झुंझुनूं : इंदिरा गांधी की जयंती पर 19 नवम्बर से राजस्थान के सरकारी स्कूल में शतरंज सिखाया और खिलाया जाएगा। नौ बैग डे के तहत हर माह के तीसरे शनिवार को ऐसा होगा। इसे चैस इन स्कूल कार्यक्रम नाम दिया गया है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि स्कूल में बच्चों को शतरंज कौन सिखाएगा।
शिक्षा मंत्री बीड़ी कल्ला ने घोषणा तो कर दी शतरंज सिखाया जाएगा। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अनेक स्कूलों में इस खेल के जानकार शिक्षक ही नहीं है।
सीडीईओ पितराम सिंह काला ने बताया कि 19 नवम्बर से स्कूलों में शतरंज शुरू करेंगे। सरकार से आदेश मिल चुके है। शतरंज सिखाने वालों की व्यवस्था भी कर देंगे।
कोरोना में लगी मोबाइल की लत, छुड़ाने का प्रयास
मंत्री का तर्क है कि कोरोना काल में अनेक बच्चों को मोबाइल की लत लग गई, उसे छुड़वाने में शतरंज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लेकिन अगर इसे यू ट्यूब से सिखाएंगे तो इसका मकसद ही खत्म हो जाएगा।
शारीरिक शिक्षकों के पद खाली
जिले में शारीरिक शिक्षकों के पद पहले से ही खाली चल रहे हैं। इसके अलावा 105 से कम बच्चों वाले अधिकांश स्कूलों में शारीरिक शिक्षक ही नहीं है। रिटायर्ड शारीरिक शिक्षक सत्यवीर झाझडिय़ा के अनुसार खेलों से शारीरिक के साथ मानसिक विकास होता है, लेकिन पहले सरकार को पद भरने चाहिए।
खरीदेंगे सामग्री
राज्य के करीब साठ हजार स्कूलों में खेल ग्रांट से शतरंज की खेल सामग्री खरीदी जाएगी। यह खरीद 19 नवम्बर तक करनी होगी।
माध्यमिक में खाली पद
पद खाली
प्रथम श्रेणी : 1 1
द्वितीय श्रेणी : 93 14
तृतीय श्रेणी : 426 70
प्राथमिक में खाली पद
स्वीकृत – 57, खाली -21