विदेश : फीफा विश्व कप 2022 में खिलाड़ी ‘वन लव आर्मबैंड’ नहीं पहनेंगे। यह आर्मबैंड समानता का समर्थन करता है। ऐसे में इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन सहित कई खिलाड़ियों ने इसे पहनने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन अब ये खिलाड़ी यह आर्मबैंड नहीं पहन सकेंगे। सात देशों के फुटबॉल संघों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर अपने खिलाड़ियों को ‘वन लव’ आर्मबैंड न पहनने की सलाह दी है।
क्या है ‘वन लव’ आर्मबैंड?
‘वन लव’ आर्मबैंड समानता के समर्थन का प्रतीक है। यह केवल एलजीबीटीक्यू समुदाय के अधिकारों से नहीं जुड़ा है, ऐसे में कतर में भी इसकी अहमियत है, जहां समलैंगिकता को कानूनी मान्यता नहीं है। यह बैंड सभी तरह की समानता का समर्थन करता है और इसके जरिए फुटबॉल खिलाड़ी समानता का संदेश देना चाहते थे, जैसे क्रिकेट में एक घुटने पर बैठकर ब्लैक लाइव मैटर का समर्थन किया जाता है, लेकिन खिलाड़ियो को इसकी अनुमति नहीं मिली है।
इंग्लैंड, नीदरलैंड, वेल्स, बेल्जियम, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड के फुटबॉल संघ ने संयुक्त बयान में कहा गया है, “हम फीफा के फैसले से बहुत निराश हैं। हमने सितंबर में फीफा को लिखा था कि फुटबॉल विश्व कप में हम समानता का समर्थन करने के लिए वनलव आर्मबैंड पहनना चाहते हैं, लेकिन अब तक इसका जवाब नहीं आया है।”
इंग्लैंड के कप्तान केन, नीदरलैंड, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, नॉर्वे, स्वीडन, स्विटजरलैंड और वेल्स के कप्तानों ने कथित तौर पर 20 नवंबर से शुरू हुए फीफा विश्व कप में वन लव आर्मबैंड पहनने की इच्छा जताई थी।
नीदरलैंड के फुटबॉल संघ ने एक बयान में कहा “आप नहीं चाहते कि मैच की शुरुआत में ही कप्तान को येलो कार्ड मिल जाए। यही कारण है कि यह भारी मन से हमें यूईएफए कार्यकारी समूह के रूप में … और एक टीम के रूप में अपने प्लान को बदलना पड़ा।”
फीफा के दिशानिर्देशों के अनुसार, ‘कोई भी वस्तु (खेलने की किट या अन्य कपड़े या उपकरण) जिसे फीफा खतरनाक, आक्रामक या अभद्र है मानता है जिसमें राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत नारे, बयान या चित्र शामिल है। उसे किसी भी नियंत्रित क्षेत्र में पहना या इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना खेल के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा।’फीफा के मैचों में प्रत्येक टीम के कप्तान को कप्तान का आर्मबैंड पहनना चाहिए, जो फीफा खुद देता है। अगर कोई कप्तान या खिलाड़ी फीफा के नियमों का पालन नहीं करता है तो मैच कमिश्नर इसकी रिपोर्ट फीफा को करेगा। कमिश्नर के पास आपत्तिजनक चीजों को जब्त करने का आधिकार रहेगा और वह फीफा को लिखित रिपोर्ट भी दे सकता है। मैच कमिश्नर से रिपोर्ट नहीं मिलने पर भी फीफा ऐसे किसी भी मामले की जांच कर सकता है और अनुशासन कोड के तहत कार्रवाई भी कर सकता है।