
जब देश अंग्रेजों के अधीन था, तभी भारतीय सेना का गठन हो गया था। उस समय सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिटिश हुआ करते थे। 1947 में देश की आजादी के बाद भी सेना के अध्यक्ष ब्रिटिश मूल के ही थे। हालांकि 1949 में आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के जाने के बाद उनकी जगह एक भारतीय ने ली। लेफ्टिनेंट जनरल के एम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सैन्य अधिकारी बने। देश के लिए यह मौका खास था और के एम करियप्पा भी।

देश की सेना के पहले भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल के एम करिअप्पा थे। उनके नाम एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध का नेतृत्व उन्होंने ही किया था और जीत हासिल की थी। बाद में उनका पद बढ़ा और वह फील्ड मार्शल बन गए। 1949 में जब फील्ड मार्शल करियप्पा को सेना प्रमुख बनाया गया तो भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। वर्ष 1953 में करियप्पा रिटायर हो गए थे। बाद में 1993 में 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उस समय तक करियप्पा के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हो चुकी थीं।

1947 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ तो के एम करियप्पा ने ही भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। वहीं दूसरे विश्व युद्ध में भी करियप्पा शामिल हुए थे। बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए के एम करियप्पा को ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान भी मिला था।

सवाल ये है कि 15 जनवरी को ही भारतीय सेना दिवस क्यों मनाते हैं। जवाब है कि देश के पहले भारतीय सेना प्रमुख फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 15 जनवरी को ही इस पद पर आसीन हुए थे। यह दिन इतिहास में काफी महत्वपूर्ण रहा कि देश की सेना का नेतृत्व एक भारतीय के हाथों में पहुंचा। इसलिए हर साल 15 जनवरी को भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा।

- 1947-48 में कश्मीर युद्ध हुआ था,जब पाकिस्तानी सेना ने कश्मीर को छीनने के इरादे से आक्रमण कर दिया था। तत्कालीन कश्मीर शासक महाराजा हरि सिंह के अनुरोध पर भारतीय सेना ने कश्मीर को बचाया था।
- 1962 में चीन ने भारतीय हिमालयी सीमा पर हमला कर दिया था। भारतीय सेना तैयार नहीं थी, इस कारण भारी नुकसान हुआ लेकिन भारत के सशस्त्र बलों ने सीमा पर चीन के खिलाफ मुस्तैदी बढ़ा दी और मुंहतोड़ जवाब दिया।
- 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया और युद्ध में पराजित किया।
- 1971 में बांग्लादेश युद्ध हुआ जब पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेशियों को भारत में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान के पूर्वी इलाके पर कब्जा करके 90000 कैदियों को आजादी दिलाई और उस क्षेत्र को बांग्लादेश के तौर पर एक स्वतंत्र पहचान दिलाई।
- 1999 में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ ऑपरेशन विजय चलाया गया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की जीत इतिहास में सुनहरे अक्षरों से दर्ज हो गई। यह कारगिल युद्ध के नाम पर भी मशहूर है।