नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यह मुलाकात अमित शाह के आवास पर करीब करीब डेढ़ घंटे तक चली। बताया गया है कि दोनों पक्ष शनिवार रात करीब 11 बजे मिले थे। अमित शाह ने पहलवानों से तब मुलाकात की है जब खाप पंचायतों की तरफ से केंद्र को नौ जून तक का अल्टीमेटम दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहलवानों ने अमित शाह से WFI के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है। इसके बाद गृह मंत्री ने पहलवानों से बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया। सूत्रों के मुताबिक, पहलवानों ने ही अमित शाह से मुलाकात का समय मांगा था। अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से यह भी पूछा कि क्या पुलिस को अपने काम करने का समय नहीं देना चाहिए?
रविवार को ओलंपियन साक्षी मलिक की मां सुदेश मलिक ने मीडिया से हुई बातचीत में दावा किया कि साक्षी, विनेश और बजरंग ने शनिवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। करीब एक से डेढ़ घंटे की मुलाकात में गृह मंत्री ने तीनों खिलाड़ियों से कहा कि वे जोश की बजाय समझदारी से काम लें।
सुदेश मलिक ने बताया कि शाह ने पहलवानों को आंदोलन समाप्त करने के लिए समझाते हुए कहा कि किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। मुलाकात के दौरान पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी पर ही जोर दिया। इस पर शाह ने कहा, कोई भी कार्रवाई कानूनी प्रक्रिया के तहत होगी।
इसके बाद रविवार को बजरंग पूनिया सोनीपत स्थित मुंडलाना पंचायत में पहुंचे और आह्वान किया कि आज कोई फैसला नहीं लिया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी संगठनों को एक मंच पर लाकर बड़ी पंचायत बुलाई जाएगी। इस बारे में तीन-चार दिन में फैसला लिया जाएगा। फिर सभी को पंचायत के स्थान और समय के बारे सूचित कर दिया जाएगा। इसी पंचायत में अगला फैसला लिया जाएगा।
क्या बृजभूषण शरण सिंह पर होगी कार्रवाई?
अब इसके संकेत दिखाई देने लगे हैं। भाजपा में भी दो मत हैं। भाजपा में अब बृजभूषण शरण सिंह से हमदर्दी रखने वाले बहुत कम नेता हैं। यह मानने वालों की संख्या बढ़ रही है कि पहलवानों की शिकायत पर कोई कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बृजभूषण को इस तरह से मीडिया में नहीं आना चाहिए। बृजभूषण मामले को शांत करने का अवसर भी नहीं दे रहे हैं। उन्हें अयोध्या में 5 जून को रैली करने का दबाव बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। कुछ दिन शांत रहते तो अच्छा था। सूचना एवं प्रसारण तथा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कुछ इसी तरह के संकेत दिया।