Budget Session 2023: संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के अभिभाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेगी। इसके बाद कल यानी एक फरवरी को केंद्र सरकार संसद में बजट पेश करेगी। मौजूदा मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। क्योंकि 2024 के मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। लिहाजा उसके पहले सरकार 2024 में अंतरिम बजट ही पेश कर पाएगी। जबकि चुनाव के बाद पूर्ण बजट पेश होगा।
इस साल 2023 में 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं जिसे 2024 के आम चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि यह पूर्णकालिक बजट चुनावी मौसम वाला बजट पेश हो सकता है। जिसमें सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ जरूर होगा ताकि वो सरकार के कामकाज से खुश हो सकें।
दरअसल केंद्र सरकार पर मध्यम वर्ग से लेकर किसानों, मजदूरों, युवाओं, छात्रों, बुजुर्गों और मध्यम वर्ग के बीच अपनी छवि को और मजबूत करने का दबाव है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार इस बजट में सभी वर्गों को खुश करने के लिए कई लोकलुभावन ऐलान कर सकती है। साथ में देश आर्थिक विकास को गति को रफ्तार देने के लिए पूंजीगत खर्चों में बड़ा भरकम इजाफा भी कर सकती है। हालांकि इस दौरान सरकार पर राजकोषीय दवाब भी रहेगा कि बजट में ऐलान किए गए वादों को पूरा करने के लिए पैसा कहां आएगा। साथ ही सरकार पर राजकोषीय घाटे को भी कम करने की चुनौती होगी।
इतना ही सरकार पर बजट के दौरान बढ़ती महंगाई पर काबू में रहने की भी चुनौती होगी। दरअसल आम जनमानस महंगाई के काफी परेशान है। बीते एक साल में महंगाई ने आम से खास सभी वर्गों को परेशान कर रखा है। पेट्रोल-डीजल से लेकर सीएनजी-पीएनजी, खाने के तेल, आटा-चावल सबके दाम सातवें आसमान पर हैं।
पैक्ड फूड आईटम्स पर जीएसटी बढ़ने के बाद महंगाई आम लोगों की रही सही कमर भी तोड़ दी। महंगाई पर काबू में रखने लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) ने कर्ज को महंगा कर दिया। जिससे होम लोन की ईएमआई महंगी हो गई। इसका सीधा प्रभाव आम लोगों की बचत पर पड़ा है। लिहाजा मोदी सरकार पर मिडिल क्लास को बजट के जरिए राहत देने का सबसे बड़ा दबाव है।