जयपुर : सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक केस में एसओजी ने उदयपुर की कोर्ट में चालान पेश कर दिया है। RPSC मेंबर बाबूलाल कटारा सहित तीन के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई है। चार्जशीट में सामने आया कि परीक्षा से 60 दिन पहले ही पेपर लीक हो गया था। अब तक मामले में करीब 62 आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं जबकि एक लाख के इनामी सुरेश ढाका सहित 48 लोगों की तलाश है।
एसओजी ने बाबूलाल कटारा, भांजे विजय और ड्राइवर गोपाल के खिलाफ चालान पेश किया। चार्जशीट से सामने आया है कि 24 दिसंबर को होने वाले सीनियर टीचर एग्जाम का पेपर परीक्षा से 60 दिन पहले अक्टूबर में ही लीक हो गया था। RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा पेपर तैयार होते ही सभी सेट की मूल कॉपी अपने सरकारी आवास पर ले गया था।
कटारा के पास विशेषज्ञों से पेपर सेट कराने की जिम्मेदारी थी। कटारा ने अपने भांजे विजय डामोर से सभी सवाल रजिस्टर में लिखवा लिए। इसके बाद उसने प्रिंटिंग के लिए पेपर वापस ऑफिस में जमा करा दिया। भांजे विजय के लिखे रजिस्टर को कटारा ने मास्टरमाइंड शेर सिंह मीणा को दिया। शेर सिंह ने इसकी फोटो अपने मोबाइल में खींची। फोटो से पेपर टाइप कर गिरोह को बेच दिया। बाद में सबूत मिटाने के लिए रजिस्टर को जला दिया।
पहले ही कर रखा था सौदा
निलम्बित सरकारी टीचर शेर सिंह मीणा पेपर लीक करने के लिए आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से कई महीनों से कॉन्टैक्ट में था। शेर सिंह ने भूपेन्द्र सारण से पहले ही पेपर का सौदा कर लिया था। 1 करोड़ रुपए में सौदा किया था। 19 दिसम्बर को पेपर भूपेन्द्र सारण के कहने पर सुरेश ढाका को दिया। शेर सिंह ने ही अरुण शर्मा व अन्य को भी पेपर उपलब्ध करवाया था। कटारा और विजय डामोर के अलावा शेर सिंह आरपीएसी के सदस्य के ड्राइवर गोपाल सिंह के भी कॉन्टैक्ट में था।
RPSC की कार में बैठाकर गया था शेर सिंह
गोपाल सिंह RPSC की सरकारी गाड़ी में शेर सिंह और अन्य आरोपी प्रवीण सुतल्या को अजमेर स्थित रेलवे क्वार्टर से पैराडिजो होटल लेकर गया था। उसने ही भूपेन्द्र सारण और सुरेश ढाका से होटल के पास मिलवाया। ढाका की गाड़ी में बैठकर तीनों की मीटिंग हुई थी। कटारा के यहां से पेपर लेने के बाद शेर सिंह को गोपाल अपनी प्राइवेट कार से जयपुर छोड़कर आया था। एसओजी ने कार को भी जब्त किया है।
पेपर लीक कर कई अभ्यर्थियों को लिखवाए सवाल
बाबूलाल कटारा से पेपर लेकर शेर सिंह ने सुरेश ढाका, भूपेन्द्र सारण, अरुण शर्मा, रामगोपाल मीणा, सुरेश सउ और राजीव उपाध्याय को बेचा। पेपर लीक के बाद अरुण शर्मा व रामगोपाल मीणा के साथ शेर सिंह ने कई अभ्यर्थियों को सवाल लिखवाए। सुरेश सउ व राजीव उपाध्याय के साथ मिलकर शेर सिंह ने कई अभ्यर्थियों को पेपर दिए।
गिरफ्तारी से पहले मैसेज- ‘पुलिस आगी’
एसओजी ने गिरफ्तार आरोपी पुखराज के मोबाइल की पड़ताल की। उसमें चैट डिलीट थी। FSL ने इसको रिकवर कर लिया है। पुखराज ने परीक्षा के दिन सुबह 5:08 बजे सुरेश ढाका को वॉट्सऐप मैसेज किया था- ‘पुलिस आगी’। एसओजी को सुरेश ढाका सहित 48 आरोपियां की तलाश है। इनकी गिरफ्तारी के बाद अभी और लोगों के नाम सामने आएंगे, जिन्होंने पेपर खरीदा या उसे आगे पहुंचाने में मदद की।
यह था मामला
उदयपुर पुलिस ने 24 दिसंबर को बेकरिया (उदयपुर) थाने के बाहर 49 अभ्यर्थियों से भरी बस को पकड़ा था। ये सभी चलती बस में आरपीएससी के सेकेंड ग्रेड शिक्षक भर्ती के जीके का लीक पेपर सॉल्व कर रहे थे। पुलिस की सूचना पर आरपीएससी ने पेपर को रद्द कर दिया था।
कौन है बाबूलाल कटारा…
डूंगरपुर के बाबूलाल कटारा ने 15 अक्टूबर 2020 में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के मेंबर का कार्यभार संभाला था। कटारा का चयन राजस्थान लोक सेवा आयोग के सांख्यिकी अधिकारी, आयोजना विभाग के पद पर हुआ था।
इसके बाद उसने जिला सांख्यिकी अधिकारी डूंगरपुर और बाड़मेर में काम किया था। 1994 से 2005 तक भीम, राजसमंद, खैरवाडा, डूंगरपुर, सागवाडा, सुमेरपुर और उदयपुर में काम किया। वर्ष 2013 में सचिवालय में आयोजना विभाग संयुक्त निदेशक रहा। इसके बाद आरपीएससी के मेंबर के रूप में सरकार ने नियुक्ति दी।
कौन है शेर सिंह मीणा…
जयपुर के चौमूं में दोला का बास निवासी अनिल मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा पिछले 10 साल से भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करवाने और नौकरियां लगाने के काम में सक्रिय है। 5 साल पहले अपने गांव से दूरी बना ली थी। शेर सिंह पहले रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से पैसे कमाता था। फिर उसने भर्ती परीक्षाओं से करोड़ों रुपए कमाने का प्लान बनाया। उस समय शेर सिंह मीणा फागी के सरकारी स्कूल में पोस्टेड था। उसने पहले जगदीश विश्नोई के जरिए कॉन्स्टेबल, जीएनएम भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण से दोस्ती की। इसके बाद आरपीएसी में अपने कनेक्शन से भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करके करोड़ों रुपए कमाने का प्लान बनाया। 2019 में शेर सिंह का ट्रांसफर सिरोही जिले के भावरी गांव के सरकारी स्कूल में हुआ था।
शेर सिंह के दो भाई सरकारी नौकरी करते हैं। वहीं एक छोटा भाई गांव में किराना स्टोर चलाता है। गांव में शेर सिंह मीणा की मां और छोटा भाई रहते हैं, लेकिन शेर सिंह पिछले कई सालों से वहां नहीं जा रहा था।
गांव से दूरी बनाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि कोई भी शख्स उसके सहयोगी और उसकी प्रॉपर्टी के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल नहीं कर सके। पेपर लीक में नाम आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था।
कौन है भूपेंद्र सारण…
भूपेंद्र सारण साल 2011 में जीएनएम भर्ती पेपर आउट प्रकरण और वर्ष 2022 में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती पेपर लीक मामले में भी शामिल था। जेल भी जा चुका हे। पुलिस भूपेंद्र सारण को गिरफ्तार कर चुकी है।
कौन है सुरेश ढाका…
सुरेश ढाका सांचौर से 20 किलोमीटर दूर स्थित अचलपुर गांव का रहने वाला है। इसके पिता मांगीलाल वर्तमान में सरपंच हैं। पहले जेल भी जा चुका है। पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग और दूसरी बार पेपर लीक में जेल गया था। जयपुर में गुर्जर की थड़ी पर उमंग क्लासेज के नाम से कोचिंग चलाता है। चौंकाने वाली बात ये है कि सुरेश ढाका कई मंत्रियों के ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज हैंडल करता है। इसके अलावा खुद के भी सभी सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफाइड हैं। अभी फरार है।
चलती बस में नकल : उदयपुर पुलिस ने दिसंबर 2022 में चलती बस में सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को पकड़ा था। अभ्यर्थियों काे 5 से 8 लाख रुपए में ये पेपर बेचा गया था।
- सुरेश विश्नोई : कार्रवाई के दिन भी वह नकल वाली बस को एस्कॉर्ट कर रहा था।
- सुरेश ढाका : सुरेश विश्नोई की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि उसके जीजा जयपुर के गुर्जर की थड़ी स्थित अधिगम कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक सुरेश ढाका ने अभ्यर्थियों को पेपर बेचने के लिए अपने साथ मिलाया।
- भूपेंद्र सारण : भूपेंद्र सारण फर्जी डिग्रियां बेचने और पेपर लीक का काम करता था।
- भूपेंद्र सारण ने इससे पहले काॅन्स्टेबल, जीएनएम भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक करवाया था। भूपेंद्र ने सुरेश ढाका के अलावा घमाराम विश्नोई को भी पेपर बेचा था।
- शेर सिंह मीणा : भूपेंद्र सारण से पूछताछ में शेर सिंह मीणा का नाम सामने आया। सिरोही के स्वरूपगंज में भावरी गांव में वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत शेर सिंह उर्फ अनिल मीणा ने पेपर लीक को अंजाम देने के लिए अपनी टीम में तीन लोगों को लगा रखा था।
- पहला बिजनेस पार्टनर और उसका अकाउंटेंट का काम देखने वाला जयपुर का प्रॉपर्टी डीलर रामगोपाल मीणा, दूसरा साथी जयपुर के चौमूं में रहने वाला प्रवीण सुतालिया। प्रवीण अजमेर में रेलवे में वेल्डर प्रथम के पद पर कार्यरत था। शेर सिंह की तीसरी साथी उसकी गर्लफ्रेंड अनिता है।
- अनिता जयपुर के सी-स्कीम में स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की ब्रांच में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत थी। अनिता मीणा मूलत: झुंझुनूं की रहने वाली है। अनिता अविवाहित है। शेर सिंह मीणा और अनिता लंबे समय से रिलेशन में हैं। भूपेंद्र की गिरफ्तारी के बाद शेर सिंह फरार हो गया था। पुलिस ने उसे ओडिशा के एक गांव से गिरफ्तार किया, जहां वह मजदूर बनकर रह रहा था।
- विजय डामोर : बेरोजगार विजय डामोर को उसके मामा और आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने ही अपने साथ मिलाया।
- बाबूलाल कटारा : भूपेंद्र को पेपर भले विजय डामोर ने बेचा था, लेकिन विजय सिर्फ एक मोहरा था। असली खेल बाबूलाल कटारा का था। चार साल पहले उसकी दोस्ती शेर सिंह मीणा से हुई थी। कटारा के मेंबर बनने के बाद शेर सिंह मीणा ने बाबूलाल के साथ पेपर आउट कराने का प्लान बनाया।
- बाबूलाल कटारा के दो सहयोगी हैं। इनमें एक उनका भांजा विजय डामोर और दूसरा उनका ड्राइवर गोपाल सिंह है। किसी को भनक नहीं लगे, इसके लिए ऑफिस के बाहर डील करने की जिम्मेदारी बाबूलाल ने अपने भांजे विजय डामोर को दी थी।
ऐसे बना सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का प्लान
शेर सिंह भावरी गांव से पहले जयपुर के फागी में स्थित सरकारी स्कूल में नौकरी करता था। उस समय पेपर लीक का आरोपी जगदीश बिश्नोई भी टीचर के पद पर कार्यरत था।
यहां दोनों में दोस्ती हो गई थी। जगदीश बिश्नोई नकल कराने वाले गिरोह भूपेंद्र सारण की गैंग से जुड़ा हुआ था। भूपेंद्र सारण कई बार फागी में जगदीश से मिलने आता था। जहां जगदीश बिश्नोई ने ही शेर सिंह मीणा की भूपेंद्र सारण से दोस्ती करवाई थी।
भूपेंद्र सारण ने इससे पहले कॉन्स्टेबल का पेपर लीक करवाया था। इसके बाद भूपेंद्र सारण और शेर सिंह मीणा ने सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का प्लान बनाया।
दोनों के बीच सौदा हुआ कि शेर सिंह मीणा सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करके लाएगा और उसे भूपेंद्र सारण को बेचेगा।
पकड़े जाने से पहले कहा था- मैं शेर सिंह मीणा को नहीं जानता हूं
शेर सिंह मीणा को जब एसओजी ने पकड़ा तो उसने पूछताछ में बताया था कि पेपर आरपीएससी से लीक करके आरपीएससी के मेंबर बाबूलाल कटारा ने ही उसे दिया था। इसके बाद उसने आगे पेपर भूपेंद्र सारण को बेचा था।
इस पर मेडिया ने जब आरपीएससी मेंबर बाबूलाल कटारा से बात की थी तो उसने कहा था कि मैं शेर सिंह मीणा को नहीं जानता हूं और उससे कभी मिला भी नहीं हूं। शेर सिंह मीणा एसओजी से बचने के लिए मेरा झूठा नाम ले रहा है। बाबूलाल कटारा के इस बयान के एक हफ्ते बाद एसओजी ने कटारा, भांजे व ड्राइवर को पकड़ लिया था।