भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले थे
पिछली 31 जुलाई को नूंह में हुई ब्रजमंडल यात्रा से पहले बिट्टू बजरंगी ने कई भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर डाले थे। हिंसा से ठीक पहले सोशल मीडिया पर बिट्टू बजरंगी का एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में बिट्टू ने कहा था कि, ”उनको पूरी लोकेशन दे दो, मैं कहां-कहां आ रहा हूं। नहीं तो बाद में बोलेंगे, बताया नहीं कि हम आए और मुलाकात नहीं हुई। इसलिए हम पूरी लोकेशन दे रहे हैं। हमारे लिए फूल माला तैयार रखना’। इस मामले में उस पर एफआईआर दर्ज हुआ थी। हालांकि उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था।
इसके बाद पुलिस की कार्यशैली की काफी आलोचना हो रही थी। सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे थे कि आखिर बिट्टू को क्यों इतनी आसानी से जमानत मिल गई। हिंसा भड़ाने का आरोप बिट्टू पर लगाया जा रहा था। उसकी गिरफ्तारी की मांग सोशल मीडिया पर की जा रही थी। वही नूंह पुलिस प्रवक्ता कृष्ण कुमार ने बताया है कि 31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा के बाद सदर थाने में आईपीसी की धारा 148,149, 332, 353, 186, 395, 397, 506 और आर्म्स एक्ट के तहत एसीपी उषा कुंडू की शिकायत पर केस दर्ज किया गया था। पुलिस टीमों ने हिंसा से जुड़े वीडियो की जांच की है। इस एफआईआर के आधार पर ही बिट्टू की गिरफ्तारी हुई है।
नूंह हिंसा का 5 जिलों में दिखा था असर
हिंसा के बाद नूंह के कई अधिकारी बदले गए
31 जुलाई को नूंह में हुई हिंसा की गाज जिले के कई अफसरों पर गिर चुकी है। हिंसा के बाद राज्य सरकार ने नूंह के एसपी वरूण सिंगला को हटा दिया था। उनकी जगह पर पहले नूंह में रह चुके नरेंद्र बिजारणिया को भेजा गया है। सरकार ने नूंह के उपायुक्त प्रशांत पंवार को भी हटा दिया था। उनकी जगह पर धीरेंद्र खड़गटा को भेजा गया है। नरेंद्र बिजारणिया और धीरेंद्र खड़गटा, दोनों अधिकारी पहले नूंह में तैनात रह चुके हैं। दोनों के अनुभव और बेहतर रिकॉर्ड को देखते हुए नूंह में उन्हें भेजा गया है। पुलिस प्र्शासन हिंसा के आरोपियों की पहचान और उन्हें पकड़ने के लिए पूरे जिले में अभियान चला रहा है।
अब शर्तों के साथ दी जाएगी ब्रजमंडल यात्रा को मंजूरी
31 जुलाई को नूंह में हिंसा के बाद, अधूरी ब्रजमंडल यात्रा की फिर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इस बार नूंह पुलिस संभावित यात्रा को लेकर काफी सतर्कता बरत रही है।अब कई शर्तों के साथ यात्रा की मंजूरी दी जाएगी। पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि अब वे यात्रा से शांति को खतरा नहीं होने देंगे। अगर यात्रा फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाती है तो लाइसेंसी हथियार पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे।