केंद्र सरकार के बजट को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणाओं का पिटारा बताया है। उन्होंने कहा- इस बजट से राजस्थान की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने कहा- राजस्थान को कुछ ना देकर मोदी जी ने धोखा किया है। जिसे जनता कभी नहीं भूलेगी। वहीं, बीजेपी नेताओं ने केंद्र सरकार के बजट को ऐतिहासिक बजट करार दिया।
गहलोत ने कहा- यह बजट प्रदेश के लिए घोर निराशाजनक रहा। राजस्थान राज्य के विकास से संबंधित महत्वपूर्ण परियोजना ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने की हमारी वाजिब मांग को केन्द्र सरकार के स्वीकार नहीं किये जाने से प्रदेशवासियों को निराशा हुई है। चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्नाटक राज्य को उपरी भद्रा परियोजना के लिए अतिरिक्त सहायता के रूप में 5,300 करोड़ उपलब्ध कराया जाना केन्द्र का राजस्थान के प्रति मोदी सरकार के सौतेले व्यवहार को दिखाता है। राजस्थान की जनता इस सौतेले व्यवहार का समय आने पर जवाब देगी।
गहलोत ने कहा- बजट में केवल जुमलों का प्रयोग किया गया है। गरीब लोगों के लिए कोरोना काल में संजीवनी साबित हुई महात्मा गांधी नरेगा जैसी योजनाओं में केन्द्र सरकार ने 33 फीसदी बजट कम कर दिया है। नरेगा का बजट 30 हजार करोड़ कम करना साबित करता है कि यह बजट गरीब, भूमिहीन किसान,और आमजन विरोधी है। इस बजट में कृषि और कृषक कल्याण से जुड़ी बहुत सारी बेतुकी घोषणाएं की गई हैं। लेकिन कृषि मंत्रालय के बजट में पिछले साल से लगभग 6 प्रतिशत कम बजट दिया है। कृषि मंत्रालय को पिछले साल से 7500 करोड़ कम बजट दिया है। यूरिया सब्सिडी में पिछले साल की तुलना में 23 हजार करोड़ की कमी की है। यह 15 फीसदी कम है।
गहलोत ने कहा- केन्द्र सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय, महिला बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की उपेक्षा करते हुए पिछले साल की तुलना में इस बजट में कोई खास बढ़ोतरी नहीं की गई है। देश मंहगाई से त्रस्त है, आम आदमी के प्रतिदिन काम में आने वाले आटा, दालों, तेल, साबुन आदि की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इससे आम आदमी के लिए जीवनयापन करना मुश्किल हो जाएगा। बजट में मंहगाई को कम करने के संबंध में कोई पॉलिसी स्टेटमेंट नहीं आने से आम आदमी का जीवन और भी मुश्किल में आ जाएगा।
राजस्थान की जनता को मिला धोखा- गोविन्द सिंह डोटासरा
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- केंद्र सरकार के इस बजट से देशवासियों में निराशा का माहौल आ गया है। बजट में न तो कर्मचारियों के लिए और न ही युवाओं के लिए कोई घोषणा की गई। वहीं, महंगाई से मायूस मिडिल क्लास को और ज्यादा हताश कर दिया है। राजस्थान को भी इस बजट में कुछ नहीं मिला। वहीं, ईआरसीपी परियोजना पर भी केंद्र सरकार की चुप्पी राजस्थान की जनता के साथ धोखा है। जिसे प्रदेश की जनता कभी नहीं भूलेगी।
पूनिया-कटारिया बोले- शानदार बजट
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा- केंद्र सरकार का बजट मध्यम और वंचित वर्ग की उम्मीदों को पूरा करने वाला है। इस बजट में न सिर्फ देश के सर्वांगीण विकास के लिए मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने का प्रावधान रखा गया है। बल्कि हरित विकास और नौजवान कल्याण के लिए भी योजनाएं बनाई गई है। इससे भविष्य में भारत विकसित देशों की श्रेणी में आएगा। वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा- केंद्र सरकार का बजट ऐतिहासिक है। जिसे देश के विकास को नई दिशा मिलेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा- टैक्स स्लैब में राहत देकर केंद्र सरकार ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर को डिवेलप करने के लिए कई घोषणाएं की गई है। जिससे भारत की दशा और दिशा पूरी तरह से बदल जाएगी।
आकड़ों में उलझने वाला बजट- हनुमान बेनीवाल
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट सिर्फ आंकड़ों में उलझा आने वाला है। आम जनता के लिए इस बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है। इनकम टैक्स में छूट सिर्फ सात लाख तक बढ़ाई गई है। जिसे 10 लाख तक बढ़ाना था। ताकि आम आदमी को राहत मिल सके। लेकिन केंद्र ने ऐसा नहीं किया। बजट में राजस्थान के साथ बजट में सौतेला व्यवहार किया गया है। एक और चुनावी राज्यों को केंद्र ने विशेष पैकेज दिया है। जबकि राजस्थान के लिए ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई। जिसे जनता नहीं भूलेगी। इस बजट को मैं 10 में से सिर्फ दो नंबर देता हूं।
सर्राफा व्यापारी बोले- सोने के दाम बढ़ेंगे
जयपुर सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश मित्तल ने बताया कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का सबसे ज्यादा असर छोटे व्यापारियों और मध्यमवर्गीय परिवार पर नजर आएगा। क्योंकि दोनों ही सोने और चांदी में लिमिटेड निवेश करते हैं। उन्होंने बताया कि एक्साइज ड्यूटी बढ़ने की वजह से सोने में 300 से 400 रुपय प्रति तोले की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं चांदी प्रति किलो 200 रुपय तक महंगी हो सकती है। ऐसे में आम आदमी कीमती धातुओं से दूरी बना सकता है।
मित्तल ने बताया कि राजस्थान भारत का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। ऐसे में हजारों की संख्या में हर साल विदेशी सैलानी भी राजस्थान आते हैं। जो राजस्थान से पारंपरिक ज्वेलरी भी खरीदते हैं। लेकिन एक्साइज ड्यूटी बढ़ने की वजह से अब विदेशी मेहमान भी कम खरीदारी करेंगे। जिसका सर पूरे राजस्थान और देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज बजट के बाद ही सर्राफा बाजार में जहां चांदी के भाव में तेजी आ गई है। वहीं सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में आने वाले दिनों में सोना और चांदी आम आदमी की पहुंच से दूर हो सकता है।
सीआईआई के राजस्थान चेयरमैन गौरव रूंगटा ने कहा कि केंद्र सरकार ने लग्जरी सेगमेंट में टैक्सेशन बढ़ाया है। ताकि बजट को बैलेंस किया जा सके। सरकार का यह फैसला डेफिशीयेट फाइनेंसिंग को ध्यान में रखकर लिया गया है। इससे सरकार अपनी योजनाओं को पूरा करने के लिए रेवेन्यू जनरेट कर सकेगी। गोल्ड और सिल्वर पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का यह प्रमुख कारण है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी हो या व्यापारी दोनों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का सीधा असर पड़ेगा भविष्य में सोने और चांदी दोनों की कीमत में इजाफा होगा। जिससे महंगाई भी थोड़ी बढ़ेगी। लेकिन इनकम टैक्स स्लैब में जो रियायत मिली है। उसमें काफी बेनिफिट मिलेगा। ऐसे में एक्साइज ड्यूटी बढ़ने का आम आदमी पर बैलेंस इफेक्ट पड़ेगा।