फैली बदतरीन वबा के बाद दुनिया बहुत मुख़्तलिफ़ हो गयी है जो हमनें सोचा भी नहीं था। जिस दुनिया में हम रहते हैं वहां हालात बहुत मुख़्तलिफ़ हो गए हैं। हम सबने इस बहरान से सीखा है कि हमें हमारे मुआशरों के अंदर/बीच/बाहर मज़ीद यकजहती/मुहब्बत और भाईचारगी की ज़रूरत है। ऐसी मुश्तरका (फ़ीफ़ा वर्ल्डकप) कोशिश से ही हम मौजूद’ह और मुस्तक़बिल के तनाज़आत पर क़ाबू पा सकते हैं। फ़ीफ़ा वर्ल्डकप सफ़ीर के तौर पर अपनी सलाहियतों के ज़रिये मैं इंसनियत के लिये उम्मीद, एक दूसरे से जुड़ने, अम्न, मुहब्बत और इत्तिहाद का पैग़ाम देना चाहता हूं”
हैरत की बात यह है कि यह मअज़ूर नौजवान कई फ़ील्ड में काम कर रहा है और बेहतरीन कामयाबी हासिल कर रहा है और अपनी कामयाबी का श्रेह अपने वालिदैन और अपने वतन-ए-अज़ीज़ को देता है। ग़नीम अल-मुफ़्ताह का कहना है- “Nothing is Impossible”