जयपुर-चौमू : चौमू शहर में राजा महाराजाओं के समय में बने 133 साल पुराने चौमू की नहर का ऐतिहासिक पुल एक ट्रॉली के वजन से धराशाई हुआ। जानकारी के अनुसार प्राचीन गढ़ गणेश मंदिर के नीचे एक पुल बना हुआ था जो भारी भरकम लकड़ी के सपोर्ट से टिका हुआ था। प्रशासन की अनदेखी और पुरातत्व विभाग की विफलता की वजह से चौमू शहर का यह ऐतिहासिक पुल आज धरा शाही हो गया। भारी भरकम ईट की ट्रॉली जब उसके ऊपर से गुजरी तो 1 पहिया उसमें धश गया। हालांकि कोई बड़ी हानि नहीं हुई पर इस पुल का धसना प्रशासन पर एक प्रश्न चिन्ह लगाता है। नेहरो को संरक्षित और सुरक्षित रखने की जिम्मेवारी पुरातत्व विभाग की है लेकिन लगातार विभाग इस मामले में चौमू मैं विफल नजर आता है। विभाग की विफलता के कारण ही चौमू नहर के आसपास में नहर की दीवार को सटाकर मकान बना लिए गए और नहर में गंदे नाले खोल दिए गए। विभाग चुप रहा अतिक्रमण होने की वजह से आज पुरातत्व महत्व की नहर अपनी बदहाली के आंसू बहा रही है। अतिक्रमणीयो को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से विभाग भी मौन धारण करके बैठा हुआ है।