जोधपुर : 21वीं सदी के सबसे आधुनिक हथियारों में से एक ब्रह्मोस को भारतीय सेना में शामिल हुए 25 साल हो गए। तीनों सेनाओं के पास ब्रह्मोस के 5 वैरिएंट हैं। अब ब्रह्मोस एनजी यानी नेक्स्ट जनरेशन की मिसाइल पर काम चल रहा है। ये तेजस जैसे छोटे विमानों के लिए उपयोगी होंगी। दो साल में परीक्षण की संभावना है।
लखनऊ में इसकी फैक्ट्री प्रस्तावित है। 60% पार्ट्स भारत में ही बनेंगे। ब्रह्मोस के डीजी और सीईओ अतुल डी राणे ने भास्कर को बताया कि कई देशों की ब्रह्मोस में रुचि है। भारत ने फिलिपींस से 3082 करोड़ रु. की डील की है। अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, साउथ ईस्ट एशिया के 8 देश ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहते हैं।
ब्रह्मोस एनजी की ताकत