भरतपुर : आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर राजस्थान में गुस्सा है। आंदोलन की आग नेशनल हाईवे तक पहुंच चुकी है। भरतपुर में आगरा-जयपुर नेशनल हाईवे-21 शुक्रवार शाम 7.30 बजे से ही जाम है। माली, सैनी, कुशवाह, मौर्य समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर दिया। पुलिस एक किलोमीटर दूर से तमाशा देख रही है।
शुक्रवार रात से ही लोग हाईवे पर टेंट तानकर, पत्थर डालकर, लाठियां लिए बैठे हैं। दूसरे रूट से गाड़ियों को निकाला जा रहा है। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने शुक्रवार रात 12 बजे से शनिवार रात 12 बजे तक 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद करने के आदेश जारी कर दिए थे। आदेश के बाद तीन कस्बों (नदबई, वैर और भुसावर) में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
20 अप्रैल को ही कर दिया था ऐलान
आरक्षण आंदोलन को फुले आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी लीड कर रहे थे। उन्होंने गुरुवार 20 अप्रैल को समाज से अपील की थी कि नेशनल हा्ईवे-21 को 21 अप्रैल को जाम किया जाए। इसके बाद भरतपुर पुलिस ने मुरारी लाल सैनी, समाज के नेता शैलेंद्र कुशवाह समेत 6 लोगों को 20 अप्रैल की दोपहर 1 बजे यूपी के गोवर्धन से गिरफ्तार कर लिया था।
गिरफ्तार किए गए समाज प्रतिनिधियों को गुरुवार को डीग एसडीएम के सामने पेश कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद शुक्रवार को आंदोलन के दौरान 20 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इस तरह सैनी-माली समाज के कुल 26 लोग गिरफ्तार हैं। इनकी रिहाई के लिए आंदोलनकारी आवाज उठा रहे हैं।
11 सूत्रीय मांग:
- सैनी माली, कुशवाहा जातियों को अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण।
- महात्मा फूले कल्याण बोर्ड का गठन ।
- महात्मा फुले फाउंडेशन बनाया जाए।
- महात्मा फुले बागवानी विकास बोर्ड का गठन।
- महात्मा फुले दंपति के नाम से विश्वविद्यालयों में शोध केन्द्रों की स्थापना ।
- महात्मा फुले जयंती पर अवकाश ।
- महात्मा फुले दंपति के नाम से संग्रहालय का निर्माण।
- महात्मा फुले दंपति को भारत रत्न देने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए।
- भारतीय सेना में सैनी रेजिमेंट का गठन।
- सेनी, माली, कुशवाह समाज के लिए अलग एक्ट ।
- ठेले लगाने वालों को स्थाई जगह दी जाए।
अपराध शाखा के क्लर्क को भेजा बात करने
शाम करीब 4 बजे एसपी ऑफिस की पुलिस अपराध शाखा में तैनात क्लर्क राधेश्याम सांखला को आंदोलनकारियों के पास भेजा गया। ताकि आंदोलनकारियों से उनकी मांगों के बारे में बात की जा सके। यह पुलिसकर्मी सैनी समाज का ही है। राधेश्याम सांखला ने समाज के लोगों से आंदोलन खत्म करने और अपनी बात सरकार के सामने लोकतांत्रिक तरीके से रखने को कहा।
आंदोलनकारियों से बात करना प्रशासन का काम : एसपी
भरतपुर एसपी श्याम सिंह से शनिवार शाम 6. 30 बजे बात हुई। उन्होंने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण चल रहा है। वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है। नेशनल हाईवे जाम करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा। अगर कोई हिंसा फैलाता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी। पुलिस और प्रशासन के स्तर से आंदोलन को खत्म कराने का प्रयास किया जा रहा है।
बिना नेतृत्व का आंदोलन
आरक्षण संघर्ष समिति के सहसंयोजक वासुदेव कुशवाह ने बताया कि फिलहाल आंदोलन को कोई भी लीड नहीं कर रहा है। समाज के लोग अपनी मर्जी से हाईवे रोककर बैठे हैं। कुशवाह ने कहा कि मुझे आंदोलन का नेतृत्व करने के लिए बोला जा रहा है। सरकार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन जब तक हिरासत में लिए गए 26 आंदोलनकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक सरकार से कोई बात नहीं की जाएगी।
जयपुर से आगरा, आगरा से जयपुर ऐसे किया डायवर्जन
जाम के हालात देखते हुए भरतपुर पुलिस ने रात में ही जयपुर से आगरा और आगरा से जयपुर जाने वाले वाहनों का डायवर्जन किया। जयपुर से आगरा जाने वाले वाहनों को नगर होते हुए भरतपुर के रास्ते नेशनल हाईवे 21 पर निकाला जा रहा है। वहीं आगरा से जयपुर जाने वाले वाहनों को उच्चैन से बयाना-वैर-भुसावर-छोंकरवाड़ा होते हुए नेशनल हाईवे पर निकाला जा रहा है।
700 मीटर में रोड पर ईंट-पत्थर डाले
भरतपुर में नेशनल हाईवे 21 पर आंदोलनकारी जमे हुए हैं। दोपहर में हाईवे पर धूप से बचने के लिए टेन्ट तान लिया। अरोदा, हंतरा और बेरी गांवों से गुजर रहे हाईवे पर करीब 700 मीटर में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ईंट-पत्थर डाल दिए हैं। प्रदर्शन स्थल (अरोदा-बेरी) से पुलिस टीमें करीब 1 किलोमीटर दूर हैं। पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश नहीं हैं।
बाइक पर जा रहे पुलिसकर्मी को रोका, घेरा
शनिवार सुबह 9 बजे के करीब एक बाइक सवार के सााथ अरोदा-बेरी के बीच निकल रहे पुलिसकर्मी को आंदोलनकारियों ने रोक दिया और बाइक से उतार दिया। इसके बाद आंदोलनकारियों ने पुलिसकर्मी का घेराव कर लिया और धमका कर वापस पैदल रवाना कर दिया। फिलहाल इस मामले पर अभी तक मुख्यमंत्री या भरतपुर से किसी भी मंत्री-विधायक का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। पुलिस हालात पर नजर बनाए हुए है। आंदोलनकारियों ने हाईवे पर ही खाने-पीने की व्यवस्था कर ली है। प्रदर्शनकारियों की मांग के मुताबिक अभी तक हिरासत में लिए गए माली समाज के नेताओं को छोड़ा नहीं गया है।
रात भर 500 से ज्यादा लोग हाईवे पर डटे रहे
शुक्रवार दिनभर हंगामा करने के बाद बीती रात करीब 500 लोग हाईवे पर हाईवे पर जमे रहे। रात भर समाज को लोग लाठियों के साथ मौजूद रहे और नारेबाजी करते रहे। ये लोग गिरफ्तार किए गए साथियों को छोड़ने और देवनारायण बोर्ड जैसा बोर्ड गठित करने की भी मांग कर रहे थे। इस दौरान मौके पर छात्र नेता भी पहुंच गए। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता किरोड़ी लाल सैनी ने कहा कि 5-7 साल से सैनी समाज आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकार लगातार लॉलीपॉप थमाती आ रही है।
समाज में आक्रोश है
राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता किरोड़ी लाल सैनी ने कहा कि सरकार के मंत्री-विधायकों ने शुक्रवार को नेशनल हाईवे 21 पर भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी गई है। हमने सारे दिन संघर्ष किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, हमारे लोगों पर लाठीचार्ज किया। अब हमारे समाज में आक्रोश है। हमने सोच लिया था कि चाहे एक मिनट के लिए करें, लेकिन हाईवे जाम जरूर करेंगे। सैनी समाज के लिए हम 12 परसेंट आरक्षण की मांग करते हैं। साथ ही ये चाहते हैं कि शनिवार का सूरज उगने से पहले हमारे गिरफ्तार किए गए या हिरासत में लिए गए साथियों को छोड़ा जाए। अगर वे नहीं छूटे तो हम पूरे राजस्थान को जाम कर देंगे। हमारा समाज काफी पिछड़ा है। उनके पास घर तक नहीं हैं, शिक्षा के साधन नहीं हैं।
बैकफुट पर पुलिस
12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली-सैनी समाज का धरना भरतपुर से 40 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे-21 पर स्थित अरोदा गांव में चल रहा था। समाज के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद अरोदा से बेरी के बीच में शुक्रवार 21 अप्रैल सुबह से ही आंदोलनकारी हाईवे की ओर बढ़ने लगे थे। शुक्रवार शाम 7.15 बजे पुलिस बैकफुट पर आ गई और आंदोलनकारियों ने हाईवे पर कब्जा कर लिया।
हमें एडवाइजरी बोर्ड नहीं चाहिए, जिसमें अध्यक्ष-उपाध्यक्ष नहीं
सम्राट अशोक सेना की प्रदेश उपाध्यक्ष अंजली ने कहा कि हमने लव-कुश कल्याण बोर्ड के गठन की मांग रखी है। सीएम का धन्यवाद उन्होंने महात्मा फुले बोर्ड का गठन किया, लेकिन हमें एडवाइजरी बोर्ड नहीं चाहिए। इस बोर्ड में कोई अध्यक्ष उपाध्यक्ष नहीं है। जैसे गुर्जरों के लिए देवनारायण बोर्ड बनाया गया है, वैसे ही हमें बोर्ड चाहिए। लेकिन सरकार तारीख पर तारीख दे रही है। मंत्री ने भी हमारी सीएम से मुलाकात नहीं कराई। रोहिणी कमीशन के जरिए समाज का सर्वे कराने की बात थी, लेकिन वह भी नहीं हुआ। मंत्री मुरारी लाल ने तारीखों में अटका दिया। हमने अप्रैल में अरोदा में चक्का जाम की घोषणा की थी। हमारे संघर्ष को क्रूरता व निरंकुशता से कुचलने की कोशिश की।
आरोप- समाज के नेताओं को आतंकियों की तरह पकड़ा
सम्राट अशोक सेना की प्रदेश उपाध्यक्ष अंजली ने कहा- समाज और आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हमारे प्रतिनिधियों मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाह को दूसरे राज्यों में जाकर ऐसे हिरासत में लिया, जैसे वे आतंकवादी हों। छोटे से गांव में पुलिस की 50 गाड़ियां पहुंच गईं।
हाईवे जाम रहेगा, लोग अपनी व्यवस्था देखें
छात्र नेता विनोद भुट्टोलिया ने कहा कि हमें अपना अधिकार मांगने का अधिकार है। हम हक की लड़ाई लड़ेंगे। अब आर-पार करेंगे। हाईवे तो जाम रहेगा। हम एंबुलेंस और जिनके साथ इमरजेंसी होगी, उन्हें रास्ता देंगे। प्रशासन का सहयोग करेंगे और अनुशासन में रहेंगे, लेकिन अब हाईवे बंद रहेगा। हम किसी भी स्थिति से गुजर सकते हैं। हाईवे से गुजरने वाले बाकी लोग अपनी व्यवस्था करें। प्रदर्शनकारियों ने फुले आरक्षण समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी को जल्द रिहा करने की मांग की है।
झड़प के बाद हाईवे पर कब्जा
पुलिस प्रदर्शनकारियों से काफी दूर है। शुक्रवार दिन भर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की स्थिति बनी हुई थी। रमासपुर के पास जब प्रदर्शनकारी हाईवे की तरफ बढ़ने लगे तो उन्हें पुलिस ने रोकना चाहा, इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई में प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने हाईवे की तरफ कूच किया था।