झुंझुनूं : फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन से इनपुट टेक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेने के बढ़ते फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जा रही है।
एआई की मदद से डेटा एनालिसिस कर ऐसी संदिग्ध बोगस फर्मों की पहचान की गई है। अब 16 मई से जीएसटी के फील्ड ऑफिसर इन संदिग्ध फर्मों का भौतिक सत्यापन कर फर्जी जीएसटी पंजीकरण कराने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई करेंगे।
देशभर में ऐसे मामले सामने आने के बाद अब जीएसटी नंबरों की सघन जांच शुरू हो रही है।
दो माह तक चलने वाली इस विशेष जांच में फर्जी जीएसटी नंबरों को रद्द किया जाएगा। फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई होगी। देश भर में एक साथ स्पेशल ड्राइव ऑफ फेक रजिस्ट्रेशन 16 मई से 15 जुलाई तक चलेगा।
ऐसे मदद करेगा एएआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)
फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन से सरकारी राजस्व को लगे करोड़ों के चूने के बाद केंद्र व राज्य सरकारें आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद ले रही हैं।
केंद्र सरकार के बिजनेस इंटेलीजेंस एंड फ्रॉड एनालिस्ट (बीफा) पोर्टल, ई-वे पोर्टल और राजस्थान सरकार की बिजनेस इंटेजीलेंस यूनिट (बीआईयू) मिलकर ऐसे जीएसटी नम्बर्स की पहचान करेगी जो प्राथमिक तौर पर फर्जी लगते हैं।
फिर राज्य को ऐसे मामले भेजे जाएंगे। संबंधित जोन के फील्ड ऑफिसर मौके पर पहुंचकर भौतिक सत्यापन करेंगे।
CA लोकेश शर्मा का कहना है कि फर्जी और गलत रजिस्ट्रेशन पकडऩे के लिए ये मुहिम चलाई जा रही है। व्यापारियों और पेशेवरों को पूरी तैयारी रखनी चाहिए। ताकि फील्ड ऑफिसर और व्यापारियों परेशानी नहीं हो। सभी रजिस्ट्रेशन संबंधित कागजात तैयार रखें। प्रतिष्ठान पर व्यापारिक नाम, पता, जीएसटी रजिस्ट्रेशन नम्बर के साथ बोर्ड लगा हो। पिछले तीन माह की रिटर्न की सॉफ्ट और हार्ड कॉपी जांच के लिए तैयार रखें। सेल बिल और परचेज फाइल तारीख वार अप-टू-डेट होनी चाहिए।