जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं/नासिक : भक्त तथा तथा भगवान का रिश्ता बहुत पवित्र होता है, इस पवित्र रिश्ते को बनाए रखने के लिए हर भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए, भक्तों को मंदिर में जाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसके किसी व्यवहार से मंदिर की गरिमा पर असर तो नहीं पड़ रहा है ,मंदिर में वस्त्र संहिता लागू की जाए या नहीं जब इस मुद्दे पर विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों से पूछा गया तो उन्होंने बड़ी बेबाकी से कहा जिस तरह से बैगर स्नान किए भक्त भगवान की पूजा नहीं की जा सकती मंदिर नहीं जा सकती मंदिर नहीं जाया सकता उसी तरह शालीन वस्त्र धारण किए बिना मंदिर में जाना भी अनुचित है, भक्त का भगवान का रिश्ता केवल घर तथा मंदिर तक ही सीमित न होकर भगवान के प्रति भगत के मन में उपजे अनन्य आस्था भी होती है, मंदिर किसी का भी हो वहां जाने वाले व्यक्ति का तन मन तो शुद्ध होना ही चाहिए, साथ ही उसके वस्त्र भी ऐसे हो, जिससे इस बात की पुष्टि होजाए यह भक्त विशुद्ध भारतीय संस्कृति का भाग है।
भारतीय संस्कृति में आमतौर पर देखने को मिलता है जब हम किसी के घर जाते हैं, कार्यालय में जाते हैं , इसी तरह मंदिर में जाते हैं ,अपने जूते चप्पल बाहर ही उतारते हैं,यह नियम एक सामान्य भगत से लेकर विशिष्ट अतिथि सभी के लिए लागू रहता है, विक एंड का मनोरंजन या पयेटन कोई धार्मिक स्थल नहीं हो सकता, कई बार मंदिरों में ऐसे लोग भी देखने को मिल जाते हैं, जो बरमूडा टी-शर्ट जैसे रात में सोते समय उपयोग करते हैं उसे पहनकर ही मंदिर में चले आते ह, एसे मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बहुत कम होती है, लेकिन ऐसे ही कथित भक्तों की वजह से देवालयो की गरीमा पर ठेस पहुंचती है, आज आधुनिक तौर-तरीके में पली-बढ़ी लड़कियां कुछ ऐसे वस्त्र पहनकर मंदिर पहुंचती है जो ऐसा नहीं होना चाहिए।
भगवान की पूजा करना हर किसी की व्यक्तिगत सोच है भगवान के मंदिर में जाते समय यह जरूरी नहीं है हर बार कुर्ता पायजामा पहन कर जाया जाय लेकिन जो भी वस्त्र पहन कर जाए उसे देखकर कोई भी यह न कहे की, देखो मंदिर में भी इस तरह से कपड़े पहन कर आया है। मंदिर तन और मन की शुद्धि का केंद्र है, हमारा पहनावा, हमारी वाणी, हमारी विचारधारा ऐसी होनी चाहिए जिसकी सर्वत्र प्रशंसा हो। इसलिए हर मंदिर में वस्त्र पूरे पहनकर जाना चाहिए। अभी भी सनातन महिलाएं भगवान का दर्शन करते टाइम सिर पर पल्लू लेकर दर्शन, हाथ जोड़कर प्रार्थना करती है।