Jaipur-Mumbai Train Shootout: जयपुर-मुंबई ट्रेन शूटआउट के मृतकों में शामिल ASI टीकाराम मीना राजस्थान के सवाई माधोपुर के श्यामपुरा के रहने वाले थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे घर में अकेले कमाने वाले थे और छह महीने बाद रिटायर होने वाले थे। बता दें कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कांस्टेबल चेतन सिंह ने सोमवार सुबह जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस पर अपनी ऑटोमैटिक राइफल से फायरिंग की। फायरिंग में RPF ASI टीकाराम मीना और अब्दुल कादिर, मोहम्मद हुसैन, असगर की मौत हो गई।
फायरिंग के शिकार हुए आरपीएफ के एएसआई टीकाराम मीणा की मौत की सूचना मीडिया से लगने पर श्यामपुरा गांव में बेहद गमगीन माहौल हो गया है। समूचे गांव वाले इस घटना से पूरी तरह स्तब्ध है। श्यामपुरा गांव के पूर्व सरपंच रामधन मीना ने बताया कि टीकाराम एक महीने पहले ड्यूटी पर गए थे। जाते वक्त उन्होंने कहा था कि चार-पांच महीने बाद रिटायरमेंट है, फिर उसके बाद घर लौट आऊंगा। टीकाराम के घर में पिता रामकरण मीना, मां भूरी देवी, पत्नी बर्फी देवी, एक बेटा और एक बेटी है। बेटे का नाम दिलकुश मीना की शादी तय हो गई है, लेकिन वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है जबकि बेटी की पहले ही शादी हो चुकी है।
हालांकि मृतक एएसआई की पत्नी को ग्रामीणों और अन्य परिजनों ने अभी घटना की जानकारी नहीं दी है। उनका मानना है कि फिलहाल घटना की जानकारी देने से वो यह सदमा सह नहीं सकेंगी। मां भी बुजुर्ग हैं, उन्हें भी नहीं बताया गया है कि उसका लाल नहीं रहा। मृतक का शव आने में अभी वक्त लग सकता है। इसके चलते ग्रामीणों ने घर के आस-पास एक घेरा बना रखा है ताकि इस घटना को लेकर कोई बुजुर्ग मां के पास सीधा नहीं जा सके। मृतक एएसआई टीकाराम मीणा के एक पुत्र और एक पुत्री हैं। 25 वर्षीय बेटी पूजा मीणा का विवाह हो चुका है। वह ससुराल में है। बेटा 35 वर्षीय राजेन्द्र मीणा भी शादीशुदा है और बेरोजगार बताया जा रहा है। मृतक का बेटा राजेन्द्र गोवा घूमने गया हुआ है। ग्रामीणों ने बेटे को फिलहाल घटना की जानकारी दे दी है और वह मौके के लिए रवाना हो गया है। बहरहाल मृतक के घर के आस-पास सन्नाटा छाया हुआ है और गांव में मातम का माहौल है। मृतक एएसआई टीकाराम मीणा किसान परिवार से हैं। उसके करीब पांच बीघा खेती बताई जा रही है। ग्रामीण फिलहाल डेडबॉडी आने का इंतजार कर रहे हैं।
अब रिटायरमेंट के बाद गांव में खेती करूंगा
पूर्व सरपंच और ASI के भतीजे टीकाराम रामधन मीणा ने बताया कि 1 महीने पहले ही छुट्टी से नौकरी पर लौटे थे। जब घर आए तो मैं भी उनसे मिलने गया था। बताया था किह 6 महीने बाद मैं (टीकाराम) रिटायर्ड होने वाला हूं। गांव के पास ही उनकी करीब 15 बीघा जमीन है। उन्होंने बताया था कि 6 महीने बाद जब रिटायरमेंट के बाद लौटूंगा तो यहीं गांव में परिवार के साथ खुशी से रहूंगा। 15 बीघा जमीन पर खेती करूंगा।
बेटा गोवा घूमने गया, वहां पता चला पिता की मौत
ASI टीकाराम मीणा के बेटे राजेंद्र और बेटी पूजा की शादी हो चुकी है। पूजा की शादी 27 जून 2021 को हुई थी। वहीं राजेंद्र की शादी करीब 12-13 साल पहले हुई थी। राजेंद्र का बड़ा बेटा 10 साल और 7 साल का है। राजेंद्र रणथम्भौर में ही जिप्सी चलाने का काम करता है। तीन दिन पहले ही वाह गोवा घूमने गया था। परिवार के लोगों को कहा था कि वह चार-पांच दिन में लौट जाएगा।
लेकिन, जब पहली बार ये खबर मिली कि जयपुर-मुंबई ट्रेन में हुए हमले में मृतक टीकाराम है तो विश्वास नहीं हुआ।
इधर, जब बेटे को इस घटना के बारे में गांव के लोगों ने बताया तो उसे भी विश्वास नहीं हुआ। बताया कि गोवा जाने से पहले ही उसने अपने पिता से बात की थी। घर में कोई पुरूष सदस्य नहीं होने की वजह से अन्य लोगों को जाने की मनाही कर रखी है।
पत्नी को बीपी की शिकायत, 80 साल की मां भी बीमार
टीकाराम के घर में सन्नाटा पसरा है। अभी घर में केवल उनकी पत्नी बर्फी देवी और 80 साल की मां है। उन्हें कुछ नहीं पता नहीं है कि टीकाराम ड्यूटी पर है या उनकी मौत हो चुकी है।
टीकाराम की पत्नी बर्फी देवी को बीपी की शिकायत है। इसलिए गांव और समाज के लोगों को कुछ भी नहीं बताने की मनाही कर रखी है। इसलिए टीकाराम के घर के बाहर ही पूर्व सरपंच समेत उनके परिचित और दोस्त डेरा डाले हुए हैं।
गांव के लोगों के अलावा किसी को भी टीकाराम के घर की तरफ जाने नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अधिकारियों से बात हो गई है। वे बता रहे हैं कि उनका पार्थिव शरीर मंगलवार तक गांव पहुंचेगा।
जयपुर के असगर घूमते-घूमते बी-5 में गए और मार दी गोली
ट्रेन में हुई फायरिंग में जयपुर के भट्टा बस्ती में रहने वाले असगर अली (48) की मौत हो गई। जो मूलत बिहार मधुबनी का रहने वाले हैं।
मृतक के भाई अश्फाक ने बताया- वह करीब 6 साल पहले मुंबई की मस्जिद में साफ-सफाई करते थे। कोरोना में काम-काज छोड़कर वह अपने गांव चले गए।
काम की तलाश में मई-2022 में जयपुर आ गए। मदीना होटल भट्टाबस्ती के पास रहने वाले रिश्तेदार के पड़ोस में किराए से रहने लगे।
यहां पत्नी उमैसा खातून (36), बेटी आमना (16), अमीना (14), साबरा खातून (12) व सोफिया प्रवीण (3) और 5 साल के बेटे अब्दूल रहमान के साथ रहते थे।
जयपुर में काम-काज नहीं मिलने के कारण मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। रोजगार को लेकर उन्होंने पहले काम करने वाली मुंबई स्थित मस्जिद में कॉल किया था। जगह खाली होने के चलते काम मिलने पर मुंबई जाने तय किया।
29 जुलाई को मुंबई जाने के लिए ट्रेन की ऑनलाइन टिकट करवाई थी। 30 जुलाई की रात को S-6 कोच में असगर अली की 34 नंबर की सीट थी।
वह सुबह घूमते हुए ट्रेन के B-5 कोच में चला गया। इसी दौरान फायरिंग हुई और इस गोलाबारी में उनकी भी मौत हो गई। घटना के बाद सोमवार सुबह रेलवे के अधिकारियों ने कॉल कर असगर अली के मौत की सूचना दी।
मुआवजे का ऐलान
पश्चिमी रेलवे ने बयान जारी कर मुआवजे का ऐलान किया है। पश्चिमी रेलवे ने कहा- दिवंगत एएसआई के परिजनों को 15 लाख रुपए रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि, 15 लाख रुपए मृत्यु या रिटायरमेंट निधि से दिए जाएंगे।
इनके अलावा मृतक के आश्रितों को 20 हजार रुपए अंतिम संस्कार के लिए और 65 हजार रुपए इंश्योरेंस योजना के तहत दिए जाएंगे।
ट्रेन के बी-5 कोच में की थी फायरिंग
घटना पर पश्चिमी रेलवे की ओर से एएनआई पर बयान जारी किया गया था। बताया- पालघर स्टेशन पार करने के बाद आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन ने चलती ट्रेन के अंदर गोलीबारी कर दी।
घटना महाराष्ट्र के पालघर में वापी से बोरीवली-मीरा रोड के बीच ट्रेन के कोच बी-5 में फायरिंग हुई थी। हत्या के बाद दहीसर स्टेशन के पास कॉन्स्टेबल ट्रेन से कूद गया था। मीरारोड-बोरीवली के बीच GRP मुंबई के जवानों ने कॉन्स्टेबल को राउंडअप कर लिया है।
जीआरपी के जवानों ने पकड़ा
GRP मुंबई के जवानों ने कॉन्स्टेबल चेतन का पीछा कर उसे पकड़कर हथियार बरामद कर लिया। फिलहाल जीआरपी जांच में जुटी है कि जवान ने ऐसा क्यों किया?
ट्रेन में अचानक हुई फायरिंग के बाद लोग दहशत में आ गए थे। जानकारी के अनुसार आरोपी कॉन्स्टेबल चेतन का गुजरात से ट्रांसफर मुंबई सेंट्रल हो गया था।
ट्रांसफर को लेकर वह नाराज था। परिवार में दिक्कत को लेकर वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था।
जयपुर से मुंबई जा रही ट्रेन में एएसआई टीकाराम एस्कॉर्ट प्रभारी थे और चेतन एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात था। सोमवार सुबह करीब 5:15 बजे किसी बात को लेकर कॉन्स्टेबल का एएसआई से झगड़ा हो गया। कहासुनी के बाद गुस्साए कॉन्स्टेबल ने सर्विस गन से फायरिंग कर दी।
वेस्टर्न रेलवे ने किया मुआवजे का ऐलान
वेस्टर्न रेलवे ने एक बयान जारी कर मुआवजे का ऐलान किया है। पश्चिम रेलवे के मुताबिक, ASI टीकाराम मीना के आश्रितों को रेलवे सुरक्षा कल्याण निधि से 15 लाख रुपये और सेवानिवृत्ति निधि से 15 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार और बीमा योजना के तहत 65 हजार रुपये दिये जायेंगे।
घटना को लेकर वेस्टर्न रेलवे ने न्यूज एजेंसी ANI को बयान दिया जिसमें बताया गया कि पालघर स्टेशन पार करने के बाद आरपीएफ कॉन्स्टेबल चेतन सिंह ने चलती ट्रेन पर फायरिंग कर दी। घटना वापी और बोरीवली-मीरा रोड के बीच रेलवे के कोच बी-5 में हुई। वारदात के बाद आरोपी कांस्टेबल दहिसर स्टेशन के पास ट्रेन से कूद गया। लेकिन थोड़ी देर बाद मीरा रोड-बोरीवली के बीच जीआरपी मुंबई के जवानों ने कांस्टेबल को हिरासत में लिया।
आरोपी आरपीएफ जवान का हथियार जब्त
जीआरपी मुंबई के जवानों ने कांस्टेबल चेतन सिंह को पकड़कर उसका हथियार जब्त कर लिया। फिलहाल, जांच पड़ताल की जा रही है कि आखिर आरोपी जवान ने वारदात को अंजाम क्यों दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वारदात के पीछे के कारणों के संबंध में कहा जा रहा है कि चेतन सिंह का ट्रांसफर गुजरात से मुंबई सेंट्रल कर दिया गया था। ट्रांसफर किए जाने के बाद से ही चेतन नाराज थे। पारिवारिक समस्याओं के कारण वे मानसिक रूप से परेशान थे।
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जानकारी के मुताबिक, ट्रेन में ASI टीकाराम एस्कॉर्ट के प्रभारी थे, जबकि चेतन सिंह एस्कॉर्ट ड्यूटी पर तैनात थे। सुबह करीब पांच बजे चेतन सिंह की किसी बात को लेकर ASI टीकाराम मीना से बहस हो गई। इसके बाद आरपीएफ कांस्टेबल ने अपनी सर्विस गन से गोली चला दी।