जयपुर : जनसंख्या में वृद्धि के अनुपात में आरक्षण बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को मानसरोवर में अनुसूचित जाति-जनजाति महापंचायत हुई। इस दौरान भाषण के बीच कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल को टोकने पर कुछ देर के लिए असहज स्थिति बन गई। नाराज मंत्री ने बीच में ही भाषण रोक दिया और महापंचायत छोड़कर चले गए। मंत्रियों को मंच पर नहीं बैठाया गया। इसकी भी नाराजगी थी।
दरअसल, कार्यक्रम में वक्ताओं की संख्या अधिक थी। करीब साठ अतिथियों को बोलना था। मंच संचालन की जिम्मेदारी बी.एल. बैरवा और सेवानिवृत्त आईपीएस सतवीर सिंह सम्भाल रहे थे। आपदा राहत मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने अपने भाषण में एससी-एसटी वर्ग की लंबित मांगों को लेकर केंद्र सरकार को घेरा। इस दौरान सतवीर सिंह ने समय की बाध्यता का हवाला देते हुए मंत्री को मुद्दे की बात पर बोलने के लिए कहा। इस पर मेघवाल नाराज हो गए। उन्होंने कहा, मेरा भाषण यहीं खत्म करता हूं। आगे नहीं बोलेंगे। हमने सुन लिया। अतिथियों का खूब स्वागत किया है।
मंच संचालकों की तरफ इशारा करते हुए बोले कि ये नेता बनना चाहते हैं। आपने एक भी नेता को स्टेज पर नहीं बैठाया। उन्होंने बीच में ही माइक छोड़ दिया। यह कहते हुए वे मंच से उतर गए। मंत्री के समर्थकों और वहां मौजूद लोगों में हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। आयोजकों ने मामले को संभालने की कोशिश की, लेकिन मेघवाल महापंचायत छोड़कर चले गए। इसके तुरंत बाद मंत्री टीकाराम जूली, ममता भूपेश और भजन लाल जाटव भी कार्यक्रम छोड़कर चले गए। उनके समर्थकों ने दूसरे कार्यक्रम में शामिल होने का हवाला दिया। गोविंदराम के अलावा अन्य मंत्रियों ने संबोधन भी नहीं दिया। सभी मंत्री महापंचायत के बाद मुख्यमंत्री आवास गए थे।