झुंझुनूं-खेतड़ी : राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के कर्मचारियों ने सात सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार दो दिवसीय धरना शुरू किया है। इस दौरान राजस्व सेवा के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पूर्व में हुए समझौतों को लागू करवाने की मांग की है।
कर्मचारियों ने विरोध करते हुए बताया कि यदि सरकार ने जल्द ही पूर्व में हुए समझौतों को लागू नहीं किया, तो राजस्व सेवा के कर्मचारी राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रशासन गांव के संग अभियान का पूर्ण रूप से बहिष्कार कर देंगे।
तहसीलदार विवेक कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार और राजस्थान सेवा परिषद के कर्मचारियों के बीच समझौते हुए थे, लेकिन आज तक समझौतों का क्रियान्वयन नहीं होने के कारण प्रदेश के राजस्व कर्मचारियों में विरोध उत्पन्न हो रहा है। पिछले डेढ़ वर्ष से कर्मचारी लगातार ज्ञापन व बैठकों से समझौते के लागू करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि समझौतों को लागू करवाने को लेकर कर्मचारियों ने राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे प्रशासन गांव के संग कार्य का बहिष्कार किया गया था, जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए जल्द ही समझौते लागू करने के निवेदन किया था। जिस पर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की अपील पर आंदोलन को स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद राज्य सरकार व राज्य सेवा परिषद के अधिकारियों के बीच सीएमआर में बैठक का आयोजन किया और जल्द ही समझौते लागू करने का आश्वासन दिया गया था।
इसके बावजूद भी सरकार की ओर से समझौतों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। यदि इसके बावजूद भी सरकार की ओर से उनके समझौता लागू नहीं किए गए, तो 24 अप्रैल से समस्त कार्यों और प्रशासन गांवों एवं शहरों के संग अभियान का बहिष्कार किया जाएगा।
इस दौरान राजस्व कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध भी जताया। इस मौके पर नायब तहसीलदार विजयपाल सिंह, कानूनगो संघ अध्यक्ष पप्पूलाल, मदनलाल दौराता, अमित कुमार, सुमेर सिंह, प्रिंस कुमार, रामस्वरूप, सीताराम, नंदलाल, प्रेमलता, रिंकू सैनी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।