कोटा : कहते हैं कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, हमें असफलताओं से घबराना नहीं चाहिए, ये हमें मजबूत बनाती है… गिर कर संभलने का मौका देती हैं।
जिले के कैथून की रहने वाली अलीना आयशा (19) ने भी कई असफलताएं देखीं और वे हर गलती से सीखती रहीं। अलीना ने अपने मजबूत इरादों से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा आयोजित नीट यूजी परीक्षा पास की। अलीना को ये सफलता तीसरे प्रयास में मिली। इससे पहले वो दो बार वो असफल रही। लेकिन उसने हार नहीं मानी। तीसरे प्रयास में नीट एग्जाम में 720 में से 649 नंबर हासिल किए। 99.63 परसेंटाइल के साथ 7409 ऑल इंडिया रैंक हासिल की।
अलीना तीन बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी हैं। उनके पिता वसीम अंसारी कैथून में ही पेंटिंग का काम करते हैं।
अलीना बताती हैं कि वो 8वीं तक स्थानीय संस्कृति पब्लिक स्कूल में पढ़ी हैं। पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण 9वीं से 12वीं तक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। लेकिन, कुछ कर गुजरने के जज्बे में कमी नहीं आई। अलीना 10वीं में 94.83 प्रतिशत लाकर स्कूल टॉपर बनी और 12वीं में 97.83 प्रतिशत नम्बर लाकर स्कूल में सैकंड टॉपर रही। जिसके बाद राजस्थान सरकार की ‘मुख्यमंत्री हमारी बेटी योजना’ के दायरे में आने के बाद उसके परिवार को थोड़ा आर्थिक संबल मिला।
अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान ही अलीना ने सोच लिया था कि अभी आगे राह आसान नहीं है, ऐसे में उसे पढ़ाई पर और अधिक ध्यान देना होगा। अलीना अपनी पारिवारिक आर्थिक स्थिति को पढ़ाई के आड़े नहीं आने देना चाहती थी। अलीना अपने मिशन पर जुट गई और रोजाना 12-12 घंटे पढ़ाई करना शुरू किया।
परिवार ने भरोसा जताया, हासिल किया मुकाम
अलीना ने बताया कि साल 2021 में 12वीं के साथ ही पहली बार नीट का एग्जाम दिया था। जिसमें पास नहीं हो पाई और 336 नंबर आए। थोड़ा मायूस थी तो परिवार ने पूरा भरोसा जताया तो अगले साल तैयारी करने का हौसला बढ़ा। लेकिन, फिर से सफलता नहीं मिली, केवल 538 नंबर ही आए।
अलीना बतातीं हैं- कम नंबर आते तो फ्यूचर को लेकर चिंता होती, अजीब सा लगता। ऐसे में माता-पिता ने सपोर्ट किया वे हमेशा मेरा हौसला बढ़ाते थे। सफलताओं की कहानियां सुनाकर मोटिवेट करते। इन्हीं के सपोर्ट से और परिवार के पॉजिटिव माहौल के कारण ही में नीट की परीक्षा पास कर पाई।
15 किमी रोज ऑटो में जाती, लेट होता तो मां घबराती
साल 2021 में 12वीं पास करने के बाद अलीना ने कोटा में कोचिंग ज्वाइन की। वो कहती हैं- रोज ऑटो में बैठकर 15 किमी दूर कोचिंग में पढ़ाई करने जाती थी। रात साढ़े 8 बजे कोंचिंग खत्म करके करीब 10 बजे घर पहुंच पाती थी। ये सिलसिला दो साल तक चला। इस दौरान पेरेंट्स को डर भी लगा रहता, कई बार थोड़ा लेट हो जाती तो मां परेशान हो जाती।
दादी के कमरे को स्टडी रूम बनाया
अपनी पढ़ाई को लेकर अलीना कहती हैं कि- घर में तीन कमरे हैं, जिसमें हमारा पूरा परिवार रहता है। ऐसे में मेरे लिए कोई खास कमरा नहीं था जहां मैं देर रात तक पढ़ाई कर सकूं। हम भाई बहनों ने मेरी दादी के रूम को ही स्टडी रूम बना लिया था। ऐसे में, हम चारों दादी के रूम में ही पढ़ाई करते। मैं रोज सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक पढ़ाई करती। फिर दोपहर 1 बजे कोचिंग के लिए निकल जाती। फिर रात को वापस आना हो पाता।
चाचा बने इंस्पिरेशन
अक्सर, कुछ कर गुजरने वालों का कोई न कोई रोल मॉडल जरूर होता है। जिसे देखकर उनके मन में जूनून पैदा होता है। यहां अलीना की इंस्पिरेशन उनके चाचा बने। उसके चाचा एक प्राइवेट क्लिनिक चलाते हैं। वहीं हैं जो जरूरत पड़ने पर अलीना के परिवार की आर्थिक भी मदद करते हैं।
चाचा को देखकर ही उसके मन मे डॉक्टर बनने का ख्याल आया। अलीना की इस सफलता का जश्न पूरा परिवार मना रहा है और पूरे परिवार को बच्ची पर गर्व है।
टॉप-20 में कोटा के 5
हाल ही में जारी हुए नीट-यूजी 2023 के परिणामों में कोटा में पढ़ रहे स्टूडेंट्स ने सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। टॉप-20 में कोटा कोचिंग के पांच स्टूडेंट्स ने जगह बनाई है-
- पार्थ खंडेलवाल 715 अंक, AIR 10 (राजस्थान स्टेट टॉपर)
- शंशाक 715 अंक, AIR 14 (बिहार स्टेट टॉपर)
- शुभम बंसल 715 अंक AIR 16 (उत्तर प्रदेश टॉपर)
- अरनब पाती 715 अंक AIR 19
- शशांक सिन्हा 712 अंक AIR 20
एनटीए ने 50 टॉपर्स की सूची जारी की है। इनमें 10 छात्राएं हैं, लेकिन टॉप-10 में एक ही छात्रा है। जबकि, छात्रों की तुलना में 2 लाख 74 हजार 651 अधिक छात्राएं शामिल हुई थीं। इस बार कुल 20 लाख 38 हजार 596 स्टूडेंट्स शामिल हुए थे। इनमें 8.81 लाख छात्र थे। कुल 55.60% यानी 4 लाख 90 हजार 374 पास हुए। जबकि, 11 लाख 56 हजार 618 छात्राओं में से 6 लाख 55 हजार 599 छात्राएं यानि 56.68% पास हुई हैं। इस बार टाई के नियमों में बदलाव से दो स्टूडेंट की फर्स्ट रैंक बनी है।
-एजुकेशन एक्सपर्ट, पारिजात मिश्रा