झुंझुनूं : अच्छी तनख्वाह का झांसा देकर मुंबई की एक ट्रैवल एजेंसी ने राजस्थान के 40 कामगारों को सऊदी अरब भेजा। ये कामगार अब सऊदी अरब में फंसे हैं। उन्हें 4 महीने से वेतन नहीं मिला है। न ही उनका हकामा लगाया गया है। कंपनी ने इन मजदूरों को वहां ले जाकर पाकिस्तानी ठेकेदार को कांट्रैक्ट पर दे दिया है। इनमें सीकर, झुंझुनूं एवं चूरू जिले के सात मजदूर हैं। मजदूरों ने वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है।
नवलगढ़ निवासी जावेद अली ने दैनिक भास्कर को बताया कि वे लोग सऊदी अरब के जुबैल में हैं। मुंबई की अबू ट्रैवल कंपनी के माध्यम से जनवरी 2023 में सऊदी अरब आए थे। कंपनी ने फतेहपुर व झुंझुनूं में इंटरव्यू कराए थे। सऊदी अरब की जीसीसी कंपनी में मेसन के पद के लिए कामगारों को लेकर गए थे। लेकिन सऊदी अरब आते ही उन्हें पाकिस्तानी कंपनी को लेबर के रूप में बेच दिया गया।
इस कंपनी ने शुरू के दो महीने कुछ पगार दी। लेकिन अब 4 महीने से सैलरी नहीं दे रहे हैं।
रतनगढ़ निवासी मंजूर आलम ने बताया कि हम एक लाख रुपए देकर 24 जनवरी को आए थे। यहां लाकर पाकिस्तानी ठेकेदार को बेच दिया। घर भेजने के लिए एक लाख रुपए मंगवा रहे हैं। हमें परेशान किया जा रहा है। झुंझुनूं निवासी आकिल ने बताया कि कंपनी ने यहां लाकर छोड़ दिया। अब हमारे सामने खाने का भी संकट है। हमें परेशान किया जा रहा है। पलसाना निवासी सुल्तान सिंह ने बताया कि हम यहां फंसे हुए हैं। हमें वापस भेजने के लिए भी रुपए मांगे जा रहे हैं।
सुल्तान सिंह ने बताया कि इंडिया भेजने की बात पर कहते है कि हमने तो रुपए देकर खरीदा है। इंडिया से एक लाख रुपए मंगवाकर देने पर ही भेजेंगे। सीकर निवासी मोहम्मद तौफिक ने बताया कि इंडिया भेजने के लिए जुबैल से 600 किमी दूर रियाद बुलाया, हमारे पास वापसी के लिए भी रकम नहीं है। यहां से एजेंट भोले-भाले लोगों को अच्छी पगार व कंपनी का झांसा देकर विदेश भेज देते हैं। वहां किसी व्यक्ति को रुपए लेकर मजदूर के तौर पर सौंप देते हैं। वहां उन्हें बताए अनुसार न तो काम मिलता है और न ही पगार। कर्ज लेकर गए व्यक्ति के सामने ऐसे लोगों की बातें मानना मजबूरी हो जाता है।
सऊदी में रहने वाले भारतीय कर रहे हैं इनकी मदद
सऊदी अरब में फंसे हुए इन मजदूरों की सोती निवासी गुलाम खान सोती व भगवान सिंह मीणा मदद कर रहे हैं। इनको वहां से लाना काफी मुश्किल हो रहा है। इन मजदूरों को मुंबई की ट्रैवल कंपनी ने पाकिस्तानी ठेकेदार को बेच दिया है। इन मजदूरों ने परिजनों को वीडियो भेजकर हालात बताए हैं।
1400 रियाल व ओवरटाइम का झांसा
मजदूरों ने बताया कि उन्हें जीसीसी कंपनी में मेसन के लिए 1400 सऊदी रियाल व ओवरटाइम दिलाने का झांसा दिया गया था। यहां कुछ समय तो ठीक रहा, लेकिन बाद में उन्हें पाकिस्तानी व्यक्ति को सौंप दिया गया।
शेखावाटी के ये मजदूर फंसे- सीकर निवासी मोहम्मद आजम, रतनगढ़ निवासी मंजूर आलम, सीकर निवासी मोहम्मद, तौफिक, नवलगढ़ निवासी जावेद अली, पलसाना निवासी सुल्तान सिंह, झुंझुनूं निवासी आकिब, रामगढ़ शेखावाटी जुबेर।
सोशल मीडिया पर लगा रहे वापसी की गुहार
सऊदी अरब में फंसे कामगारों को न तो 4 महीने से वेतन दिया गया है और नही उनका हकामा बनाया गया है। वहां फंसे कामगारों ने सोशल मीडिया के जरिये वीडियो जारी कर वतन वापसी की गुहार लगाई हैं। झुंझुनू निवासी आसिफ ने बताया कि कंपनी ने हमें इस हालत में लाकर छोड़ दिया है जहां हमारे सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। हमें कई तरह से परेशान किया जा रहा है और वापस भेजने के नाम पर रुपए मांगे जा रहे हैं। जुबेल में फंसे कामगारों में 2 झुंझुनूं जिले के, 1 चुरू जिले का और 4 सीकर जिले से हैं।
5 साल पहले फंस गए थे 2 हजार मजदूर
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि शेखावाटी इलाके से काम की तलाश में गए मजदूर सऊदी अरब में फंस गए हों। 5 साल पहले शेखावाटी के करीब 2 हजार कामगार एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम करने गए थे। लगभग 7 महीने तक वेतन न मिलने के कारण वहां फंसे लोगों ने वीडियो जारी कर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से वापसी की गुहार लगाई थी। ये सभी लोग जॉर्डन सीमा के नजदीक ताबुक सिटी में काम कर रहे थे. उस समय पूरे राजस्थान से करीब 3 हजार मजदूर वहां फंस गए थे।