नई दिल्ली : सत्यपाल मलिक थाने पहुंचे, पुलिस ने कहा- गिरफ्तार नहीं किया:पुलवामा हमले पर सवाल उठाए थे; शाह बोले- सत्ता में रहते क्यों नहीं जागी अंतरात्मा

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर सहित चार प्रदेशों के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक, जिनकी छवि एक ‘दबंग’ जाट नेता के तौर पर रही है, लगभग तीन घंटे बाद दिल्ली के आरकेपुरम थाने से बाहर आ गए हैं। दिल्ली पुलिस के डीसीपी साउथ-वेस्ट मनोज सी. ने उनकी गिरफ्तारी या हिरासत से इनकार किया है। इससे पहले उनके दर्जनों समर्थक भी थाने पहुंचे थे। शनिवार को 12 बजे जैसे ही पूर्व राज्यपाल को थाने ले जाए जाने की खबरें मिलीं, तो कई राज्यों से खाप पंचायतों के प्रतिनिधि थाने के बाहर एकत्रित होने लगे। किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ की तैनाती भी थाने के बाहर की गई।

सत्यपाल मलिक का सम्मान करने के लिए हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप प्रतिनिधि, आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे। वहां पर जैसे ही सत्यपाल मलिक पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। वहां पर टेंट गिरा दिया गया। खाप प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। वह सामान भी इधर-उधर बिखरा पड़ा था। पुलिस ने कहा, पार्क में आयोजन की मंज़ूरी नहीं ली गई थी। दिल्ली पुलिसके मुताबिक पार्क में मीटिंग करने को लेकर उनके पास अनुमति नहीं थी, इस पर पुलिस ने आपत्ति जताते हुए कुछ नेताओं को हिरासत में ले लिया। जिसके बाद सत्यपाल मलिक थाने पहुंचे और धरना देने की घोषणा कर दी।

मलिक ने कहा कि उन्होंने आयोजन की अनुमति मांगी तो पुलिस ने इससे भी इनकार कर दिया। मलिक ने बताया कि उन्होंने पुलिस से कहा कि अगर आप अनुमति नहीं देंगे तो हम गिरफ्तारी देंगे। मलिक ने खुद कहा कि वे गिरफ्तारी देने थाने गए थे। हालांकि दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तारी से इनकार किया।

शनिवार को दिल्ली पुलिस ने सत्यपाल मलिक को हिरासत में ले लिया। उन्हें आरके पुरम थाने में बैठाया गया है।
शनिवार को दिल्ली पुलिस ने सत्यपाल मलिक को हिरासत में ले लिया। उन्हें आरके पुरम थाने में बैठाया गया है।

गुर्जर ने बताया पूरा वाकया
राजस्थान के किसान नेता हिम्मत सिंह गुर्जर ने ‘दैनिक भास्कर’ से फोन पर बातचीत में सत्यपाल मलिक के आरकेपुरम थाने से घर जाने की पुष्टि की है। गुर्जर ने बताया, ‘मलिक 3 घंटे तक आरकेपुरम थाने में बैठे रहे। वे घर लौट गए हैं। पुलिस ने गुरमान चढ़ूनी सहित 25 से ज्यादा किसानों को अभी नहीं छोड़ा है। इन्हें पुलिस अब जाफराबाद थाने पर ले गई है।

गुर्जर ने बताया कि दिल्ली पुलिस आज दोपहर में सत्यपाल मलिक के घर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने मलिक से कहा कि आपसे जो लोग मिलने आ रहे हैं, वे बिना परमिशन आ रहे हैं, उनको हम घर में एंट्री नहीं करने देंगे।

इस पर मलिक ने कहा कि अगर कोई मेरे घर पर मिलने आ रहा है तो ये मैं तय करूंगा, दिल्ली पुलिस नहीं। इस पर दिल्ली पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार करने की बात कही। तब मलिक ने कहा कि ठीक है फिर मैं भी इनके साथ थाने पर चलता हूं।

आरकेपुरम पुलिस स्टेशन से बाहर निकलते सत्यपाल मलिक। वे 3 घंटे तक थाने में बैठे रहे।
आरकेपुरम पुलिस स्टेशन से बाहर निकलते सत्यपाल मलिक। वे 3 घंटे तक थाने में बैठे रहे।

पुलवामा हमले पर केंद्र को घेरा, शाह बोले- उनकी विश्वसनीयता नहीं
सत्यपाल मलिक ने हाल ही में दावा किया था कि केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये के कारण पुलवामा हमला हुआ था। शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने सत्यपाल मलिक पर पलटवार किया।

इंडिया टुडे के कार्यक्रम में शाह ने मलिक के खुलासों से जुड़े सवाल पर कहा कि आपको उनसे ये भी पूछना चाहिए कि उनको ये सारी बातें हमारा साथ छोड़ने के बाद ही क्यों याद आ रही हैं? उन्होंने कहा कि अंतरात्मा उस वक्त क्यों जागृत नहीं होती जब लोग सत्ता में होते हैं। शाह ने सत्यपाल मलिक की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस पर जनता को सोचना चाहिए।

केंद्र ने नहीं CBI ने भेजा समन
कांग्रेस का आरोप है कि पुलवामा पर दिए बयान की वजह से CBI ने मलिक को तलब किया है। कांग्रेस और आप नेताओं ने भी इस मामले में केंद्र सरकार को घेरा था। इसपर अमित शाह ने कहा कि सत्यपाल मलिक को भेजा गया समन CBI की तरफ से था, ना कि केंद्र सरकार की तरफ से। CBI पहले भी उन्हें दो या तीन बार तलब कर चुकी है। वह बस ऐसे बयान देकर जनता को भ्रम में डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में न होने पर ही अंतरात्मा क्यों जाग जाती है।

अमित शाह जून 2019 में जब जम्मू-कश्मीर गए थे, तब मलिक ने उनका स्वागत किया था। दो महीने बाद यानी अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दी गई थी।
अमित शाह जून 2019 में जब जम्मू-कश्मीर गए थे, तब मलिक ने उनका स्वागत किया था। दो महीने बाद यानी अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दी गई थी।

सत्यपाल मलिक ने पुलवामा आतंकी हमले पर क्या कहा था
जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन और पुलवामा हमले के समय वहां के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लेकर सवाल उठाए थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया था।

उन्होंने दावा किया था कि इतना बड़ा काफिला कभी सड़क मार्ग से नहीं जाता और इसलिए CRPF ने गृह मंत्रालय से एयरक्राफ्ट देने की मांग की थी जिसे ठुकरा दिया गया। मलिक ने कहा था कि CRPF को बस पांच एयरक्राफ्ट की ही जरूरत थी।

उन्होंने कहा था कि PM मोदी ने मुझे जिम कार्बेट से फोन किया और कहा कि ये हमारी गलती के कारण हुआ है। प्रधानमंत्री ने मुझसे इस पर चुप रहने और किसी से कुछ नहीं कहने के लिए कहा था। सत्यपाल मलिक ने NSA अजीत डोभाल का जिक्र करते हुए कहा था कि समझ आ गया था कि सरकार पूरा ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ने वाली है जिससे लोकसभा चुनाव में फायदा लिया जा सके।

CBI ने बुलाया
मलिक ने शुक्रवार को बताया कि CBI रिलायंस इंश्योरेंस मामले में उनसे पूछताछ करना चाहती है। उन्हें अकबर रोड गेस्ट हाउस में बुलाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं राजस्थान जा रहा हूं, इसलिए मैंने CBI को 27 से 29 अप्रैल तक की तारीख दी है।

मलिक ने दावा किया था जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल रहने के दौरान उन्हें दो फाइल पास करने के लिए 300 करोड़ रुपए की रिश्वत ऑफर की गई थी। इनमें एक फाइल राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) के नेता से जुड़ी थी। तो दूसरी अंबानी से संबंध रखती थी। CBI ने इसी मामले में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया है।

क्या कहा था सत्यपाल मलिक ने ….

बता दें कि 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। सत्यपाल मलिक, उस वक्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा, प्रधानमंत्री को कश्मीर के बारे में ‘गलत जानकारी’ है। वे वहां से ‘अनभिज्ञ’ हैं। सत्यपाल मलिक ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे (सत्यपाल मलिक) उसके बारे में बोलने से मना किया था। सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्रॉफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।

बतौर सत्यपाल मलिक, वह हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था। उस समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे। मलिक ने कहा, उन्होंने इन सभी चूकों को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया। पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री कॉर्बेट पार्क में थे। जब पीएम से बात हुई तो उन्होंने इस बारे में चुप रहने और किसी को न बताने के लिए कहा था। एनएसए अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने और इस बारे में बात न करने के लिए कहा। मलिक ने कहा, उन्हें फौरन एहसास हुआ कि यहां इरादा पाकिस्तान पर दोष मढ़ना और सरकार और भाजपा के लिए चुनावी फायदा पाना था।

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