नई दिल्ली, 26 दिसंबर (एएनआई): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में वीर बाल दिवस के तीसरे संस्करण का आयोजन किया। इस अवसर पर उन्होंने दसवें सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों के साहस और बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
साहिबजादों के अद्वितीय साहस को नमन
वीर बाल दिवस हर साल 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन गुरु गोबिंद सिंह जी के चार पुत्रों—साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह—की वीरता और बलिदान का स्मरण करता है। 2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन को साहिबजादों की याद में स्थापित किया था, ताकि उनके साहसिक कृत्यों और आदर्शों को देश के युवाओं के बीच प्रेरणा के रूप में स्थापित किया जा सके।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस दिन के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा,
“आज, हम तीसरे वीर बाल दिवस के कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। हमारी सरकार ने साहिबजादों के साहस और बलिदान को याद करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की। यह दिन हमें सिखाता है कि चाहे समय कितना भी कठिन क्यों न हो, देश और उसके हितों से बड़ा कुछ भी नहीं है।”
प्रधानमंत्री ने साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह के बलिदानों को याद किया, जिन्होंने असाधारण कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने धर्म और मूल्यों पर अडिग रहकर इतिहास रच दिया।
युवा भारत की उपलब्धियों का जश्न
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से भी बातचीत की। उन्होंने साहस, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 17 बच्चों की असाधारण उपलब्धियों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने उनकी उपलब्धियों को भारत के युवाओं की क्षमता और संकल्प का प्रमाण बताया।
“आज, हमारे देश के 17 बच्चे विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने दिखाया है कि भारत के युवा और बच्चे कितने सक्षम हैं। मैं उन्हें और उनके परिवारों को बधाई देता हूं,” प्रधानमंत्री ने कहा।
बच्चों की शानदार प्रस्तुतियां
इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इन प्रस्तुतियों का आनंद लिया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने भारतीय ध्वज लहराकर अपने जोश और देशभक्ति का प्रदर्शन किया, जिसने पूरे माहौल को भावनात्मक और प्रेरणादायक बना दिया।
वीर बाल दिवस का महत्व
यह दिन न केवल साहिबजादों के बलिदान को याद करता है बल्कि नई पीढ़ी को उनके बलिदान के बारे में शिक्षित करने का भी कार्य करता है। साहिबजादों ने अपने धर्म और सिद्धांतों के लिए मुग़ल साम्राज्य के सामने झुकने से इनकार कर दिया और कई कठिनाइयों को सहन किया। उनकी कहानी प्रेरणा का एक स्तंभ है, जो हमें सिखाती है कि मूल्यों और सामूहिक कल्याण को प्राथमिकता देना सबसे महत्वपूर्ण है।
वीर बाल दिवस साहिबजादों के बलिदान और साहस, निष्ठा और देशभक्ति के महत्व को उजागर करने का एक अवसर है। प्रधानमंत्री मोदी का यह प्रयास यह सुनिश्चित करता है कि साहिबजादों की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहे।
कार्यक्रम का समापन प्रधानमंत्री के इस संदेश के साथ हुआ कि साहिबजादों की वीर गाथाओं को बच्चों को सिखाना आवश्यक है, ताकि एक मजबूत और एकजुट भारत का निर्माण किया जा सके।