झुंझुनूं : प्रधानमंत्री ने की झुंझुनूं की बहू की प्रशंसा:दो जुड़वा बच्चों को छोड़ तुर्कीए जाकर भूकंप पीड़ितों की मदद की

झुंझुनूं : तुर्किए व सीरिया में 6 फरवरी को तबाही का भूकंप आया। अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग इस भूकंप में मारे गए। ऐसे में भूकंप के तुरंत बाद भारत की NDRF टीमों को भी मदद के लिए तुर्किए भेजा गया। मानव सेवा के लिए तुर्किए जाने वालों में झुंझुनूं की बहू सुषमा भी शामिल थी। जो अपने 18 महीने के दो जुड़वां बच्चों को सास-ससुर के हवाले कर तुर्किए के लिए रवाना हो गईं। सुषमा जब लौटी तो प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी तारीफ की- कहा अपने जुड़वां बच्चों को छोड़कर दूसरों की मदद के लिए जाना देश को प्रेरित करने वाला काम है।

सुषमा पति जितेंद्र झाझड़िया के साथ दिल्ली रहती हैं। जितेंद्र झुंझुनूं के सौलाना गांव के निवासी हैं। वे एनडीआरएफ में स्ट्रक्चर इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। पत्नी सुषमा दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल हैं और साथ ही उन्होंने ANM का कोर्स किया हुआ है। वे बतौर एएनएम मेडिकल टीम में शामिल थीं।

एनडीआरएफ की मेडिकल टीम में शामिल सुषमा। तस्वीर तुर्किए की है।
एनडीआरएफ की मेडिकल टीम में शामिल सुषमा। तस्वीर तुर्किए की है।

17 फरवरी को भारतीय एनडीआरएफ टीम तुर्किए से लौटी तो प्रधानमंत्री आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी ने टीम से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री को पता चला कि टीम की मेंबर सुषमा के जुड़वां बच्चे हैं, जिन्हें घर पर छोड़कर वही तुर्किए के लिए रवाना हो गईं। इस पर प्रधानमंत्री ने सुषमा की खुलकर तारीफ की।

तुर्कीए में भारतीय एनडीआरएफ टीम ने ऑपरेशन दोस्त चलाकर भूकम्प पीड़ितों की मदद की। तुर्कीए में राहत कार्य में सुषमा ने भरपूर सहयोग दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने सुषमा से कहा कि आप तो अपने जुड़वां बच्चों को छोड़कर गई थीं। यह देश के लिए बहुत बड़ी प्ररेणा है।

दोनों बच्चों के पहले जन्मदिन की तस्वीर। तस्वीर में सुषमा और उनके पति जितेंद्र।
दोनों बच्चों के पहले जन्मदिन की तस्वीर। तस्वीर में सुषमा और उनके पति जितेंद्र।

अब तक बच्चों से नहीं मिली सुषमा

सुषमा 17 फरवरी को भारत लौट आई थीं, लेकिन अभी तक वे अपने बच्चों से नहीं मिल पाई हैं। सुषमा के पति जितेंद्र ने बताया कि 17 फरवरी को भारत आने के बाद उन्हें क्वारैंटाइन किया गया। इस दौरान बस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करवाई गई है। सुषमा के पति जितेंद्र झाझड़िया ने बताया कि 6 फरवरी को कंट्रोल रूम से सुषमा के पास फोन आया था कि तुरंत ही एनडीआरएफ की टीम को तुर्कीए के लिए निकलना है।

17 फरवरी को टीम लौटी तो पीएम आवास में प्रधानमंत्री मोदी टीम से मिले और सुषमा के काम को देश के लिए प्रेरित करने वाला बताया।
17 फरवरी को टीम लौटी तो पीएम आवास में प्रधानमंत्री मोदी टीम से मिले और सुषमा के काम को देश के लिए प्रेरित करने वाला बताया।

इस टीम में सुषमा का नाम शामिल था। सुषमा के पति जितेंद्र उसी समय एक दूसरी ड्यूटी पर थे। सुषमा ने तुर्कीए में भारत की ओर से दी जाने वाली राहत में खुद को पाया तो उन्होंने कुछ नहीं सोचा और तुरंत जाने को तैयार हो गई। इसके बाद सुषमा ने बच्चों को दिल्ली स्थित घर में सास-ससुर को सौंपकर तुर्कीए के लिए रवाना हो गईं।

दिल्ली में अपने परिवार के साथ सुषमा (बायें से दूसरी), बायें नीले कुर्ते में पति जितेंद्र झाझड़िया। साथ में सास और ससुर व दोनों बच्चे।
दिल्ली में अपने परिवार के साथ सुषमा (बायें से दूसरी), बायें नीले कुर्ते में पति जितेंद्र झाझड़िया। साथ में सास और ससुर व दोनों बच्चे।

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने भी सुषमा के साहस की सराहना करते हुए उन्हें गौरवान्वित करने वाली महिला रेस्क्यूजर बताया। सुषमा व उनके पति जितेंद्र ने कोरोना के दौरान भी कई लोगों की जान बचाई थी। ग्रामीणों ने बताया कि सुषमा के गांव आने पर जोरदार सम्मान किया जाएगा।

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