सीकर : धोलेरा सिटी में निवेश के नाम पर हुई ठगी में फिर बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि नेक्सा एवरग्रीन कंपनी में निवेश के नाम पर ठगी का शिकार हुए लोगों की संख्या 62 हजार है, जिनसे करीब 2700 करोड़ रुपए ठगे गए।
एसपी करण शर्मा ने बताया कि इनमें से करीब 1400 करोड़ रुपए आरोपियों ने लाभांश के रूप में निवेशकों को लौटा दिए, जबकि 400 करोड़ रुपए बोनस या अन्य पुरस्कारों के रूप में बांट दिए। शेष राशि से उन्होंने धोलेरा सिटी में एक हजार बीघा जमीन के अलावा अलग- अलग जगहों पर जमीन, होटल्स, रिजोर्ट व खान खरीद लीं, जिन्हें सीज करने की कार्रवाई जारी है। एसपी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों से जुड़े दो बैंक खातों को भी सीज किया है। ये खाते अहमदाबाद के थे। जिनमें 3.75 करोड़ रुपए जमा थे।
निवेशकों को मिल सकती है राशि
एसपी ने बड्स एक्ट (बैनिंग ऑफ एंड रेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम) के तहत निवेशकों को उनकी राशि फिर से मिलने की संभावना जताई है। दरअसल, वर्ष 2019 का यह एक्ट अनियमित जमा योजना को बढ़ावा देने, संचालित करने, विज्ञापन निकालने या जमा स्वीकार करने पर रोक लगाता है। अवैध रूप से राशि जमा करने पर सक्षम प्राधिकारी जमाकर्ता व्यक्ति या संस्था की संपत्तियों को जब्त कर उनका निष्पादन कर जमाकर्ताओं को रुपए लौटा सकता है। एक्ट के तहत ठगों से प्राप्त संपत्ति पर पहला हक जमाकर्ता का माना जाता है। एसपी शर्मा ने बताया कि पुलिस भी इसी दिशा में काम करेगी।
नेक्सा एवरग्रीन घोटाले में प्रदेशभर में अब तक करीब 80 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। ये मामले सीकर के अलावा चूरू, झुंझुनूं, जयपुर व जोधपुर आदि जिलों में दर्ज हुए हैं। इनमें सीकर जिले के 33 मुकदमे शामिल हैं। मामले में पुलिस मुख्य आरोपियों अमरचंद ढाका, रणवीर बिजारणियां व सुभाष बिजारणियां तथा उपेंद्र को चार मार्च को पुलिस महाराष्ट्र से गिरफ्तार कर चुकी है। अब उन्हें साथ लेकर उनकी संपतियों की तस्दीक करवाकर पुलिस उन्हें सीज करने में जुटी है।