जयपुर : छोटे कपड़ों के कारण मॉडलिंग करने में हुई परेशानी:घरवाले फैशन इंडस्ट्री को अच्छा नहीं मानते, आखिर ब्यूटी क्वीन बनने पहुंची गर्ल्स

जयपुर : फैशन और मॉडलिंग के क्षेत्र में गर्ल्स का पहचान बनाना आज भी आसान नहीं है। राजस्थान में अभी भी लोग इस क्षेत्र को सही नहीं मानते, ऐसे में कुछ अलग करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए गर्ल्स को आज भी कई तरह से मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही मुश्किलों के साथ कई गर्ल्स ब्यूटी पेजेंट मिस राजस्थान के ऑडिशन देने पहुंच रही हैं। गर्ल्स ने अपनी अब तक की जर्नी को मीडिया के साथ शेयर की।

कृतिका ने बताया कि मॉडलिंग में आने के लिए पहले खुद को प्रूव करके बताया।
कृतिका ने बताया कि मॉडलिंग में आने के लिए पहले खुद को प्रूव करके बताया।

कंटेंट क्रिएटर से शुरू की जर्नी

ब्यूटी पेजेंट में पहुंची कृतिका खर्रा ने बताया- मैं जयपुर के गोविंदगढ़ से हूं। जब मैंने मॉडलिंग स्टार्ट की तो फैशन इंडस्ट्री में काम करने की नॉलेज नहीं थी। धीरे-धीरे चीजों के बारे में पता चला। इसे समझने लगी। शुरुआत में फैमिली भी तैयार नहीं थी। उनको लगता था कि पढ़ाई से ही करियर बनाया जा सकता है। ऐसे में फैशन जैसी फील्ड के लिए कभी हामी नहीं मिलती। इसके बाद मैंने कंटेंट क्रिएटर के रूप में सोशल मीडिया पर काम शुरू किया। फैशन इंडस्ट्री को एक्सप्लोर करना शुरू किया। यहां से समझ बढ़ने लगी। कंटेंट को थोड़ा अलग अंदाज में प्रेजेंट करने लगी।

परिवार वालों को मेरे बारे में दूसरे लोगों से जानकारी मिली। यह एप्रिशिएशन की तरह था, तब घर वालों ने माना कि इस फील्ड में भी करियर बनाया जा सकता है। ऐसे में जब मॉडलिंग के लिए बोला तो ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा। क्योंकि उन्हें विश्वास था कि इस फील्ड में भी मैं पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढूंगीं। उनका सपोर्ट मिलने लगा है। ऐसे में यह जरूर कहूंगी कि जो भी गर्ल फैशन इंडस्ट्री में जाना चाहती है, वे धीरे-धीरे खुद को प्रूव करें और आगे बढ़ें। घरवाले एक दिन जरूर सपोर्ट करेंगे। मैं और एक्सप्लोर करना चाहती थी, ऐसे में मॉडलिंग मुझे बेस्ट फील्ड लगा। इससे पहले मैंने ट्रैवल, फूड और हैरिटेज को लेकर काम करती थी। इसका एक्सपीरियंस मुझे यहां जरूर मिलेगा। इंस्टाग्राम पर 45 हजार फॉलोअर है। मॉडलिंग ऐसा फील्ड है, जो अपने अंदर के डर को बाहर निकालता है। यह प्लेटफाॅर्म मेरे इस डर को दूर करने में जरूर हेल्प करेगा। मैं जाट परिवार से ताल्लुक रखती हूं। पिता किसान हैं। हमारा पोल्टी फार्म भी है। मां हाउस वाइफ है। वहां से लेकर आज तक आसान नहीं रहा, लेकिन यह जर्नी बहुत कुछ सीखाने वाली है। अभी मैंने ग्रेजुएशन कंप्लीट कर ली है। अब एलएलबी के लिए एंट्रेंस टेस्ट देने वाली हूं।

श्रुति ने बताया कि बचपन से ही मॉडिलंग मेरा सपना रहा है।
श्रुति ने बताया कि बचपन से ही मॉडिलंग मेरा सपना रहा है।

पिता आर्मी में, उन्होंने बढ़ाया हौसला

श्रुति नायक ने बताया- मैं सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर से ताल्लुक रखती हूं। मेरा बचपन से मॉडलिंग का शौक रहा है। घर पर जब भी मॉडलिंग से जुड़ा कोई गाना प्ले होता था, तो मैं उसे देखकर वॉक करने लग जाती थी। ऐसे में यह मेरा शुरुआती सपना रहा है कि मॉडलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बना पाउं। अब तक यह जर्नी मुश्किल नहीं रही है, मेरे पैरेंट्स ने कभी कोई रोक-टोक नहीं लगाई है। छोटे कपड़ों से लेकर मॉडलिंग फील्ड में जाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। मेरे पिता आर्मी में है और मैं भी आर्मी में जाना चाहती थी, लेकिन मेरा सपना मॉडलिंग फील्ड था। पहले मैं अपने सपने को पूरा करने निकल गई।

मॉडलिंग के बारे में पैरेंट्स को बताने को लेकर पहले मैं बहुत डर गई थी। पापा कभी राजी नहीं होंगे, यही सोचती थी। मम्मी को तो बताने की हिम्मत ही नहीं थी। घर में पापा का डिसिजन चलता है, ऐसे में पापा का मनाना ही मेरा अहम टास्क था। मैंने डरते-डरते पापा को मॉडलिंग के फील्ड में जाने की बात बताई। उन्होंने उस वक्त हंसते-हंसते हां कर दी। मुझे विश्वास नहीं हुआ। आज मैं ऑडिशन देने अपने भाई और दीदी के साथ आई है। श्रुति ने कहा कि यह सही है कि समाज में छोटे कपड़े पहनने को लेकर और मॉडलिंग जैसे फील्ड को लेकर जागरूकता नहीं है, लोग इसे सही नहीं मानते। मैं अपनी पहचान बनाकर इस भ्रम को अपने क्षेत्र में जरूर तोडूंगी। गर्ल्स को इंस्पेरिएशन देने का कार्य करूंगी। आगे जाकर इंडिया को रिप्रजेंट कर करूंगी। अभी मेरी उम्र 18 साल है और मैं बीए फर्स्ट ईयर में हूं। शुरुआती पढ़ाई केन्द्रीय विद्यालय बीकानेर से की थी, उस वक्त पापा की ड्यूटी बीकानेर में थी।

गुंजन ने बताया कि फैशन डिजाइनिंग से कॅरियर शुरू किया है।
गुंजन ने बताया कि फैशन डिजाइनिंग से कॅरियर शुरू किया है।

घरवालों की नजर में सही नहीं फील्ड

गुंजन अग्रवाल ने बताया कि मैं बालोतरा से हूं। पहले यह बाड़मेर में आता था, अब यह नया जिला बन गया है। मॉडलिंग मेरी चॉइस के अकॉडिंग कर रही हूं। मुझे हर फील्ड एक्सप्लोर करना है, इसलिए मैंने इस फील्ड को चुना। फैशन डिजाइनिंग से शुरुआत की। पापा और फैमिली मेम्बर्स की नजर में फैशन फील्ड अच्छा नहीं है, ऐसे में उन्हें मनाना बड़ा टास्क था। शुरुआत में बहुत दिक्कत आई थी, लेकिन धीरे-धीरे अपने काम से और लगन से परिवार वालों को कन्वेंश करने में सफल हो गई। एक से डेढ़ साल लग गया, इसी का परिणाम है कि मैं यहां ऑडिशन दे रही हूं।

पहली बार जब पापा का मॉडलिंग या फैशन फील्ड के बारे में बताया था तो हंस कर टाल दिया था। वे माने नहीं थे। उनको लगा कि मैं मजाक कर रही हूं। फिर धीरे-धीरे मैंने अपने सपने के बारे में बताया, धीरे-धीरे अपने प्रयासों से उन्हें समझाने लगी। मेरे दूसरे फैमिली मेम्बर्स ने पापा को समझाया, मम्मी ने मेरा साथ दिया। गुंजन ने बताया कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं। मॉडलिंग शोज को देखते-देखते इस फील्ड में आने का प्लान बनाया। इंस्पीरिएशन की बात की जाए तो फैशन डिजाइनर मसाबा गुप्ता खास है। उनके डिजाइंस मुझे पसंद है।

खुशी ने कहा कि मैं उस जगह से आती हूं, जहां हर उस चीज पर सवाल उठते है, जो सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं होते है।
खुशी ने कहा कि मैं उस जगह से आती हूं, जहां हर उस चीज पर सवाल उठते है, जो सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं होते है।

छोटे कपड़ों को लेकर गर्ल्स के पास फ्रीडम नहीं

खुशी सिंह शेखावत ने बताया- मैं एक राजपूत फैमिली से जुड़ाव रखती हूं। सीकर से बिलॉन्ग करती हूं। मैं उस जगह से आती हूं, जहां हर उस चीज पर सवाल उठते हैं। जो सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं होते है। यहां तक के छोटे कपड़ों लेकर सबसे ज्यादा समस्या आती है। लोगों का माहौल इस इंडस्ट्री को सर्पोटिव नहीं है। मेरे क्षेत्र से किसी ने भी इस फील्ड में करियर नहीं बनाया है। मैंने भी सबसे पहले अपने परिवार को मनाया और इसी का परिणाम है कि वे आज सपोर्ट करते है।

मॉडलिंग में आने के लिए सबसे पहले मैंने मम्मी को बताया। तब उन्होंने कहा- पापा से ही पूछो। मुझे पता था कि पापा मना ही करेंगे। ऐसे में मैंने मम्मा को ही मनाया। मम्मी ने पापा को मना लिया। सिटी में तो फिर भी मॉडलिंग को लेकर और कपड़े पहनने को लेकर अवेयनेस है। गांवों में आज भी कोई भी इस फील्ड को एक्सेप्ट नहीं करता है। लड़कियों काे लेकर गांव में यही थिंकिंग है कि कोई पढ़ना चाहे तो पढ़े नहीं तो शादी करके अपना घर बसाए। मैं चाहती हूं कि मेरे गांव और शहर की लड़कियां आगे बढ़ें। मुझे देखकर वे भी आगे आएं। मैं इंडिया काे रिप्रजेंट करना चाहती हूं।

मॉडलिंग मेरा पैशन है, जो अंदर से आया है। पिछले साल मैंने सीकर में ऑडिशन के बारे में सुना था, इसके बाद मैंने डिसाइड किया कि मुझे भी अब ऑडिशंस का हिस्सा बनना चाहिए। टैलेंट को लेकर खुशी ने कहा कि जरूरी नहीं कि टैलेंट बड़े शहरों से ही निकलता है। जबकि छोटे शहरों और गांव-ढ़ाणियों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। बस उन्हें सही प्लेटफाॅर्म मिलने की जरूरत है। सेंट्रल स्कूल से पढ़ाई करने के बाद अब बीएससी की पढ़ाई कर रही हूं। अब मेरा सपना फैमिली को प्राउड फील करवाना है। मेरे पापा आज आसमान से मुझे इस तरह का प्रयास करते देख रहे होंगे, मैं उन्हें गर्व वाला अहसास देना चाहती हूं। पिछले साल उनकी डेथ हो गई थी, लेकिन वे मेरे हर प्रयास में मेरे साथ है।

पैनलिस्ट निमिषा मिश्रा ने बताया कि इतने रजिस्ट्रेशन के बाद मिस राजस्थान ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें देश में सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन किसी भी ब्यूटी पेजेंट में होने का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। 25वें संस्करण में इंटरव्यू राउंड में 60 गर्ल्स को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। इन सभी गर्ल्स में से 28 फाइनलिस्ट को ग्रैंड फिनाले के लिए ग्रूम और मेकओवर किया जाएगा। वहीं, छह अगस्त को बिरला ऑडिटोरियम में भव्य समारोह में मिस राजस्थान 2023 घोषित की जाएंगी।

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