पिलानी : सीएसआईआर-सीरी में आज 15 दिवसीय उच्च स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में देश भर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से एमटेक एवं पीएचडी कर रहे कुल 25 प्रतिभागियों का चयन किया गया है। प्रशिक्षण कार्यशाला में इन प्रशिक्षार्थियों को “सेमिकंडक्टर डिवाइस फैब्रिकेशन” विषय पर विद्वान वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, इंजीनियरों तथा एवं विशेषज्ञ शिक्षाविदों द्वारा विषय केंद्रित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सीएसआईआर-सीरी, पिलानी में 8 से 22 नवम्बर तक आयोजित किए जा रहे इस गहन एवं महत्वाकांक्षी प्रशिक्षण कार्यक्रम को भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत सेवारत संस्थान (साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड – एसईआरबी) द्वारा प्रायोजित किया जा रहा है। सरस्वती वन्दना से प्रारम्भ हुई कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया ने की।
आपको बता दें कि सीएसआईआर-सीरी ने सेमिकंडक्टर इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं और संस्थान में सेमिकंडक्टर्स की विशेषज्ञ जनशक्ति और अत्याधुनिक शोध सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इसीलिए डीएसटी द्वारा संस्थान को इस उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य एमटेक एवं पीएचडी शोध छात्रों को सेमिकंडक्टर डिवाइस फैब्रिकेशन पर विषय केंद्रित व्याख्यान एवं प्रशिक्षण देते हुए उन्हें इस विषय की अत्याधुनिक जानकारी देते हुए देश के लिए नवीन विशेषज्ञ तैयार करना है।
उद्घाटन सत्र आयोजन की अध्यक्षता करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. पीसी पंचारिया (निदेशक, सीएसआईआर-सीरी) ने सभी अतिथियों, संकाय सदस्यों व प्रतिभागियों का औपचारिक स्वागत करते हुए उन्होंने देश में अंतर्विधात्मक (इंटरडिसिप्लिनरी) शोध की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कोई भी प्रौद्योगिकी अकेले सफलता प्राप्त नहीं कर सकती बल्कि एक पूर्ण उत्पाद के रूप में सामने आने के लिए विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी की एक से अधिक शाखाओं को साथ मिलकर कार्य करना पड़ता है।
इसके लिए उन्होंने संस्थान की शोध गतिविधियों का उदाहरण भी दिया। इस अवसर पर संस्थान में शोध सुविधाओं के प्रमुख अशोक चौहान, प्रधान वैज्ञानिक ने सीएसआईआर-सीरी की शोध सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम के संयोजक वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय चटर्जी ने डीएसटी-सर्ब द्वारा आरंभ की गई इस पहल की जानकारी देते हुए प्रशिक्षार्थियों को इस 15 दिवसीय गहन कार्यशाला की संक्षिप्त रूपरेखा से अवगत कराया। उद्घाटन सत्र के अंत में डॉ. अभिजीत कर्माकर, मुख्य वैज्ञानिक ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए देश में ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने संस्थान के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘शिल्प’ का भी उल्लेख किया। उद्घाटन सत्र का संचालन प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अदिति ने किया।
क्या है एसईआरबी (सर्ब)
साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड (एसईआरबी) का गठन भारत सरकार द्वारा देश में विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मौलिक अनुसंधान को बढ़ाने के लिए संसद के अधिनियम ‘साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड अधिनियम- 2008’ द्वारा किया गया है। यह भारत सरकार के विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के अधीन है।