जयपुर : विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की याचिका पर हाईकोर्ट के ग्रीष्मकालीन अवकाश जज चंद्र कुमार सोनगरा ने नोटिस जारी कर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इससे पहले एसीबी ने केंद्रीय मंत्री शेखावत का वॉइस सैंपल लेने के लिए पहले ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे निचली कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार के निर्देश पर एसीबी ने एडीजे कोर्ट में अपील करते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली रिवीजन याचिका लगाई थी। लेकिन एडीजे कोर्ट ने भी 17 फरवरी 2023 को रिवीजन याचिका खारिज कर दी थी।
दो निचली कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद एसीबी ने गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में याचिका लगाई, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने गजेंद्र सिंह शेखवात को नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चार सप्ताह में कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए जवाब देना होगा। उन्हें अपनी ओर से एडवोकेट पेश करना होगा। शेखावत की ओर से जवाब पेश होने के बाद आगे केस की सुनवाई होगी। दोनों पक्षों को कोर्ट सुनेगा। उसके बाद ही कोई निर्णय होगा कि एसीबी को वॉइस सैंपल लेने के लिए इजाजत दी जाएगी या नहीं दी जाएगी।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया…
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता घनश्याम सिंह राठौड़ ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट और रिवीजन कोर्ट ने सिर्फ इस आधार पर प्रार्थना नामंजूर कर दिया कि सीआरपीसी में ऐसा आदेश देने का कोई प्रोविजन नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के साल 2019 के आदेश में उल्लेख है कि जब तक संसद इस मामले को लेकर कोई कानून नहीं बना देती, मजिस्ट्रेट इस तरह का आदेश दे सकता है। इस मामले में निचली अदालत एक अन्य सह-अभियुक्त संजय जैन के वॉइस सैंपल लेने के आदेश पहले ही दे चुकी है। लेकिन गजेंद्र सिंह शेखावत के मामले में एप्लीकेशन को खारिज कर दिया। एक ही केस में इस तरह अंतर नहीं किया जा सकता है।
कैबिनेट मंत्री महेश जोशी ने एसीबी को दी थी गजेन्द्र सिंह के खिलाफ शिकायत…
प्रदेश की गहलोत सरकार पर साल 2020 में जुलाई-अगस्त में यह सियासी संकट आया था। जब सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों ने मानेसर में कैंप कर लिया था और सरकार से बगावत कर दी थी। सीएम गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट खेमे के विधायक होटल-रिसोर्ट में बाड़ेबंदी में थे। उस दौरान सोशल मीडिया पर तीन ऑडियो क्लिप सामने आए थे। जो सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा ने फैलाए थे। तब सरकार में तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एसओजी में इस मामले को लेकर शिकायत की थी। जिसमें आरोप था कि राजस्थान की सरकार को गिराने के लिए साजिश रची जा रही है।
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो क्लिप में संजय जैन, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और तत्कालीन कांग्रेस विधायक (अब दिवंगत) भंवरलाल शर्मा की आवाज होने की बात कही गई थी। जिसके आधार पर एसओजी ने अपनी जांच कर संजय जैन को गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि बाद में एसओजी ने क्षेत्राधिकार का मामला बताते हुए एफआर भी पेश कर दी थी, जिसकी खासी चर्चा हुई थी। लेकिन इसके बाद एसीबी ने संजय जैन, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और दिवंगत विधायक भंवरलाल शर्मा को आरोपी बनाकर मामले में जांच शुरू की। संजय जैन जमानत पर बाहर हैं। गजेंद्र सिंह शेखवात पर आज तक एसीबी हाथ नहीं डाल सकी है।