पाली : 11 साल का एक मासूम खेलते समय फंदे पर झूल गया। गंभीर हालत में उसे परिजन हॉस्पिटल ले गए। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। वह पिछले 4 दिन से वेंटिलेटर पर है। एकलौते बेटे का यह हाल देख परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। वे ईश्वर से उसके जल्द स्वस्थ होने की दुआ कर रहे हैं। डॉक्टर भी उसकी जान बचाने के लिए जुटे हुए हैं।
घटना पाली जिले के बूसी गांव की है। यहां 11 साल का सूरज पुत्र कैलाश माली रविवार शाम को घर में खेल रहा था। वह रस्सी का झूला बन कर खेल रहा था। खेलते-खेलते उसके गले में फंदा लग गया। घटना के समय घरवाले खेत पर गए थे। मांग दूसरे कमरे में काम कर रही थी। मां जब अपने कमरे से निकली तो बेटे को फंदे पर लटे देखा। उसने आस-पास के लोगों को बुलाया। गंभीर हालत में उसे बांगड़ हॉस्पिटल लाए जहां PICU वार्ड में पिछले चार दिन से उसका इलाज जारी है। मासूम की सांसें फिलहाल वेंटिलेटर पर टिकी हैं। अभी भी उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
रोते हुए दादी बोली मेरे इकलौते पोते को बचो लो
अस्पताल में मौजूद सूरज की दादी अणचीदेवी (60) ने बताया कि रविवार शाम को उनका पोता सूरज घर में अकेला खेल रह था। उस समय वह खेत में थी। खेलते समय उसके गले में फंदा लग गया। उसे इलाज के लिए बूसी हॉस्पिटल ले गए। वहां से बांगड़ हॉस्पिटल लाए। चार दिन हो गए। अभी तक सूरज को होश नहीं आया है। उसे कैसे भी कर बचा लो साहब, उसे कुछ हो गया तो मैं भी जिंदा नहीं रहूंगी। इतना कहते ती अणचीदेवी देवी की आंखों से आंसू टपकने लगे। सूरज का पिता कैलाश नरेगा श्रमिक है। सूरज की दो बहने हैं। घटना के समय सभी खेत में काम कर रहे थे।
डॉक्टर बोले हालत गंभीर
मासूम का इलाज कर रहे डॉ आरके विश्नोई ने बताया कि मासूम को बचाने का हम पूरा प्रयास कर रहे हैं लेकिन उसकी हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। लटका हुआ रहने के कारण उसके ब्रेन को भी नुकसान पहुंचा है। बॉडी में खून का दौरा कमजोर है। खुद से सांस नहीं ले पा रहा है। ऐसे में वेंटिलेटर पर रखा है।