दौसा : दौसा में राजस्थान सरकार के महंगाई राहत शिविर और प्रशासन गांव के संग अभियान शिविर में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, जिसमें 40 साल के एक अधेड़ कल्लू महावर ने बकायदा लिखित ज्ञापन देकर शिविर प्रभारी से घरवाली उपलब्ध करवाने की मांग कर डाली।
बता दें कि बहरावंडा के गांगदवाड़ी गांव का यह मामला बताया जा रहा है। प्रशासन गांव के संग अभियान के कैंप में घरवाली उपलब्ध कराने की मांग करते हुए कल्लू महावर नाम के 40 साल के व्यक्ति ने शिविर प्रभारी को प्रार्थना पत्र पेश किया है। इसमें विषय लिखा गया- घरवाली उपलब्ध करवाने के क्रम में।
पत्र में आगे लिखा गया कि, महोदय उपरोक्त विषय अंतर्गत निवेदन है कि मेरी घरेलू परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। मैं घर में अकेला परेशान रहता हूं। प्रार्थी घर में कार्य करने में असमर्थ है। इसलिए घरेलू कार्य करने और मेरी सहायता के लिए पत्नी की आवश्यकता है। अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि मेरे को निम्न प्राथमिकता के साथ पत्नी उपलब्ध करवाने का श्रम करें।
ये चार प्राथमिकताएं पत्नी के गुणों के आधार पर बताई…
- पतली होनी चाहिए।
- गोरी होनी चाहिए।
- 30 से 40 साल के बीच उम्र हो।
- सभी कार्य में अग्रणी हो।
तहसीलदार ने प्रार्थना पत्र को अतिआवश्यक बताकर डिस्पैच किया और पटवारी को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। पूरा प्रार्थना पत्र पढ़ने के बाद तहसीलदार ने इस मांग पत्र पर कार्रवाई करने के लिए बहरावंडा के तहसीलदार ने इस पर हस्ताक्षर और मोहर लगाकर डिस्पैच कर दिया। साथ ही टिप्पणी भी लिख दी कि मूलपत्र ही पटवारी हल्का गांगदवाड़ी भेजकर लेख है कि जांच कर आवश्यक कार्रवाई करें। पटवारी के साथ मामले में सरपंच को शामिल करते हुए टीम गठन के निर्देश भी जारी किए।
अब शिविर में आई ये परिवेदना चर्चा का विषय बन गई है। गांगदवाड़ी गांव का ये मामला प्रशासन गांव के संग अभियान के कैंप में हुआ। घरवाली दिलाने की मांग को लेकर कल्लू महावर का प्रार्थना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लिखित में चली फाइल और बाकायदा सील मोहर के साथ तहसीलदार के साइन के कारण कैंप का मजाक भी बन रहा है।