जयपुर : आधार कार्ड में गलती के आधार पर नियुक्ति नहीं देने का मामला, हाईकोर्ट ने परिलाभ सहित एक माह में नियुक्ति देने के दिए आदेश

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल

जयपुर : तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती लेवल प्रथम में ओबीसी वर्ग की विधवा महिला को उसके आधार कार्ड में पति के नाम के पहले डब्ल्यू/ओ के बजाए सी/ओ लिखा होने के कारण नियुक्ति नहीं देने पर राजस्थान हाईकोर्ट में जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने आश्चर्य जताते हुए याचिकाकर्ता को एक माह में नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता सभी नोशनल परिलाभ और वरिष्ठता सहित अन्य लाभ पानें की हकदार है।

याचिकाकर्ता करौली निवासी रेशम बाई चौहान के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने हाईकोर्ट को बताया कि 31 दिसंबर, 2०21 को विज्ञापन जारी कर तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे। जिसमें याचिकाकर्ता ने ओबीसी विधवा महिला वर्ग में आवेदन किया था। याचिकाकर्ता के रीट परीक्षा में 99 अंक आए, जबकि ओबीसी विधवा महिला वर्ग की कट ऑफ ही 76 अंक रही है। कट ऑफ से अधिक अंक होने के कारण उसको शॉर्टलिस्ट कर नियुक्ति के लिए करौली जिला आवंटित किया गया। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परिषद ने उसे यह कहते हुए नियुक्ति देने से इनकार कर दिया कि उसके आधार कार्ड में पति के नाम के पहले डब्ल्यू/ओ के बजाए सी/ओ लिखा हुआ है। एडवोकेट रामप्रताप सैनी ने हाईकोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के पति की नवंबर, 2008 में ही मौत हो चुकी है। उसके जन आधार कार्ड में भी उसके पति का नाम लिखा हुआ है और उसने आधार कार्ड में भी संशोधन करवा लिया है। ऐसे में आधार कार्ड में डब्ल्यू/ओ के बजाए सी/ओ लिखा होने मात्र से उसे नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।

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