झुंझुनूं : करीब 10 करोड़ तक पहुंची नेक्शा की ठगी:पीड़ित आने लगे सामने, 1 हजार करोड़ की ठगी का अनुमान

झुंझुनूं : करोड़ो रूपए लेकर फरार हुई नेक्शा एवरग्रीन कंपनी की ठगी के मामले सामने आने लगे है। झुंझुनूं में ठगी आंकडा का धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है। ठगी के शिकार हुए लोग अब धीर धीरे पुलिस के पास मदद के लिए पहुंच रहे है। झुंझुनूं जिले में भी दर्जनों लोग है, जिन्होंने मोटे मुनाफ के लालच में कंपनी में निवेश किया। जिले की बात करे तो कंपनी के खिलाफ अब तक 10 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके है। दो मामले झुंझुनूं कोतवाली तथा दो गढ़गौड़जी थाना में सामूहिक लोगों ने दर्ज करवाए है। मामले की जांच झुंझुनूं डीएसपी शंकरलाल छाबा कर रहे हैं। ठगी का शिकार हुए लोगों की माने तो झुंझुनूं में यह आंकड़ा एक हजार करोड़ से उपर है। इस मामले को झुंझुनूं एसपी मृदुल कच्छावा ने एसआईटी से जांच कराने की बात कही है। कंपनी ने प्रदेश में कई जगह नेक्शा के नाम ब्रांच खोल रखी थी। झुंझुनूं में भी चूरू बाइपास रोड़ पर कंपनी का ऑफिस था। लोगों को कंपनी से जोड़ने के लिए 9 मार्च 2022 को ऑफिस को खोला गया था। झुंझुनूं में मदनसर का मोहम्मद सलीम व गफ्फार ऑफिस का संचालन कर रहे थे।

सेना से रिटायर था सलीम सलीम खान पूर्व सैनिक है। सेना से रिटायरमेंट के बाद 2018 में ड्राइवर के रूप में गाड़ी चलाने लगा। उसके बाद जुलाई 2019 से चार महीने उसने कोटा थर्मल में सिक्योरिटी गार्ड का काम किया। फिर जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक उसने डीएसई (डिफेंस सिक्योरिटी कोर) में नौकरी की। गफ्फार भी सलीम के गांव का ही रहने वाला है। मजदूरी के लिए दो बार विदेश जा चुका है। गांव में ही बकरी बकरे का पालन कर आजीविका चला रहा है। गफ्फार 10वीं कक्षा पढ़ा हुआ है। गफ्फार को सलीम ने नेक्सा एवखीन कंपनी के झुंझुनूं ऑफिस में सार-संभाल के लिए रखा था। ऑफिस में सारसंभाल के लिए आया गफ्फार भी मोटी रकम कमाने के लालच में लोगों को जोड़ने लगा।

4 नवंबर को खोला पहला खाता जिले में मुकेश कुमार जांगिड का कंपनी में सबसे पहला खाता खुला था। मोहम्मद सलीम के जरिए ही मुकेश ने 2 लाख रुपए लगाकर कंपनी में निवेश किया। इसके बाद धीर धीरे लोग कंपनी से जुड़ते गए। हफ्ते में हर मंगलवार को 50 हजार पर 1352 रूपए का मुनाफा मिलता था। लेकिन 24 जनवरी को अचानक पैसे आने बंद आने हो गए। झुंझुनूं मे बाईपास रोड़ स्थित ब्रांच में जाकर देखा तो ऑफिस बंद था। इसके बाद लोगों को धीरे धीरे अहसास हुआ की उनके साथ ठगी हुई।

ठगी का ज्यादा शिकार पूर्व सैनिकों ठगी का शिकार ज्यादातर पीड़ित पूर्व सैनिक है, क्योकि मुख्य आरोपी सुभाष बिजारणियां भी फौज में रह चुका है। आरोपी ने नेक्शा एवरग्रीन कंपनी की शुरूआत में सैनिक व उनके परिवारों को जोड़ा। इसके बाद मुनाफा के लालच लोग धीरे धीरे जुड़ते गए। कंपनी में मोटी रकम लगानी शुरू कर दी। फिर कंपनी अचानक बंद हो गई। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

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