जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : होली-डे होमवर्क का विरोध कर रहा केंद्रीय विद्यालय में 9वीं का छात्र प्रांजल इस रविवार को भी कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठा। उसने धरना स्थल पर उन लोगों की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की जो ऊंचे पदों पर बैठकर इस तरह के बचपन विरोधी नियमों को खत्म कर सकते हैं। प्रांजल ने बताया कि उसने संकल्प लिया है कि वह अपने अभिभावकों व समर्थकों के साथ मिलकर होली-डे होमवर्क को बंद करने संबंधी कानून बनने तक संघर्ष करेगा।
उसने बताया कि होली-डे होमवर्क को बंद कराने के अपने आंदोलन की शुरुआत तीन साल पहले स्कूल के प्रिंसिपल से लेकर देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तक को प्रार्थना पत्र लिखने से की थी। जब उनमें से किसी का कोई रिएक्शन नजर नहीं आया तो रिमांइडर भी भेजे। लेकिन लगता है उच्च पदों पर बैठे लोगों को ऊंचा सुनाई देने लग जाता है इसलिए शायद एक बच्चे की पीड़ा भरी आवाज उनके कानों तक नहीं पहुंची। प्रांजल ने कहा कि अब आंदोलन के दूसरे चरण के तहत उसने सार्वजनिक रूप से धरने पर बैठने का रास्ता अपनाया है शायद यहां से आवाज उन लोगों के कानों तक पहुंच जाए।
अगर अब भी कुछ नहीं हुआ तो अगले चरण में सभी जगह से नकल लूंगा कि अब तक क्या कार्यवाही की गई है, उम्मीद है कहीं सही दिशा में प्रयास किया गया हो। अगर ऐसा नहीं है तो अपने अभिभावकों के माध्यम से सभी जिम्मेदार पदाधिकारियों को व नीति निर्माताओं को लीगल नोटिस भेजे जाएंगे तथा अपने व समस्त भारत के बच्चों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए कोर्ट में रिट याचिका दायर की जाएगी।