जयपुर : ‘मैं रहूं या ना रहूं मेरा पता रह जाएगा’:मोहम्मद रफी की याद में गूंजे तराने, जेकेके में मधुरम् के तहत हुआ आयोजन

जयपुर : ‘मैं रहूं या ना रहूं, मेरा पता रह जाएगा शाख पर यदि एक भी पत्ता हरा रह जाएगा, बो रहा हूं बीज कुछ संवेदना के यहां खुशबुओं का इक अनोखा सिलसिला रह जाएगा।’ इन्हीं अहसासों के साथ जवाहर कला केन्द्र में सुरों के सरताज मोहम्मद रफी की याद में सुरीले तरानों से शाम सजाई गई। मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर मधुरम् के तहत आयोजित सावन श्रृंगार कार्यक्रम में दिनेश गोपी म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने गायन प्रस्तुति दी। सुधि श्रोताओं की तालियों की गूंज रंगायन सभागार में अंत तक सुनाई देती रही।

मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर मधुरम् के तहत आयोजित सावन श्रृंगार कार्यक्रम में दिनेश गोपी म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने गायन प्रस्तुति दी।
मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि पर मधुरम् के तहत आयोजित सावन श्रृंगार कार्यक्रम में दिनेश गोपी म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने गायन प्रस्तुति दी।

पीयूष पंवार ने ‘प्यार का तोहफा लाए है’ गीत के साथ आगाज किया। इसके बाद अलीना भारती ने ‘एहसान तेरा होगा मुझ पर’ के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। धर्मेश नायत ने ‘दर्द-ए-दिल’ गाकर सभी का दिल छू लिया। सानिया युक्ति सबनानी ने ‘वादियां मेरा दामन’ गाकर दाद बटोरी।

धर्मेश नायत ने 'दर्द-ए-दिल' गाकर सभी का दिल छू लिया। सानिया युक्ति सबनानी ने 'वादियां मेरा दामन' गाकर दाद बटोरी।
धर्मेश नायत ने ‘दर्द-ए-दिल’ गाकर सभी का दिल छू लिया। सानिया युक्ति सबनानी ने ‘वादियां मेरा दामन’ गाकर दाद बटोरी।

दिनेश कुमार गोपी ने ‘ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर’ गाकर सभी को मन्त्र मुग्ध कर दिया। पीयूष और अलीना की जोड़ी ने ‘ये दिल तुम बिन कहीं लगता नहीं ‘ गाकर समां बांधा। ‘इतना तो याद है मुझे’ के साथ दिनेश और सानिया ने महफिल सजाई। बारी-बारी से सभी कलाकारों ने 20 सुरीले गीतों की माला से सावन श्रृंगार किया। कलाकारों ने श्रोताओं की फरमाइश का भी बखूबी ध्यान रखा। एवी तिलवानी ने की-बोर्ड, दिलीप सोलंकी ने ऑक्टोपैड और हैंडसोनिक, डैनी ने इलेक्ट्रॉनिक गिटार, कार्लटन ने बैस गिटार, सुरेंद्र ने ढोलक, सैक्सोफोन पर गोपी लाल नायत व तबले पर परमेश्वर कथक ने संगत की।

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