जयपुर : कांग्रेस के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की बुधवार को एआईसीसी मुख्यालय में कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में ताजपोशी हुई। करीब दो दशक के बाद पहली बार गैर गांधी परिवार से कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। इससे पहले सीताराम केसरी गैर गांधी अध्यक्ष रहे।
इससे पहले मंच पर पहुंची कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने मल्लिकार्जुन खरगे को बुके भेंट करके उनका स्वागत किया। इसके बाद मधुसूदन मिस्त्री ने उन्हें चुनाव जीतने का प्रमाण पत्र दिया और कहा कि कांग्रेस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है। हमारी पार्टी में इस बार 6 करोड़ से भी ज्यादा मेंबरशिप हुई है, ढाई करोड़ लोगों ने डिजिटल मेंबरशिप ली।
मंच पर नहीं मिली किसी अन्य नेता को जगह
बड़ी बात यह भी है कि मल्लिकार्जुन खरगे के पदभार ग्रहण समारोह के लिए बनाए गए मंच पर केवल सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और मधुसूदन मिस्त्री के अतिरिक्त अन्य किसी नेता को जगह नहीं मिल पाई। बाकी नेताओं के लिए मंच के सामने कुर्सियां लगाई गई थी। वरिष्ठ नेताओं, सीडब्ल्यूसी मेंबर्स, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई अन्य नेताओं को आगे की लाइन में जगह दी गई थी।
इससे पहले बुधवार सुबह मल्लिकार्जुन खरगे सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और बाबू जगजीवन राम की समाधि पर पहुंचकर भी पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें नमन किया।
राजस्थान से भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया, पूर्व मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी, एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर, कुलदीप इंदौरा, वर्किंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह भी समारोह में शामिल हुए।
खरगे का लंबा राजनीतिक अनुभव पार्टी के काम आएगा
इससे पहले मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संबोधित करते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को राजनीति का लंबा अनुभव है और उनका अनुभव पार्टी के काम आएगा। सोनिया गांधी ने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है।
वहीं दिलचस्प बात तो यह है कि मल्लिकार्जुन खरगे के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का पदभार ग्रहण करने के साथ ही उनके सामने हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती होगा, जहां पर उनकी अग्निपरीक्षा होगी। साथ ही पार्टी में फैली गुटबाजी और 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में किस प्रकार से पार्टी को जीत दिला कर सत्ता में लाया जाए यह उनके लिए बड़ी चुनौती साबित होगी।