अलवर : बच्चे की बलि? शव के पास कलश, मिठाई और सिक्का:50 मीटर दूर श्मशान, चार दिन बाद भी पुलिस नहीं सुलझा पाई मर्डर मिस्ट्री

अलवर : अलवर के शाहजहांपुर में आठ साल के बच्चे की गला काटकर हत्या की गुत्थी 4 दिन बाद भी अनसुलझी है। हत्या की वजह नरबलि थी या कोई रंजिश? कई सवाल हैं, जिनके जवाब पुलिस अब तक नहीं ढूंढ पाई है।

मीडिया टीम मामले में पैरेलल इन्वेस्टिगेशन के लिए ग्राउंड पर पहुंची तो कई हैरान कर देने वाले सच सामने आए। जहां हत्या हुई, वहां मिट्‌टी का कलाश, मिठाई के पांच पीस और एक रुपए का सिक्का रखा हुआ मिला, ये सब नरबलि की आशंका की ओर इशारा कर रहे हैं।

परिवार वालों ने अनिल को आखिरी बार पतंग उड़ाते देखा था। इसके बाद जब वो मिला तो कफन में लिपटा हुआ था।
परिवार वालों ने अनिल को आखिरी बार पतंग उड़ाते देखा था। इसके बाद जब वो मिला तो कफन में लिपटा हुआ था।

जहां शव मिला, उससे 50 मीटर दूर श्मशान

जहां बच्चे का शव मिला, वो जगह बंजारा बस्ती से 700 मीटर दूर है। बच्चा परिवार के साथ इसी बस्ती में रहता था। भास्कर टीम गांव की गलियों से निकल कर सुनसान रास्ते पर पहुंची। फिर हम वहां पहुंचे, जहां अनिल का शव फेंका गया था।

उससे ठीक 50 मीटर की दूरी पर श्मशान घाट है। इलाके में रहने वाले कई लोगों से बात की तो पता चला कि शव से कुछ दूरी पर एक मिट्‌टी का कलश रखा हुआ था। उसके साथ 5 मिठाई के पीस और एक रुपए का सिक्का रखा था। कुछ राख के निशान भी लगे हुए थे। बच्चे की चप्पल भी इधर-उधर पड़ी मिली थी।

जहां शव मिला, वहां बहुत सारी झाड़ियां थीं। पता चलने पर लोग ही झाड़ियों से शव निकालकर लाए और खेत में रखकर पुलिस को सूचना दी। लोगों ने पुलिस के सामने भी नरबलि की आशंका जताई थी। उनका कहना था कि अगर किसी महिला के बच्चे नहीं होते है तो ऐसे में नर बलि दी जाती है।

पेट पर 5 से 6 गहरे निशान, गले पर भी काटा

अनिल के पेट पर धारदार हथियार से वार के 5 से 6 गहरे निशान बने थे। गला भी काटा गया। शव के पास काफी खून बिखरा हुआ था। बच्चे के हाथ में कुछ घास की पत्तियां भी मिली थीं, जिससे लग रहा था कि तड़पते हुए उसने हाथ से घास उखाड़ ली होगी। लोगों का कहना था कि उसके चेहरे पर भी जली हुई राख के निशान थे, जिसे कपड़े से साफ किया गया था।

बच्चे के मर्डर से पूरा परिवार सदमे में है। बच्चे के ताऊ ने बताया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है।
बच्चे के मर्डर से पूरा परिवार सदमे में है। बच्चे के ताऊ ने बताया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी भी नहीं है।

परिवार की किसी से दुश्मनी नहीं

इसके बाद भास्कर टीम वहां से बंजारा बस्ती में अनिल के घर पहुंची। अनिल के ताऊ रणजीत से बात की तो बोले- हमारी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। पता नहीं हमारे बच्चे को क्यों मारा? अनिल चौथी कक्षा में पढ़ता था। घर से 3 किलोमीटर दूर स्कूल है। वह रोज पैदल ही स्कूल जाता था। अगर किसी से दुश्मनी होती तो उसे स्कूल से आते-जाते समय ही कुछ कर सकता था।

उस दिन तीज की छुट्‌टी थी। अनिल शनिवार को दोपहर से पतंग उड़ा रहा था। शाम को भी तालाब के पास ही पतंग उड़ा रहा था। फिर वह कोई कटी पतंग को लूटने के लिए चला गया था। इसके बाद किसी ने उसे नहीं देखा। रात 9 बजे तक घर नहीं लौटा तो हम परिवार वाले और बस्ती के लोग उसे तलाशने में जुट गए।

2 बजे तक 50 से ज्यादा लोग टॉर्च व डंडा लेकर ढूंढते रहे

रणजीत ने बताया कि रात 2 बजे तक हम 50 से ज्यादा लोगों ने हाथ में टॉर्च और डंडे लेकर अनिल को ढूंढ रहे थे। शाहजहांपुर के अलावा आसपास की कई कॉलोनियों में तलाश की। जहां अनिल का शव मिला था, रात में वहां भी ढूंढा था, लेकिन अंधेरे के कारण झाड़ियों में देख नहीं पाए। हमें लगा कि अनिल को किसी सांप या जहरीले जानवर ने काट लिया होगा, ऐसे में गांव की एक-एक गली छान मारी पर अनिल का कहीं कोई पता नहीं चला। सुबह उसके शव मिलने की खबर आई।

बार-बार बेहोश हो रही मां

मीडिया टीम अनिल के ताऊ से बात कर रही थी तो नजर घर के गेट पर पड़ी, जहां एक स्कूल बैग पड़ा था। बैग अनिल का था, जो संभवत: शुक्रवार को स्कूल से लौटने के बाद अनिल ने वहीं छोड़ दिया था। घर में दूसरी ओर बस्ती की दूसरी महिलाएं बैठी थीं। चूल्हा सूना था, बर्तन बिखरे हुए थे।

वहीं पर अनिल की मां बेसुध लेटी थी। बार-बार कुछ बोलते हुए बेहोश हो रही थी। उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन रोते हुए कुछ बोल नहीं सकीं। पास बैठी एक महिला बोली कि मासूम बेटा गया है। हालत खराब है। कुछ बोल नहीं पा रही है।

अनिल की मां को संभालती परिवार की दूसरी महिलाएं। वह कुछ बोल नहीं पा रही थी।
अनिल की मां को संभालती परिवार की दूसरी महिलाएं। वह कुछ बोल नहीं पा रही थी।

सुबह से पतंग के लिए जिद कर रहा था

उसकी ताई बोली- ‘तीज के दिन खुद अनिल को बाजार लेकर गई थी। वह बार-बार पतंग दिलाने के लिए जिद कर रहा था। पहले पतंग लूटकर ले आता था और उन्हें ही उड़ाता था। उस दिन कोई पतंग उसके पास नहीं थी। बाजार से तीन पतंग दिलाकर लाई। कुछ तीज के लिए सामान भी लाई। अनिल भूखा-प्यासा ही आते ही तालाब के पास जाकर पतंग उड़ाने लग गया था।’

अनिल की मां दहाड़े मार-मार कर रोने लग गई। पड़ोस में बैठी एक महिला बोली कि ऐसे बदमाशों को फांसी लगनी चाहिए। किसी से दुश्मनी नहीं थी। फिर भी बच्चे को मार दिया। किसी के भी बच्चे के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए। हाथ जोड़ कर न्याय की मांग करने लग गई।

वहां भीम आर्मी सहित कई संगठन के लोग बैठे हुए थे। भीम आर्मी के प्रदेश सचिव बोले कि जल्दी आरोपियों को पकड़ कर खुलासा नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

अनिल की 11 साल की बड़ी बहन ममता है। अनिल से छोटा अंकित है, जो 5 साल का है। उसके पिता पांडू भी सब्जी बेचते हैं। शनिवार को भी वे सुबह जल्दी निकल गए थे। घर पर केवल बच्चे ही थे।

शनिवार को शव मिलने की सूचना पर डीएसपी अमीर हसन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चे की हत्या से संबंधित तमाम बिंदुओं पर वहां ग्रामीणों से जानकारी ली।
शनिवार को शव मिलने की सूचना पर डीएसपी अमीर हसन भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बच्चे की हत्या से संबंधित तमाम बिंदुओं पर वहां ग्रामीणों से जानकारी ली।

डीएसपी बोले- सभी पहलुओं पर कर रहे जांच

हमने शाहजहांपुर डीएसपी अमीर असन से बात की। उनका कहना है कि नरबलि के अलावा हत्या से जुड़ी दूसरी आशंकाओं को लेकर भी जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज जुटाए हैं। हालांकि जिस रास्ते पर शव मिला है, वहां आसपास में कोई सीसीटीवी नहीं था। सादे कपड़ों में गांव में ही पुलिस की टीम को लगाया गया है।

एक तरह पुलिस 4 दिन बाद भी हत्या को लेकर कोई सुराग नहीं जुटा पाई है। वहीं दूसरी ओर लोगों का आक्राेश बढ़ता जा रहा है। भाजपा सहित कई संगठन थाने के बाहर प्रदर्शन कर हत्या आरोपियों को पकड़ने का दबाव बना रहे हैं। पुलिस दावा कर रही है कि जल्दी मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।

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