जयपुर : देवों के शयन की मान्यता के चलते जहां इनदिनों हिंदू धर्म में शादी-समारोह पर रोक लगी हुई है। वहीं, मुस्लिम धर्म में इन दिनों बड़ी संख्या में शादियां हो रही हैं। इसके अलावा विभिन्न मुस्लिम बिरादरियों (समाज) की ओर से भी सामूहिक विवाह सम्मेलन भी आयोजित हो रहे हैं। दरअसल, इस्लामी कैलेंडर के मुहर्रम और सफर के माह में शादियां काफी कम होती हैं। जबकि पिछले महीने माह मुहर्रम और सफर खत्म होने के बाद 28 सितंबर से नबी की पैदाइश का महीना रबी उल अव्वल चल रहा है। यानि की दो माह शादियों का सीजन ठंडा रहने के बाद तीसरे महीने रबी उल अव्वल में जमकर शादियां हो रही हैं।
शिया समाज में दो माह बाद शुरू हुई शादियांआमेर रोड, कच्चा बंधा स्थित शिया जामा मस्जिद के इमाम ए जुमा सैय्यद नाजिश अकबर काजमी ने बताया कि शिया समाज में मुहर्रम और सफर दोनों महीने और रबी उल अव्वल की 8 तारीख तक गम का वक्त माना जाता है। जो अब खत्म हो चुका है। ऐसे में शिया समाज में भी इनदिनों काफी शादियां हो रही हैं। काजमी ने बताया कि ये महीना नबी की पैदाइश का महीना है, इसलिए इस महीने की शादी को बेहतर माना जाता है।
शहर के काजियों के मुताबिक आम महीनों में होने वाली शादियों की तुलना में इस माह में 20 प्रतिशत तक शादियों में वृद्धि हुई है। वहीं पिछले दिनों सलमानी समाज के 42, लुहार समाज के 9 और अंसारी समाज के 35 जोड़ों का सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है।
राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन के प्रदेशाध्यक्ष नसीमुद्दनी अंसारी का कहना है कि बरसात के कारण भी शादियां आगे बढ़ा दी जाती हैं। ऐसे में अब बरसात का सीजन खत्म हो गया है। फिलहाल सर्दी भी नहीं है। ऐसे में लोग ठीक मौसम देखेते हुए भी अधिक शादियां कर रहे हैं।