जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं : जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग झुंझुनू में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला एवं सेशन न्यायाधीश देवेंद्र दीक्षित और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मनोज मील ने कुल 95 प्रकरणों में आपसी समझाइश से निस्तारण करवाते हुए अवार्ड पारित किए।
झाबरमल साहनी बनाम मुख्य कार्यकारी अधिकारी के मामले में 85 वर्षीय परिवादी झाबरमल साहनी अपनी सेवानिवृत्ति के 26 वर्ष बाद 1992 से 1997 तक के एरियर पेटे 20700 रुपये की राशि और अपने अपलेखित राशि के 6,400 रुपये का भुगतान करवाया गया है तथा चयनित वेतनमान की स्वीकृति के उपरांत संशोधित पेंशन की बकाया राशि लगभग ₹8 लाख 50 हजार रुपये के भुगतान के लिए पेंशनभोगी की पत्रावली सचिव पंचायती राज विभाग राजस्थान सरकार को विकास अधिकारी उदयपुरवाटी के द्वारा भिजवाया गया है।
उल्लेखनीय है कि पंचायत प्रसार अधिकारी पद से सेवानिवृत्त पेंशनभोगी झाबरमल साहनी का पीपीओ में 26 वर्षों से झाबरमल साहनी की जगह साबरमल साहनी नाम दर्ज था और पेंशन की राशि भी 60 रु प्रति माह कम मिल रही थी। जिसको लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी और साल 2017 में फैसला भी झाबर मल के पक्ष में रहा था। फिर भी झाबरमल साहनी को न्याय नहीं मिला, तो उपभोक्ता आयोग का दरवाज़ा खटखटाया। अब उनका नाम भी सही हुआ और चयनित वेतनमान के साथ एरियर राशि मिल गई वहीं ₹60 प्रति माह कम मिल रही पेंशन का भी समाधान हो गया है।
एक दूसरे मामले मे सुबेसिंह के द्वारा 1982 में प्रस्तुत पट्टा पत्रावली पर कार्यवाही करवाते हुए 41 वर्ष बाद पट्टा दिलवाया गया। आयोग अध्यक्ष मनोज मील ने बताया कि लोक अदालत में एवीवीएनएल,बीमा, बैंक,नगरपालिका से संबंधित मामलों का भी बड़ी संख्या में निस्तारण किया गया। वहीं नगर परिषद झुंझुनू की ओर से बनाए गए फ्लैट की सुपुर्दगी के मामले में भी 4 उपभोक्ताओं को फ्लैट सुपुर्दगी किए गए।