झुंझुनूं-खेतड़ी : राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति की ओर से राजकीय उप जिला अस्पताल में मंगलवार को नर्सिंग कर्मचारियों की ओर से दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताते हुए उनकी मांगों को पूरा करने की मांग की है। विरोध कर रहे नर्सिंग कर्मचारियों ने बताया गया कि नर्सिंग कर्मचारी पिछले काफी समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने से नर्सिंग कर्मचारी अब आंदोलन के राह अपना रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 वैश्विक बीमारी में नर्सिंग कर्मचारियों ने चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बावजूद भी सरकार की ओर से उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के नर्सेज की राज्य स्तर पर वेतन भत्तों की विसंगति, पदोन्नति संबंधित, प्लेसमेंट एजेंसी से नर्सेज की भर्ती पूर्णतया प्रतिबंध करने, नर्सिंग ट्यूटर व एएनएम वर्ग का पद नाम परिवर्तन करने, ड्रेस कोड में परिवर्तन करने, संविदा नर्सेज का नियमितीकरण करने, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से जिला मुख्यालय व प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जा रहा है।
सरकार की कानों तक बात पहुंचाने के लिए नर्सिंग कर्मचारी पिछले साढे चार वर्षों से सरकार का ध्यान नर्सिंग कर्मचारियों को आ रही समस्याओं पर करना चाह रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से नर्सिंग कर्मचारियों के हितों को लेकर महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए जाने से नर्सिंग कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो रहा है। जिसको लेकर प्रदेश स्तरीय नर्सिंग संगठनों द्वारा 18 जुलाई से जिला स्तरीय अनिश्चितकालीन धरने दिए गए थे।
वहीं एक अगस्त से प्रदेश स्तरीय नर्सिंग संगठनों के आह्वान पर सभी अस्पतालों में कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। इस मौके पर नर्सिंग अधीक्षक जगदीश सिंह, विजयपाल सैनी, उप जिला संयोजक दयाकोर, अनिल कुमार, सहीराम वर्मा, जिलाध्यक्ष विपुल तंवर, जयप्रकाश यादव, दीपेंद्र सैनी, बाबूलाल, सुनीता चनेजा, सुशीला चौधरी, मंजू धायल, विजयलक्ष्मी, मंजू यादव, पूनम, सुनीता गुर्जर, सविता, अनिता कटेवा, नीलम भास्कर, बालेश सहित अनेक कर्मचारी मौजूद थे।