जनमानस शेखावाटी संवाददाता : नीलेश मुदगल
झुंझुनूं-भीमसर : झुंझुनूं जिले के भीमसर निवासी डाॅ. जुल्फिकार ने स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी व देश-विदेश में शोध कार्य करने के साथ-साथ ही स्वामी विवेकानंद के सबसे बडे प्रचारक बने है। डाॅ. जुल्फिकार पिछले तीन साल से स्वामी विवेकानंद का संदेश युवाओं तक पहुंचाने के लिए कैलेंडर बांट रहे हैं। एक लाख कैलेंडर वितरण का लक्ष्य लेकर चल रहे है। डाॅ.जुल्फिकार ग्यारह साल की उम्र से ही रामकृष्ण मिशन खेतड़ी जाने व स्वामी विवेकानंद की पुस्तके पढ़ने लगे थे। स्वामी विवेकानंद पर पीएचडी करने वाले डाॅ. जुल्फिकार पहले मुस्लिम है। उन्होंने 2005 से लेकर 2009 तक स्वामी विवेकानंद पर शोध किया।
एक लाख युवाओं को कैलेंडर वितरण करने का लिया संकल्प
डॉ. जुल्फिकार ने राष्ट्रीय युवा दिवस 2021 में एक बड़ा लक्ष्य रखते हुए प्रदेशभर में स्वामी विवेकानंद के संदेश को व्यापक बनाने के लिए एक लाख युवाओं को विवेकानंद से संबंधित पुस्तक और विवेकानंद कैंलेडर वितरण करना प्रारंभ किया। जिससे वह स्वामी विवेकानंद के सबसे बडे़ प्रचारक बन गए हैं। डॉ. जुल्फिकार ने बताया कि वह स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं, बल्कि वे कई सालों से स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2021 में पांच हजार, 2022 में सात हजार कैलेंडर वितरण कर चुके है, वही 2023 में अभी तक आठ हजार युवाओं को विवेकानंद से संबंधित पुस्तक व विवेकानंद का कैलेंडर वितरित कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अलवर, जयपुर, सीकर, चूरू, हनुमानगढ़ और झुंझुनू के राजकीय-गैर राजकीय विद्यालयों, वेद विद्यालयों, मदरसों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को देने के साथ ही झुंझुनू जिले के आस- पास के खेतड़ी, कोलिहान नगर, राजोता, सिघाना, जसरापुर,भीमसर, नूआं, सिरियासर, आबूसर, चुड़ैला, कोलिन्डा, चैनपुरा, धन्धूरी, अलसीसर, मलसीसर, जाबासर, टमकोर सहित करीब 35 गावों में कैलेंडर व पुस्तकें निशुल्क वितरित कर चुके हैं।
2021 से कैलेंडर वितरण किया था प्रारंभ
डाॅ. जुल्फिकार ने 2021 में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर जयपुर पुलिस मुख्यालय से युगपुरुष स्वामी विवेकानंद का कैलेंडर वितरण करना प्रारंभ किया था। पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक हैदर अली जैदी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन सिंह राठौड़ व नरेश कुमार मीणा द्वारा कैलेंडर का विमोचन कर वितरण शुरू किया था।
जुल्फिकार तीन देशों के मंठों में रहकर किया अध्यन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के प्रोजेक्ट और अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में भाग लेने के लिए डॉ. जुल्फिकार बांग्लादेश, श्रीलंका और सिगांपुर देशों की यात्रा कर चुके हैं। डाॅ. जुल्फिकार ने बताया कि उक्त देशों के रामकृष्ण मठों व मिशन संस्थाओं में रह कर अध्ययन करने वाले पहले भारतीय मुस्लिम प्रोफेसर हैं। उन्होंने न केवल संतों के बीच में समय बिताया बल्कि विवेकानंद और रामकृष्ण मठ-मिशन के सामाजिक कार्यों को समझा। डॉ. जुल्फिकार देश के सबसे प्रसिद्ध वेलूर मठ और 50 से अधिक रामकृष्ण मठ व मिशन संस्थाओं में रह कर स्वामी विवेकानंद पर भी अध्यन किया है।
विवेकानंद पर लिख चुके हैं ये पुस्तकें
डॉक्टर जुल्फिकार ने स्वामी विवेकानंद पर काफी पुस्तके लिखी है जिसमें रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन, स्वामी विवेकानंद चिन्तन एवं रामकृष्ण मिशन खेतड़ी, स्वामी विवेकानंद और राजस्थान की कुछ प्रेरक घटनाएं, रामकृष्ण मिशन बांग्लादेश (ढाका) का अध्ययन पुस्तकें मुख्य है।