नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई के समन के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनका सपोर्ट करते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए सत्यपाल मलिक का समर्थन किया है।
केजरीवाल ने ट्वीट कहा, ‘पूरा देश आपके साथ है। खौफ के इस दौर में आपने बहुत साहस दिखाया है, सर। वो कायर है, सीबीआई के पीछे छिपा है। जब जब इस महान देश पर संकट आया, आप जैसे लोगों ने अपने साहस से उसका मुकाबला किया। वो अनपढ़ है, भ्रष्ट है, गद्दार है। वो आपका मुकाबला नहीं कर सकता। आप आगे बढ़ो सर।’
पूरा देश आपके साथ है। ख़ौफ़ के इस दौर में आपने बहुत साहस दिखाया है, सर। वो कायर है, CBI के पीछे छिपा है। जब जब इस महान देश पर संकट आया, आप जैसे लोगों ने अपने साहस से उसका मुक़ाबला किया। वो अनपढ़ है, भ्रष्ट है, ग़द्दार है। वो आपका मुक़ाबला नहीं कर सकता। आप आगे बढ़ो सर। Proud of u https://t.co/FBCZVTERan
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 21, 2023
बीमा घोटाले में सीबीआई ने भेजा समन
सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को बीमा घोटाले में समन भेजा है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसके बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सीबीआई मेरे द्वारा रिपोर्ट किए गए मामले के संबंध में पूछताछ करना चाहती है। मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व राज्यपाल को 27 और 28 अप्रैल को अपने अकबर रोड गेस्टहाउस पर पेश होने के लिए कहा है।
दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर में दो प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों को लेकर मामला दर्ज किया था। इसी मामले में सीबीआई ने उन्हें तलब किया है। इस मामले को लेकर पूर्व राज्यपाल मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइल साइन करने के लिए 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी।
दरअसल, जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल व मेघालय के मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जम्मू कश्मीर के राज्यपाल रहते हुए उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की पेशकश की गई थी। यह पेशकश ‘अंबानी’ और ‘आरएसएस से संबद्ध व्यक्ति’ की दो फाइलों को मंजूरी देने के एवज में दी जानी थी, लेकिन उन्होंने यह डील निरस्त कर दी। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उस वक्त पीएम ने उनसे कहा था कि वह भ्रष्टाचार से कोई समझौता न करें। उनके इस दावे की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्र सरकार से की थी। जिसे अब केंद्र सरकार ने मंजूर कर लिया है।