अजमेर : नशीली दवा तस्करी प्रकरण में तफ्तीश के दाैरान हरिद्वार की दवा कंपनी के मालिक काे गिरफ्तारी की धमकी देकर 2 करोड़ रुपए रिश्वत मांगने के मामले में निलंबित एसओजी की तत्कालीन एएसपी दिव्या मित्तल ने काेर्ट में वाॅइस टेस्ट कराने से इनकार कर दिया है। इससे उसे काेई फायदा नहीं हाेगा। एसीबी के पास दिव्या के काले कारनामाें के कई ठाेस सबूत हैं। मामले से जुड़ी कई क्लिपिंग भी एसीबी के पास हैं। अन्य पीड़ित भी सामने आ रहे हैं।
वाॅइस टेस्ट इनकार पर भारी हैं ये 3 बड़े सबूत
मोबाइल फेंकने के सीसीटीवी फुटेज: दिव्या ने ट्रैप से ठीक एक रात पहले मोबाइल सहित कुछ दस्तावेज आनासागर झील में फेंक दिए थे। यहां कैमरे की फुटेज में दिव्या 15 जनवरी की रात 10 बजे कार से उतरकर आनासागर के किनारे वॉक करते हुए दिख रही है। एसीबी ने इन फुटेज को कोर्ट में पेश किया है।
इंटरनेट कॉलिंग की वीडियो रिकॉर्डिंग: हरिद्वार में दवा फैक्ट्री के मालिक और आगरा के रहने वाले विकास अग्रवाल को प्रतिबंधित दवाओं की तस्करी के केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर और केस कमजोर करने की एवज में 2 करोड़ रुपए मांगे जा रहे थे। 7 जनवरी को कांस्टेबल देवेंद्र के सामने इंटरनेट कॉलिंग के जरिए दलाल सुमित ने व्यापारी से बात की थी।
ऑडियो रिकॉर्डिंग: 10 जनवरी को विकास अपने दोस्त के साथ एसीबी ऑफिस जयपुर पहुंचा। एसीबी ने विकास को पॉकेट वॉइस रिकॉर्डर दिया था। वॉइस रिकॉर्डर के साथ विकास एसओजी ऑफिस अजमेर पहुंचा था। जहां उसने दिव्या से रिश्वत लेनदेन काे लेकर बातचीत की थी जाे एसीबी के पाॅकेट वाॅइस रिकार्डर में कैद है।
ऑडियाे क्लिप में खुलासा: व्यापारी को धमकाते हुए कहा-तकलीफ में आ जाओगे
एक और नया ऑडियाे एसीबी के हाथ लगा है। इसमें दिव्या ने रामगंज थाने में दर्ज दवा तस्करी के मुकदमे में पंजाब के दवा काराेबारी काे फंसाने की धमकी दी थी। कारोबारी के वकील के माेबाइल फाेन से ही दिव्या ने व्यापारी से बातचीत की और धमकाते हुए कहा कि वकील भेजकर जो ये होशियारी आप छांट रहे हो ना, तकलीफ में आ जाओगे। घर से उठाकर जूते मारते हुए लाएंगे, तो ही बाइज्जत आओगे?…।